Budget 2024: बजट से पहले और बाद में शेयर बाजार का व्यवहार
2 जुलाई 2024

जब भी यूनियन बजट की घोषणा का समय नज़दीक आता है, तो शेयर बाजार में एक अलग प्रकार की हलचल देखी जाती है। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि इस समय बाजार की स्थिति अक्सर अनिश्चितता से भरी होती है। इस अध्ययन के अनुसार, निवेशक आमतौर पर बजट घोषणाओं से पहले अपनी हिस्सेदारी कम कर लेते हैं। यही वजह है कि बजट के एक सप्ताह पहले नकारात्मक रुझान देखा जाता है, जो लगभग 63% समय पर सच साबित होता है।

Capitalmind की इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि बजट के दिन के एक सप्ताह बाद निवेशक फिर से बाजार में प्रवेश करते हैं, जिससे 62% समय पर सकारात्मक रुझान देखा जाता है। यह व्यवहार बताता है कि बजट घोषणाओं के आसपास बाजार में अस्थिरता होती है, जो संभवतः निवेशकों के बीच में आपसी अविश्वास और अस्थायी विचारों का परिणाम होती है।

इस अध्ययन को Capitalmind के अनुसंधान प्रमुख अनूप विजयकुमार ने संचालित किया। उनका मानना है कि लंबी अवधि में बाजार का प्रदर्शन हमेशा कंपनी की आमदनी वृद्धि के फंडामेंटल्स पर निर्भर करता है। अनूप विजयकुमार का कहना है कि लंबी अवधि के निवेशकों को बजट के आधार पर बड़े निवेश निर्णय लेने से बचना चाहिए।

बजट 2024 की घोषणा निकट है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस महीने इसे पेश करने वाली हैं। इस बार का बजट कई महत्वपूर्ण फैसलों का गवाह बनेगा और शेयर बाजार की प्रतिक्रिया पर भी इसका भारी प्रभाव पड़ेगा।

आंकड़ों से पता चला है कि निवेशक बजट के एक सप्ताह पहले अपने स्टॉक्स को बेचने की प्रवृत्ति रखते हैं। यह एक प्रकार की सुरक्षात्मक रणनीति होती है, जिसमें वे किसी संभावित नकारात्मक घोषणा की आशंका में अपनी स्थिति को सुदृढ़ बनाते हैं।

बजट 2024 की इस महत्वपूर्ण स्थिति में, जब हर किसी की नजर वित्त मंत्री पर होगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बाजार किस प्रकार से प्रतिक्रिया करता है। इससे न केवल आर्थिक व्यवस्था पर असर पड़ेगा, बल्कि आम निवेशक और बड़ी फाइनेंस कंपनियों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों की भी रणनीतियाँ प्रभावित होंगी।

आम तौर पर, बजट भाषण के दौरान और उसके तुरंत बाद बाजार में अस्थिरता होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों के लिए की गई नीतिगत घोषणाओं का कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर सीधा प्रभाव पड़ता है। खासकर टैक्सेशन, सब्सिडी, और सेक्टर-विशिष्ट योजनाओं में किए गए बदलाव सीधे-सीधे बाजार के ध्रुवीकरण का कारण बनते हैं।

लंबी अवधि के निवेशक जो अक्सर बाजार की अस्थिरता से परेशान हो जाते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे बाजार के तत्कालिक उतार-चढ़ाव पर ध्यान न दें। वक्त की कसौटी पर खरे उतरने वाले शेयर निश्चित रूप से आने वाले समय में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। अनूप विजयकुमार के मुताबिक, कंपनी की वित्तीय स्थिति और उसके फंडामेंटल्स को ध्यान में रखते हुए ही निवेश संबंधी फैसले लेने चाहिए।

बजट 2024 की तैयारी और उसके प्रभाव का अध्ययन करना न केवल निवेशकों के लिए बल्कि शेयर बाजार के विश्लेषकों और आर्थिक विशेषज्ञों के लिए भी महत्वपूर्ण है। इससे वे बाजार के व्यवहार को समझ सकते हैं और अपनी भविष्य की रणनीतियों को और मजबूत बना सकते हैं।

निवेशकों को यह समझना चाहिए कि एक मजबूत और स्थिर निवेश पोर्टफोलियो बनाना बाजार की तात्कालिक प्रतिक्रिया से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। धीमी और स्थिर वृद्धि ही सबसे महत्वपूर्ण है, और इसके लिए फंडामेंटल्स की समझ होना आवश्यक है।

शेयर बाजार हमेशा से ही एक जटिल और अप्रत्याशित क्षेत्र रहा है, और बजट के दौरान यह और भी अधिक जटिल हो जाता है। लेकिन निवेशकों के लिए यह एक चुनौती भी है, जिसे सही दिशा में प्रयास करके सफल बना सकते हैं।