अर्जुन पुरस्कार – भारत का प्रमुख खेल सम्मान
जब बात भारत के अर्जुन पुरस्कार, सरकार द्वारा खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दिया जाने वाला सम्मान. Also known as Arjuna Award, it recognises national and international achievements and motivates athletes to aim higher. अर्जुन पुरस्कार भारत में खेलों के मानक को ऊँचा करता है और कई बार ओलंपिक जीतने वाले एथलीटों को इसने एलीट क्लब में प्रवेश दिलाया है.
खेल – अर्जुन पुरस्कार का मुख्य क्षेत्र
इस पुरस्कार की कहानी खेल, विभिन्न शारीरिक और मानसिक प्रतियोगिताओं की श्रेणी से जुड़ी है. भारत सरकार ने 1961 में इस पुरस्कार को स्थापित किया, तब से अब तक 200 से अधिक खेल शाखाओं में 1,500 से अधिक खिलाड़ी सम्मानित हुए हैं. खेल के प्रकार—जैसे एथलेटिक्स, कबड्डी, शतरंज, और बॉलिवूड संघीय खेल—सबको समान मान्यता मिलती है, जिससे राष्ट्रीय खेल परिदृश्य विविध और समृद्ध बनता है.
अर्जुन पुरस्कार केवल तीव्रता या गति पर नहीं, बल्कि एथलीट, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है की निरंतरता, अनुशासन और सामाजिक योगदान को भी मापता है. एथलीटों को मिलने वाले इस सम्मान से न सिर्फ व्यक्तिगत प्रतिष्ठा बढ़ती है, बल्कि युवा पीढ़ी को भी प्रेरित किया जाता है कि वे खेल क्षेत्र में करियर बनाने का सोचें.
अर्जुन पुरस्कार की सफलता का एक बड़ा कारक है इसका ओलंपिक, विश्व के सबसे बड़े खेल आयोजनों में से एक, जहाँ भारत की कई जीतें अर्जुन पुरस्कार से परे सम्मानित हुई हैं से जुड़ना. कई ओलंपिक पदक विजेताओं को यह पुरस्कार मिलने से उनकी राष्ट्रीय पहचान और भी दृढ़ होती है. उदाहरण के तौर पर, मेधावी धीरज पिचू (बॉक्सिंग) और मीराबा जहीर (कबड्डी) को अर्जुन पुरस्कार मिलने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर और अधिक चमक बनाई.
प्रक्रिया में भारत सरकार, केंद्रीय खेल मंत्रालय का प्रमुख विभाग, चयन समिति बनाता है जो खिलाड़ियों के पिछले तीन साल के प्रदर्शन, एथलेटक कोटि, और सामाजिक योगदान को ध्यान में रखता है. चयन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टूरनामेंट के परिणाम, रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन और खेल के विकास में योगदान को मुख्य मानदंड माना जाता है. इस वजह से सम्मान केवल लोकप्रिय खिलाड़ियों तक सीमित नहीं रहता, बल्कि कम परिचित लेकिन उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले एथलीट भी इस मान्यता के हकदार बनते हैं.
अर्जुन पुरस्कार के साथ एक स्मृति चिह्न, प्रमाणपत्र और नकद इनाम भी मिलता है, जो खिलाड़ियों को आगे की तैयारी में आर्थिक समर्थन देता है. इस पुरस्कार ने कई खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण सुविधा, कोचिंग और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है. परिणामस्वरूप, भारत के खेल प्रदर्शन में निरंतर सुधार देखा गया है और विश्व स्तर पर भारत का नाम आगे बढ़ा है.
नीचे आप अर्जुन पुरस्कार से जुड़े विविध विषयों की विस्तृत सूची देखेंगे – जैसे पिछले विजेताओं की कहानियाँ, चयन प्रक्रिया के विवरण, और इस सम्मान के सामाजिक प्रभाव। इन लेखों को पढ़कर आप समझ पाएँगे कि कैसे यह प्रतिष्ठित पुरस्कार खेल जगत को आकार देता है और देश की खेल संस्कृति को समृद्ध बनाता है। आगे के अनुभाग में आप विभिन्न पहलुओं पर गहराई से जानकारी पा सकते हैं।
29 सित॰ 2025
शीटाल देवी ने बर्लिन में विश्व पैर-आर्करी चैंपियनशिप 2025 में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रचा, जिससे भारत के पैर-खेलों को नई ऊँचाई मिली।
जारी रखें पढ़ रहे हैं...