कैंसर: समझें, रोकें और सही इलाज चुनें
क्या आपने कभी सोचा है कि कैंसर सिर्फ बड़े शहरों की बीमारी नहीं, बल्कि हमारे रोज़मर्रा के जीवन में भी छिपा हो सकता है? बहुत से लोग इसे दूर की समस्या मान लेते हैं, पर सच तो यह है कि शुरुआती चेतावनी संकेतों को पहचानना ही बचाव का पहला कदम होता है। इस लेख में हम आसान भाषा में कैंसर के मूल कारण, आम लक्षण और घर में अपनाए जा सकने वाले सरल उपाय बताएँगे। साथ ही नवीनतम उपचार विकल्पों की भी छोटी‑छोटी जानकारी देंगे, ताकि आप अपने या अपने परिवार के लिए सही फैसला ले सकें।
कैंसर कैसे शुरू होता है? मुख्य कारण समझिए
कैंसर का मूल मतलब है ‘अनियंत्रित कोशिकीय वृद्धि’। जब शरीर की सामान्य कोशिकाएं अनियमित रूप से विभाजित होने लगती हैं, तो वह ट्यूमर बनाते हैं। यह ट्यूमर दो तरह के हो सकते हैं – सौम्य (बेनाइन) और घातक (मैलेन्ट)। प्रमुख कारणों में शामिल है धूम्रपान, शराब का अधिक सेवन, असंतुलित आहार, मोटापा, तेज़ी से उम्र बढ़ना और कुछ वायरस जैसे एचपीवी या हेपेटाइटिस बी।
ध्यान रखें कि इन जोखिमों को पूरी तरह हटाना मुश्किल है, पर उनके स्तर को घटाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, सिगरेट छोड़ने से फेफड़ों का कैंसर 50% तक कम हो जाता है। इसी प्रकार, हर दिन पाँच फल‑सब्ज़ी खाने से पेट और आंत के कैंसर की संभावना घटती है। छोटे बदलाव बड़ी सुरक्षा दे सकते हैं।
पहले संकेत पहचानें – लक्षण जो नज़रअंदाज़ नहीं करने चाहिए
कैंसर अक्सर धीरे‑धीरे शुरू होता है, इसलिए शुरुआती चरण में कोई दर्द या असहजता महसूस नहीं होती। फिर भी कुछ सामान्य चेतावनी संकेत होते हैं:
- अनजान जगह पर गठिया जैसा सूजन या गांठ
- किसी हिस्से में लगातार खून बहना (जैसे मसूड़े, गले या योनि)
- वज़न कम होना बिना प्रयास के
- भोजन से पेट भरने पर भी भूख न लगना
- बिना कारण थकान या रात में बार‑बार पेशाब आना
इनमें से किसी एक संकेत को देख कर डॉक्टर से तुरंत जांच करवाना बेहतर है। समय पर स्क्रीनिंग, जैसे ब्रेस्ट कैंसर के लिए मैमोग्राफी या पेट के कैंसर के लिये अल्ट्रासाउंड, कई मामलों में रोग को शुरुआती चरण में ही पकड़ लेती है और इलाज आसान बन जाता है।
अब बात करते हैं उपचार की। आजकल सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी के साथ‑साथ इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड ड्रग्स भी उपलब्ध हैं। डॉक्टर रोगी की उम्र, कैंसर का प्रकार और स्टेज देख कर सबसे उपयुक्त योजना बनाते हैं। कई मामलों में बहु‑विकल्प उपचार (जैसे सर्जरी + रेडिएशन) बेहतर परिणाम देते हैं।
उपचार के दौरान पोषण पर भी ध्यान देना जरूरी है। हल्का प्रोटीन, विटामिन‑सी और ओमेगा‑3 फैटी एसिड से भरपूर आहार रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है और साइड इफ़ेक्ट्स कम करता है। साथ ही पर्याप्त नींद और तनाव मुक्त वातावरण उपचार की सफलता में मददगार साबित होते हैं।
अंत में एक बात याद रखें – कैंसर का डर अक्सर अनजाने से बनता है। सही जानकारी, नियमित जांच और स्वस्थ जीवनशैली इसे काफी हद तक नियंत्रित कर सकती है। यदि आप या आपका कोई परिचित इस बीमारी से जूझ रहा हो, तो डॉक्टर की सलाह को पूरी तरह मानें और परिवार के साथ मिलकर सकारात्मक रहें। दैनिक अभिव्यक्ति आपके लिए ऐसे ही उपयोगी स्वास्थ्य टिप्स लाते रहेगा।
1 अग॰ 2024
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का बुधवार, 31 जुलाई, 2024 को 71 वर्ष की आयु में कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया। गायकवाड़ ने 1975 से 1987 तक 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले और वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी साहसी बल्लेबाजी के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में भी कार्य किया।
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