पर्यावरण – ताज़ा खबरें और आसान जानकारी

आपका स्वागत है दैनिक अभिव्यक्‍ति के पर्यावरण पेज पर! यहाँ हम रोज़ की हवा, पानी और जंगलों से जुड़ी बातों को सीधे आपके सामने रखेंगे। पढ़ते रहिए, समझते रहिए, और छोटे‑छोटे कदम उठाते रहिए।

दिल्ली में वायु प्रदूषण के समाधान

दिल्ल​ी की धुंध ने फिर से सबको परेशान किया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 484 तक पहुँच गया, और लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। इस कारण कई दुकानों में एय​र प्यूरिफायर और मास्क की बिक्री तेज़ी से बढ़ी है। अगर आप भी घर में साफ हवा चाहते हैं तो एक छोटा‑सा प्यूरीफायर खरीदना फायदेमंद रहेगा।

मास्क के मामले में, सिर्फ कोई भी कवर नहीं चल सकता। N95 या KF94 जैसे फिल्टर वाले मास्क चुनिए, क्योंकि ये छोटे‑छोटे धूल और बैक्टीरिया को बहुत अच्छी तरह रोकते हैं। साथ ही, घर पर पौधे रखकर प्राकृतिक रूप से हवा की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है—सजग रहिए, थोड़ा सा हरियाली आपके कमरे को ताज़ा बनाती है।

दिल्ली में कई लोग वाक‑इट‑ऑर‑बायोफिल्टर तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। अगर आप बजट में नहीं हैं तो पुराने एसी के फ़िल्टर को साफ़ करके भी थोड़ी बहुत सफाई मिल सकती है। छोटे‑छोटे बदलाव बड़े असर देते हैं, इसलिए हर रोज़ एक कदम आगे बढ़ते रहिए।

बाघ संरक्षण: सुंदरबन की चुनौतियाँ

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2024 ने फिर से इस बात पर ज़ोर दिया कि सुंदरबन में बाघों का भविष्य उज्ज्वल नहीं है। बाग़‑वाइल्डलाइफ़ विशेषज्ञ वाई वी झाला के अनुसार, यहाँ आवास की कमी, शिकार और जलवायु परिवर्तन मुख्य समस्याएँ हैं।

सुरक्षा के लिए सबसे पहले स्थानीय लोगों को जागरूक करना जरूरी है। जब गाँव वाले समझेंगे कि बाघों का संरक्षण उनके खुद के खेतों से भी जुड़ा है, तो संघर्ष कम होगा। साथ ही, वन्यजीव ट्रैकिंग डिवाइस और कैमरा सेट‑अप से बाघों की निगरानी आसान हो गई है—इन तकनीकों को अपनाने में मदद करिए।

आप अपने इलाके में छोटे स्तर पर क्या कर सकते हैं? अगर आप जंगल के किनारे रहते हैं तो कूड़ेदान को साफ़ रखें, क्योंकि कचरा अक्सर बाघों को आकर्षित करता है और संघर्ष बढ़ा देता है। साथ ही, स्थानीय NGOs के साथ मिलकर पत्तियों या बीजों की बोवाई में मदद करें—इससे बाघों का प्राकृतिक आवास फिर से मजबूत होगा।

बच्चों को भी इस बात पर शिक्षित करना आवश्यक है। स्कूल में बाघों की कहानी सुनाकर और चित्र बनाकर आप एक पीढ़ी बना सकते हैं जो वन्यजीवों की रक्षा के लिए तैयार होगी। छोटे‑छोटे कदम, बड़ा फर्क!

पर्यावरण से जुड़ी ये दो मुख्य खबरें—दिल्ली की धुंध और सुंदरबन का बाघ संकट—हमारी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में सीधे असर डालती हैं। आप इनसे क्या सीखते हैं? अगर आपने अभी तक एय​र प्यूरीफायर नहीं खरीदा, तो सोचिए; अगर स्थानीय संरक्षण कार्यों में हिस्सा नहीं लिया, तो आज ही जुड़ें।

अगली बार जब आप बाहर निकलेंगे, तो हवा की ताज़गी को महसूस करेंगे और जंगल की आवाज़ सुनेंगे—इन दोनों के बीच संतुलन बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है। दैनिक अभिव्यक्ति आपके साथ इस यात्रा में हमेशा रहेगा।

दिल्ली में प्रदूषण के कारण एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में तेजी

दिल्ली में प्रदूषण के कारण एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में तेजी

19 नव॰ 2024

दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के चलते एयर प्यूरीफायर और मास्क की बिक्री में तेजी आई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 484 पर पहुंचने के बाद लोग अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इनकी ओर रुख कर रहे हैं। दुकानदार बढ़ती मांग की रिपोर्ट कर रहे हैं, जिससे एयर प्यूरीफायर अब घरों की अनिवार्यता बन गए हैं। वायु की खराब स्थिति के कारण होने वाले स्वास्थ्य खतरों की चिंता बढ़ रही है।

जारी रखें पढ़ रहे हैं...
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2024: सुंदरबन में बाघों का भविष्य नहीं है उज्जवल, कहते हैं वाई वी झाला

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2024: सुंदरबन में बाघों का भविष्य नहीं है उज्जवल, कहते हैं वाई वी झाला

29 जुल॰ 2024

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2024 पर वन्यजीव विशेषज्ञ वाई वी झाला ने चिंता जताई कि सुंदरबन में बाघों का भविष्य उज्जवल नहीं है। सुंदरबन में बाघों की कई चुनौतियों से जूझना पड़ता है, जैसे आवास की हानि, मानव-बाघ संघर्ष, शिकार, और जलवायु परिवर्तन। झाला ने बाघों के संरक्षण के प्रयासों पर ज़ोर दिया। विश्व में बाघों की संख्या 5,574 के करीब है, लेकिन सुंदरबन विशेष चुनौतियों का सामना कर रहा है।

जारी रखें पढ़ रहे हैं...