Suzlon के शानदार Q1 नतीजे: मुनाफा तीन गुना और डिलीवरी में रिकॉर्ड
Suzlon Energy Ltd., जो भारत की प्रमुख अक्षय ऊर्जा कंपनी है, ने अपनी पहली तिमाही के नतीजे घोषित किए हैं। इस तिमाही में कंपनी ने आश्चर्यजनक रूप से अपने मुनाफे को तीन गुना बढ़ा दिया है। पिछले साल की पहली तिमाही में जहां कंपनी का शुद्ध मुनाफा ₹101 करोड़ था, इस साल यह आंकड़ा बढ़कर ₹302 करोड़ तक पहुंच गया है।
इस उपलब्धि के पीछे सबसे बड़ा हाथ है कंपनी के Wind Turbine Generator (WTG) व्यवसाय की उत्कृष्ट प्रदर्शन का। इस व्यवसाय ने कंपनी को नए ऊंचाईयों तक पहुंचा दिया है। Suzlon की राजस्व में भी भारी उछाल देखने को मिला है। कंपनी की कुल राजस्व लगभग 50% बढ़कर ₹2,016 करोड़ तक पहुंच गई है।
EBITDA में शानदार वृद्धि
Suzlon की Earnings Before Interest, Tax, Depreciation and Amortisation (EBITDA) में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। पहली तिमाही में यह ₹354 करोड़ हो गई है, जो पिछले सात वर्षों में सबसे उच्चतम है। कंपनी का EBITDA मार्जिन भी 400 बेसिस पॉइंट बढ़कर 17.5% पहुंच गया है। यह वृद्धि कंपनी के कारोबार में स्थिरता और उसके वित्तीय स्थिति को मजबूती देती है।
सात साल की सबसे बड़ी पहली तिमाही डिलीवरी
Suzlon ने इस तिमाही में 274 मेगावॉट की डिलीवरी की है, जो पिछले सात सालों की सबसे बड़ी पहली तिमाही डिलीवरी है। यह कंपनी के ग्राहकों में विश्वास और उनके उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के परिचालन की पुष्टि करता है।
कंपनी का सबसे बड़ा आर्डर बुक
कंपनी ने 3.8 गीगावॉट का सबसे बड़ा आर्डर बुक हासिल किया है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि Suzlon अब तक के सबसे अच्छे समय से गुजर रही है। कंपनी का कैश पोजीशन भी काफी मजबूत है, जो 30 जून, 2024 तक ₹1,197 करोड़ पर है।
भविष्य के प्रति आशान्वित
Suzlon के वाइस चेयरमैन गिरीश तांती ने कहा कि कंपनी उद्योग की मांग को पूरा करने और सेक्टर की सकारात्मक परिस्थितियों का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उनके यह बयान किसी भी निवेशक के लिए अत्यधिक प्रेरणादायक हैं।
ब्रोकरेज फर्म का समर्थन
प्रसिद्ध ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी ने Suzlon पर 'बाय' रेटिंग को बनाए रखा है। उन्होंने Suzlon का प्राइस टारगेट ₹58 निर्धारित किया है, जो इस कंपनी की भविष्य की विकास संभावनाओं को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, Suzlon के इस तिमाही के नतीजे न केवल कंपनी के भविष्य को उज्ज्वल बनाते हैं बल्कि यह भी साबित करते हैं कि भारत की अक्षय ऊर्जा क्षेत्र पर किसी भी बड़े निवेश का निर्णायक समय है।