पोलावरम परियोजना: क्या है, क्यों जरूरी और कैसे काम करती है?

अगर आप भारत में विकास के बारे में बात सुनते हैं तो "पोलावरम" नाम ज़रूर आया होगा. यह सरकार की एक बड़ी योजना है जिसका मकसद ग्रामीण इलाकों में पानी की पहुँच बेहतर बनाना, कृषि उत्पादन बढ़ाना और स्थानीय रोजगार सृजन करना है। सरल शब्दों में कहें तो, इस परियोजना का लक्ष्य नदियों, तालाबों और जलाशयों को सही तरीके से संभाल कर हर गाँव तक साफ पानी पहुंचाना है।

मुख्य चरण और वर्तमान प्रगति

पोलावरम योजना तीन प्रमुख चरण में बाँटी गई है: पहला ‘स्रोत विकास’, जहाँ नदियों, जलभंडारों और भूमिगत जल स्रोतों को सुदृढ़ किया जाता है; दूसरा ‘परिवहन नेटवर्क’, जिसमें पाइपलाइन, टैंक और जलशोधन इकाइयों का निर्माण होता है; तीसरा ‘उपभोक्ता पहुँच’ जो ग्रामीण घरों तक पानी पहुंचाने पर फोकस करता है। अब तक लगभग 12 राज्य इस योजना में शामिल हैं और 3,500 से अधिक गाँव को सीधे लाभ मिल रहा है। हाल के अपडेट में कहा गया कि अगले दो साल में जल‑संरक्षण तकनीक के प्रयोग से अतिरिक्त 1.2 मिलियन लोगों को पानी मिलेगा।

निवासियों के लिए क्या फायदे?

आप सोच रहे हैं, इस योजना से आम आदमी को कैसे फायदा होगा? सबसे पहला तो यह है कि खेती में भरोसेमंद पानी मिलेगा, जिससे फसल की पैदावार बढ़ेगी और आय में इज़ाफ़ा होगा। दूसरा, साफ‑सफ़ाई का काम आसान हो जाएगा – घर के पास नल से पीने योग्य पानी उपलब्ध रहेगा। तीसरा, जल संरक्षण के माध्यम से बिजली खर्च कम होगा क्योंकि कई क्षेत्रों में पंपिंग को न्यूनतम किया जा रहा है। साथ ही, स्थानीय युवा लोगों को नई तकनीक सीखने और रख‑रखाव की नौकरियों में काम करने का मौका मिलेगा।

अगर आप इस योजना के तहत अपने गाँव या मोहल्ले में कोई परियोजना शुरू करना चाहते हैं तो सबसे पहले जिला विकास अधिकारी (DDO) से संपर्क करें, आवश्यक दस्तावेज़ जमा करिए और स्थानीय पंचायत के साथ मिलकर योजना की कार्यवाही को तेज़ बनाइए। अक्सर लोग पूछते हैं कि फंड कहाँ से आता है – उत्तर है केंद्र एवं राज्य दोनों स्तर पर बजट आवंटन किया जाता है, इसलिए पारदर्शिता बनी रहती है।

कई बार यह भी सुनने को मिलता है कि जल‑परियोजनाओं में समय सीमा नहीं रखी जाती तो काम टाल‑मटोल हो जाता है। पोलावरम ने इसे रोकने के लिए ‘रिपोर्टिंग डैशबोर्ड’ शुरू किया है, जहाँ हर जिले की प्रगति लाइव देखी जा सकती है और देरी वाले हिस्सों को तुरंत सुधारा जाता है। यह आपके जैसे नागरिकों को भी योजना की सच्ची स्थिति दिखाता है।

अंत में एक बात याद रखिए – जल हमारे जीवन का मूलाधार है, इसलिए इस तरह के बड़े प्रोजेक्ट्स में आपका सहयोग और जागरूकता बहुत मायने रखती है। अगर आपके पास कोई सुझाव या शिकायत है तो स्थानीय प्रशासन के पोर्टल पर फीडबैक दे सकते हैं, जिससे योजना को और बेहतर बनाया जा सकेगा।

2027 तक पूरा होगा पोलावरम परियोजना: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का ऐलान

2027 तक पूरा होगा पोलावरम परियोजना: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री का ऐलान

20 नव॰ 2024

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने विधान सभा में घोषणा की कि पोलावरम परियोजना 2027 तक पूरी होगी। इस परियोजना को राज्य का 'जीवन रेखा और मेरुदंड' बताते हुए, नायडू ने कहा कि यह जल संकट को हल करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने पूर्ववर्ती YSR कांग्रेस सरकार पर परियोजना में देरी के लिए राजनीति को दोषी ठहराया और TDP के दौरान हुई प्रगति का उल्लेख किया।

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