नोवाक जोकोविच का विंबलडन में अदम्य आत्मविश्वास
टेनिस जगत के सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में से एक, विंबलडन, एक बार फिर चर्चा में आ गया, जब रिकॉर्ड 24 बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन नोवाक जोकोविच ने 15वीं सीड हॉल्गर रूने के खिलाफ एक संघर्षपूर्ण मैच में जीत दर्ज की। जोकोविच, जो पहले से ही सात बार विंबलडन का खिताब जीत चुके हैं, ने इस जीत के बाद मैदान पर दिल से अपने प्रशंसकों का धन्यवाद किया लेकिन उन दर्शकों की तीव्र आलोचना की जिन्होंने खेल के दौरान उनके प्रति अपमानजनक रवैया अपनाया।
मैच के बाद का साक्षात्कार और अनुशासन पर जोर
जोकोविच का यह पोस्ट-मैच साक्षात्कार काफी चर्चा में आ गया है। साक्षात्कार के दौरान, जोकोविच ने स्पष्ट रूप से कहा कि वो उन दर्शकों के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करेंगे जिन्होंने खेल के दौरान उनका निरादर किया। जबकि साक्षात्कारकर्ता ने इस घटना को मजाक के रूप में पेश करने की कोशिश की, जोकोविच ने अपने रुख को निर्भीकता से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि एक अनुभवी खिलाड़ी होने के नाते वह इन सब चीजों को अच्छी तरह समझते हैं और उस दिन की स्थिति को सही ढंग से पढ़ सकते हैं।
अनुशासनहीनता और खेल भावना की बात
जोकोविच ने अपने प्रशंसकों को समर्पित बयान दिया, जिनकी वास्तविक प्रेम और सम्मान उनकी जीत का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि खेल के प्रति गंभीरता और वास्तविक भावनाओं के साथ जो प्रशंसक स्टेडियम आते हैं उनका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कुछ दर्शकों का नकारात्मक रवैया खेल के माहौल को खराब करता है।
जोकोविच ने यह भी इशारा किया कि अधिकारी भी इस दिशा में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दर्शकों के अधिकारों का सम्मान होना चाहिए, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वे अनुशासनहीनता ना फैलाएं।
भविष्य के मैच और जोकोविच का दृढ़ संकल्प
इससे आगे की तरफ देखते हुए, जोकोविच अब 10 जुलाई को ऑस्ट्रेलिया के 16वीं सीड एलेक्स डी मिनौर का सामना करने के लिए तैयार हैं। यह मैच उनके सेमीफाइनल में पहुंचने का मार्ग निर्धारित करेगा और जोड़ता है कि उनकी जीत की चाहना और उनका दृढ़ संकल्प किसी भी तरह से कमजोर नहीं हुआ है।
जोकोविच की टूर्नामेंट में आगे की राह और भी संघर्षमय और चैलेंजिंग होने वाली है, लेकिन उनका आत्मविश्वास और उनके प्रति उनके प्रशंसकों का प्यार अटूट है। उनके द्वारा अपनी बेटी तारा के लिए यह जीत समर्पित करने का भावनात्मक पहलू भी उनके प्रशंसकों को और प्रोत्साहित करता है।
दर्शकों का व्यवहार: उत्साह या अनुशासनहीनता?
यह घटना इस बात का बेहतर उदाहरण है कि कैसे कभी-कभी खेल की भावना से हटी हुई अनुशासनहीनता दर्शक खेल की खूबसूरती को बिगाड़ सकते हैं। यह सोचने का विषय है कि खेल के आयोजन के दौरान इतना उल्लंघन कब स्वीकार्य हो सकता है और कब नहीं। इसे संबोधित करने और सही दिशा देने के लिए अधिकारियों और दर्शकों दोनों का सहस्राब्दीभर का प्रयास आवश्यक है।
10 टिप्पणि
Aman Upadhyayy
जुलाई 10, 2024 AT 23:54 अपराह्नये जोकोविच तो असली लीजेंड है भाई 😤 जब भी कोई दर्शक उनके साथ बेइज्जती करता है, वो सीधे बात कर देते हैं... ना झूठ बोलते हैं, ना झूलते हैं। टेनिस में इतना आत्मविश्वास और इतना अहंकार एक साथ किसी और में देखा है? 😅 बस एक बात कहूं - अगर तुम्हारा खेल नहीं चल रहा, तो दर्शकों को शांत रहने दो, वरना जोकोविच तुम्हारी आवाज़ भी बंद कर देगा 😎
ASHWINI KUMAR
जुलाई 12, 2024 AT 20:14 अपराह्नइस तरह के दर्शकों को स्टेडियम में आने की अनुमति ही नहीं देनी चाहिए। खेल का मजा तो यही है कि तुम अपने खिलाड़ी के लिए जोर से चिल्लाओ, लेकिन जब वो अपनी जीत के लिए लड़ रहे हों तो उनकी ध्यान को बिखेरना गैर-जिम्मेदारी है। ये लोग तो खेल के बाहर घूम रहे हैं, अंदर नहीं। अगर जोकोविच ने इतना बड़ा बयान नहीं दिया होता, तो ये बात भूल जाती।
vaibhav kapoor
जुलाई 13, 2024 AT 19:37 अपराह्नभारतीय दर्शक तो बस चिल्लाने के लिए आते हैं, नहीं तो खेल समझने के लिए। जोकोविच को अपना देश नहीं छोड़कर यहां आना चाहिए था। यहां का खेल भाव तो बस शोर है।
Manish Barua
जुलाई 13, 2024 AT 23:32 अपराह्नमैंने देखा था उस मैच का एक क्लिप... एक बूढ़े आदमी ने जोकोविच के लिए धीरे से तालियां बजाई थीं। बाकी सब चिल्ला रहे थे, लेकिन वो शांत था। उस दिन मैंने समझा - असली प्रशंसक वो होता है जो चिल्लाता नहीं, बस देखता है। जोकोविच को उस आदमी के लिए धन्यवाद देना चाहिए था। उसने खेल की आत्मा को बचा लिया था।
Abhishek saw
जुलाई 14, 2024 AT 17:29 अपराह्नखेल के दौरान शोर करना ठीक है, लेकिन जब खिलाड़ी गेम प्लान बना रहा हो तो उसे ध्यान देने का मौका देना चाहिए। जोकोविच ने बिल्कुल सही कहा। ये सिर्फ एक खिलाड़ी की बात नहीं, ये सभी खिलाड़ियों के लिए एक नियम बनना चाहिए। अगर अधिकारी इसे नहीं सुनते, तो खेल का भविष्य खतरे में है।
TARUN BEDI
जुलाई 16, 2024 AT 15:17 अपराह्नयहां तक कि एक अद्वितीय खिलाड़ी के लिए भी जीवन एक दर्पण है - जो आप देखते हैं, वही आपको दिखाई देता है। जोकोविच के लिए दर्शकों का व्यवहार उनके अपने आंतरिक संघर्ष का प्रतिबिंब है। जब आप इतने बड़े हो जाते हैं कि आपके ऊपर तक दर्शक अपने अहंकार को फेंक दें, तो आपको यह समझना होगा कि आपकी शक्ति नहीं, आपकी निष्ठा ही वास्तविक विजय है। यह बात बहुत गहरी है।
Shikha Malik
जुलाई 18, 2024 AT 10:18 पूर्वाह्नअरे भाई, ये जोकोविच तो बस खुद को शहीद बना रहे हैं। कोई चिल्लाया तो उन्हें बहुत लगा कि उनके खिलाफ षड्यंत्र है। जब तक वो खेलते रहेंगे, लोग चिल्लाएंगे - ये तो खेल का हिस्सा है। अब तो वो अपनी बेटी के लिए जीत रहे हैं, तो ये भावनात्मक बयान भी बस एक ट्रेंड है।
Hari Wiradinata
जुलाई 19, 2024 AT 19:56 अपराह्नजोकोविच ने बहुत सही कहा। खेल का मजा तो यही है कि आप खिलाड़ी के लिए दिल से खड़े हो जाएं। लेकिन जब वो गेम खेल रहे हों, तो उन्हें शांति दो। ये सिर्फ टेनिस नहीं, हर खेल के लिए लागू होना चाहिए। अगर अधिकारी इसे नहीं सुनते, तो आगे चलकर बच्चे भी खेलना छोड़ देंगे।
Leo Ware
जुलाई 20, 2024 AT 00:11 पूर्वाह्नखेल जीवन का अभिन्न अंग है। जब दर्शक शोर करते हैं, तो वो अपने भावों को व्यक्त कर रहे होते हैं। लेकिन जोकोविच की बात सही है - शोर और अनुशासन के बीच संतुलन होना चाहिए। ये नहीं कि जो बड़ा खिलाड़ी है, उसके लिए शोर नहीं होगा। बल्कि वो शोर जिसमें सम्मान हो।
Ranjani Sridharan
जुलाई 20, 2024 AT 10:14 पूर्वाह्नमैंने देखा था एक लड़की जोकोविच के लिए रो रही थी... उसकी आंखों में बस एक ही बात थी - वो जीत रहे हैं ना? लेकिन अब ये सब बहुत बड़ी बात बन गई है... शायद ये जोकोविच को अपने आप को बहुत बड़ा समझने का एक तरीका है।