पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का 71 वर्ष की आयु में निधन: कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद
1 अगस्त 2024

पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का निधन

पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमान गायकवाड़ का 31 जुलाई, 2024 को कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद 71 वर्ष की आयु में दुखद निधन हो गया। गायकवाड़ एक प्रतिभाशाली क्रिकेटर थे जिन्होंने 1975 से 1987 तक भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। इसके साथ ही वे एक कुशल कोच और क्रिकेट प्रशासनिक व्यक्ति भी थे।

गायकवाड़ ने अपने क्रिकेट करियर में 40 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले। उन्होंने टेस्ट में कुल 1985 रन बनाए, जिनमें से उनका सर्वाधिक स्कोर 201 रन था, जो उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 11 घंटे की मैराथन पारी में बनाए थे। उनका रक्षा करने वाला बल्लेबाजी शैलिका और ऊँची बैकलिफ्ट उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाता था।

अंशुमान गायकवाड़ को उनके कार्यकाल में कई प्रमुख जिम्मेदारियों से नवाजा गया। वे 1997 से 1999 और फिर 2000 में भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच भी रहे। उनके मार्गदर्शन में भारतीय टीम 2000 चैंपियंस ट्रॉफी में रनर-अप रही। इसके अलावा, उन्होंने केन्या की क्रिकेट टीम के कोच के रूप में भी सेवा दी थी।

गायकवाड़ की योगदान

गायकवाड़ की योगदान

गायकवाड़ की क्रिकेट में भूमिका केवल खिलाड़ी और कोच तक ही सीमित नहीं थी। वे बीसीसीआई की क्रिकेट एडवायजरी कमेटी (सीएसी) के सदस्य भी रहे। वे बारोडा क्रिकेट संघ का नेतृत्व कर चुके थे और बीसीसीआई की अपेक्स काउंसिल में इंडियन क्रिकेटर्स असोसिएशन का प्रतिनिधित्व भी कर चुके थे।

गायकवाड़ ने कैंसर के खिलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ी। एक साल से अधिक समय तक वह लंदन में अपने इलाज के लिए रह रहे थे, लेकिन बाद में वे भारत लौट आए। बीसीसीआई ने उनके इलाज के लिए 1 करोड़ रुपये का योगदान दिया और 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्यों ने भी उनके चिकित्सा खर्चों में मदद की।

श्रेयो और सम्मान

श्रेयो और सम्मान

अंशुमान गायकवाड़ को अपनी बहादुरी से खेलते हुए देखा गया, विशेष रूप से वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों के खिलाफ। उनकी बल्लेबाजी और साहस को हमेशा याद किया जाएगा। गायकवाड़ न केवल एक असाधारण खिलाड़ी थे बल्कि उन्होंने कई युवाओं को प्रोत्साहित भी किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की। गायकवाड़ का क्रिकेट करियर 22 वर्षों तक फैला हुआ था, जिसमें उन्होंने 205 प्रथम-श्रेणी मैच खेले। उन्होंने राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में भी सेवा दी और भारतीय क्रिकेट के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

निधन की खबर से शोक

निधन की खबर से शोक

गायकवाड़ के निधन की खबर ने क्रिकेट जगत को गहरे शोक में डाल दिया है। वे अपने समय के सबसे साहसी और दृढ़ क्रिकेटरों में से एक माने जाते थे। उनकी खेल शैली और उनका व्यावसायिक जीवन सभी के लिए प्रेरणा बना रहेगा।

गायकवाड़ की यात्रा और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने भारतीय क्रिकेट के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई और अपने धैर्य और सहनशीलता से भी प्रेरणा दी। गायकवाड़ का नाम हमेशा भारतीय क्रिकेट के सुनहरे अध्यायों में शामिल रहेगा।