छठ पूजा – पूरी गाइड 2025 में कैसे मनाएँ

हर साल लाखों लोग बिहार, उत्तर प्रदेश और नेपाल के किनारे पर इकट्ठा होते हैं, सूरज को अर्घ्य देते हुए छत्तिसगढ़ी सूर्य पूजा का जश्न मनाते हैं। अगर आप पहली बार इस त्योहार को देख रहे हैं या अपनी रीति‑रिवाज़ को बेहतर बनाना चाहते हैं तो पढ़िए ये आसान गाइड।

छठ पूजा का महत्व और इतिहास

छठ पावन सूर्य देव की आराधना है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य मिलकर व्रत रखते हैं। माना जाता है कि इस दिन सूरज को अर्घ्य देने से घर में खुशहाली, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है। प्राचीन काल में किसान फसल कटाई के बाद धान के दाने को सूर्य की रोशनी में सुखाते थे, इसलिए सूरज का धन्यवाद करना प्राकृतिक रूप से जुड़ा हुआ था। अब भी कई गाँवों में यह परंपरा जीवित है – गंगा या कोसी किनारे साफ़ पानी और सफ़ेद कपड़े बिछाकर अर्घ्य दिया जाता है।

मुख्य रीति‑रिवाज़ और तैयारी

छठ पूजा तीन मुख्य चरणों में बाँटी जाती है: नहाय खाय, कर्क्तिक, अर्घ्य. पहला दिन व्रती सुबह-सुबह स्नान करता है, फिर हल्का फल‑साबूदाना का नाश्ता लेता है। दूसरे दिन (कर्क्तिक) पूरे दो दिन का कठोर उपवास रखता है – केवल जल और नारियल के रस की अनुमति होती है। इस दौरान शरीर को साफ़ रखना बहुत ज़रूरी है; घने धुंधले कपड़े या कंगन नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह व्रत को बाधित कर सकता है।

अर्घ्य देने का मुख्य समय दो बार होता है – सूर्य उगते समय (प्रातः) और डूबते समय (साँझ). इस दौरान घाट पर एकत्रित होते हैं, जल में साफ़ पान या टिंडा रखकर अर्पण किया जाता है। अर्घ्य के साथ गीता वचन, सूरज को धन्यवाद कीर्तन और प्रसाद के रूप में चावल‑कीरौते बाँटे जाते हैं।

यदि आप शहर में रहते हैं तो नज़दीकी नदी या तालाब पर एक छोटा मंच बनाकर भी अर्घ्य दे सकते हैं. बस पानी साफ़ हो, जगह शुद्ध रहे और सभी सदस्य साथ हों। मोबाइल फ़ोन को साइलेंट मोड पर रखें, ताकि पूजा का वातावरण बाधित न हो.

कुछ आसान टिप्स जो आपके छठ पावन को स्मूथ बनाते हैं:

  • पूरे दो दिन में पर्याप्त पानी रखें – नींबू‑पानी या नारियल पानी पीने से ऊर्जा बनी रहती है।
  • सुनहरी धूप वाले समय में बाहर न निकलें, खासकर यदि आप 12 घंटे के व्रत पर हैं.
  • पूजा की जगह को साफ़ करने के लिए पहले ही दिन झाड़ू‑पोछा कर लें; यह शांति और पवित्रता बनाए रखेगा.
  • भोजन तैयार करते समय हल्का, आसानी से पचने वाला खजूर या सूखे फल रखें – व्रत तोड़ते समय इन्हें प्राथमिकता दें.
  • समय‑सारिणी बनाकर हर चरण को लिख लें; इससे भूल‑भूलाव नहीं होगी और सभी परिवार के सदस्य साथ रहेंगे.

छठ पावन का सबसे बड़ा आकर्षण है समुदाय की भावना। लोग एक दूसरे की मदद करते हैं, पानी में सफ़ेद फूल डालते हैं और सूर्य देव को अर्पित करने से पहले मिलकर गीत गाते हैं. यही ऊर्जा आपके मनोबल को बढ़ाती है और त्योहार को यादगार बनाती है.

2025 के कैलेंडर में छठ पूजा 22‑नवम्बर (सूर्य उगते) और 23‑नवम्बर (सूर्य डूबते) को पड़ती है. इन दो दिनों का सही प्लानिंग करने से आप बिना किसी तनाव के पूजा पूरी कर सकेंगे.

अंत में, याद रखें कि छठ पावन सिर्फ एक रिवाज़ नहीं, बल्कि जीवन में संतुलन और प्रकृति की क़द्र सीखने का अवसर है. जब आप सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो दिल से धन्यवाद कहें – यही सच्ची पूजन की भावना है.

शारदा सिन्हा की हालत गंभीर, फैंस से छठ पूजा पर दुआओं की अपील

शारदा सिन्हा की हालत गंभीर, फैंस से छठ पूजा पर दुआओं की अपील

5 नव॰ 2024

लोकप्रिय लोक गायिका शारदा सिन्हा, जिन्हें 'हम आपके हैं कौन' फिल्म के गीत के लिए जाना जाता है, वर्तमान में दिल्ली के एम्स अस्पताल में वेंटिलेटर पर हैं। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने छठ पूजा के दौरान फैंस से उनकी जल्द स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली है और समर्थन का आश्वासन दिया है।

जारी रखें पढ़ रहे हैं...