हेलुसिनेशन क्या है? सरल शब्दों में समझिए

हेलुसिनेशन मतलब दिमाग की ऐसी गलती जो हमें कुछ ऐसा दिखाती या सुनाती है जो असल में नहीं होता। कभी‑कभी आवाज़ें, रंग, या लोग दिखाई दे सकते हैं जबकि वो आसपास नहीं होते। ये सिर्फ पॉपकॉर्न खाने से नहीं होते; अक्सर दिमाग के रसायन में बदलाव या तनाव इसका कारण बनते हैं।

हेलुसिनेशन के प्रमुख प्रकार

सबसे आम दो तरह की हलुशनें हैं – ऑडिटरी (सुनाई देने वाली) और विज़ुअल (दिखाने वाली)। ऑडिटरी में आप किसी को बोलते या आवाज़ें सुनते हैं, जबकि विज़ुअल में आपको वस्तुएँ, लोग या परिदृश्य दिखते हैं। कुछ लोगों को टैक्टाइल यानी स्पर्श की भी हलुशनें होती हैं, जैसे किसी चीज़ को छूने का एहसास होना जो नहीं है।

कब ध्यान दें? संकेत और चेतावनी संकेत

अगर आप अचानक खुद से बात सुनते हों या ऐसे दृश्य देखते हों जिन्हें दूसरों ने ना देखा हो, तो यह हलुशनें आपके दिमाग में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। खासकर जब ये बार‑बार आते हैं, नींद कम होती है, या तनाव बहुत बढ़ जाता है – तब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है। अन्य लक्षणों में भ्रमित महसूस करना, एकाग्रता में कमी और मूड स्विंग्स शामिल हैं।

भले ही हलुशनें कभी‑कभी मज़ेदार लगें, लेकिन अगर वे आपके रोज़मर्रा के काम को प्रभावित कर रही हों तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। अक्सर शराब, नशे या कुछ दवाएँ भी ऐसी स्थिति पैदा करती हैं, इसलिए अपने सेवन पर नजर रखें।

उपचार में सबसे पहले कारण जानना महत्वपूर्ण है। अगर तनाव या नींद की कमी कारण है, तो नियमित सोने‑जागने का समय और आरामदायक रूटीन मददगार होते हैं। कभी‑कभी डॉक्टर एंटी‑साइकोटिक दवाएँ लिखते हैं जो मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित करती हैं। थेरेपी, खासकर कॉग्निटिव‑बिहेवियरल थैरेपी (CBT), भी विचारों को सही दिशा में लाने में मदद कर सकती है।

घर पर आप कुछ आसान उपाय आज़मा सकते हैं: शांति वाले कमरे में गहरी साँस लेना, ध्यान या योग करना और स्क्रीन टाइम कम रखना। अगर हलुशनें बहुत तेज़ी से बढ़ रही हों तो तुरंत मेडिकल सहायता लें – यह अक्सर गंभीर मानसिक बीमारी जैसे स्किज़ोफ़्रेनिया का संकेत हो सकता है।

याद रखें, हेलुसिनेशन कोई शर्म की बात नहीं है; कई लोग इसे अनुभव करते हैं और सही मदद पाने पर ठीक हो जाते हैं। अगर आप या आपका कोई परिचित इस तरह के लक्षण दिखा रहा है, तो देर न करें – डॉक्टर से मिलें, कारण जानें और उपचार शुरू करें। स्वस्थ दिमाग ही खुशहाल जिंदगी देता है।

विश्व स्किज़ोफ्रेनिया दिवस 2024: मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और भ्रांतियों को दूर करने की ज़रूरत

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21 अप्रैल 2025

विश्व स्किज़ोफ्रेनिया दिवस हर साल 24 मई को मनाया जाता है, जिससे स्किज़ोफ्रेनिया से जुड़े मिथक दूर किए जा सकें। यह दिन बेहतर इलाज, जल्दी पहचान और मानसिक रोग से जूझ रहे लोगों की गरिमा बनाए रखने की जरूरत की ओर ध्यान दिलाता है।

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