जब भी यूनियन बजट की घोषणा का समय नज़दीक आता है, तो शेयर बाजार में एक अलग प्रकार की हलचल देखी जाती है। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि इस समय बाजार की स्थिति अक्सर अनिश्चितता से भरी होती है। इस अध्ययन के अनुसार, निवेशक आमतौर पर बजट घोषणाओं से पहले अपनी हिस्सेदारी कम कर लेते हैं। यही वजह है कि बजट के एक सप्ताह पहले नकारात्मक रुझान देखा जाता है, जो लगभग 63% समय पर सच साबित होता है।
Capitalmind की इस अध्ययन में यह भी पाया गया कि बजट के दिन के एक सप्ताह बाद निवेशक फिर से बाजार में प्रवेश करते हैं, जिससे 62% समय पर सकारात्मक रुझान देखा जाता है। यह व्यवहार बताता है कि बजट घोषणाओं के आसपास बाजार में अस्थिरता होती है, जो संभवतः निवेशकों के बीच में आपसी अविश्वास और अस्थायी विचारों का परिणाम होती है।
इस अध्ययन को Capitalmind के अनुसंधान प्रमुख अनूप विजयकुमार ने संचालित किया। उनका मानना है कि लंबी अवधि में बाजार का प्रदर्शन हमेशा कंपनी की आमदनी वृद्धि के फंडामेंटल्स पर निर्भर करता है। अनूप विजयकुमार का कहना है कि लंबी अवधि के निवेशकों को बजट के आधार पर बड़े निवेश निर्णय लेने से बचना चाहिए।
बजट 2024 की घोषणा निकट है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस महीने इसे पेश करने वाली हैं। इस बार का बजट कई महत्वपूर्ण फैसलों का गवाह बनेगा और शेयर बाजार की प्रतिक्रिया पर भी इसका भारी प्रभाव पड़ेगा।
आंकड़ों से पता चला है कि निवेशक बजट के एक सप्ताह पहले अपने स्टॉक्स को बेचने की प्रवृत्ति रखते हैं। यह एक प्रकार की सुरक्षात्मक रणनीति होती है, जिसमें वे किसी संभावित नकारात्मक घोषणा की आशंका में अपनी स्थिति को सुदृढ़ बनाते हैं।
बजट 2024 की इस महत्वपूर्ण स्थिति में, जब हर किसी की नजर वित्त मंत्री पर होगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बाजार किस प्रकार से प्रतिक्रिया करता है। इससे न केवल आर्थिक व्यवस्था पर असर पड़ेगा, बल्कि आम निवेशक और बड़ी फाइनेंस कंपनियों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों की भी रणनीतियाँ प्रभावित होंगी।
आम तौर पर, बजट भाषण के दौरान और उसके तुरंत बाद बाजार में अस्थिरता होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों के लिए की गई नीतिगत घोषणाओं का कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर सीधा प्रभाव पड़ता है। खासकर टैक्सेशन, सब्सिडी, और सेक्टर-विशिष्ट योजनाओं में किए गए बदलाव सीधे-सीधे बाजार के ध्रुवीकरण का कारण बनते हैं।
लंबी अवधि के निवेशक जो अक्सर बाजार की अस्थिरता से परेशान हो जाते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे बाजार के तत्कालिक उतार-चढ़ाव पर ध्यान न दें। वक्त की कसौटी पर खरे उतरने वाले शेयर निश्चित रूप से आने वाले समय में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। अनूप विजयकुमार के मुताबिक, कंपनी की वित्तीय स्थिति और उसके फंडामेंटल्स को ध्यान में रखते हुए ही निवेश संबंधी फैसले लेने चाहिए।
बजट 2024 की तैयारी और उसके प्रभाव का अध्ययन करना न केवल निवेशकों के लिए बल्कि शेयर बाजार के विश्लेषकों और आर्थिक विशेषज्ञों के लिए भी महत्वपूर्ण है। इससे वे बाजार के व्यवहार को समझ सकते हैं और अपनी भविष्य की रणनीतियों को और मजबूत बना सकते हैं।
निवेशकों को यह समझना चाहिए कि एक मजबूत और स्थिर निवेश पोर्टफोलियो बनाना बाजार की तात्कालिक प्रतिक्रिया से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। धीमी और स्थिर वृद्धि ही सबसे महत्वपूर्ण है, और इसके लिए फंडामेंटल्स की समझ होना आवश्यक है।
शेयर बाजार हमेशा से ही एक जटिल और अप्रत्याशित क्षेत्र रहा है, और बजट के दौरान यह और भी अधिक जटिल हो जाता है। लेकिन निवेशकों के लिए यह एक चुनौती भी है, जिसे सही दिशा में प्रयास करके सफल बना सकते हैं।
10 टिप्पणि
Aman Upadhyayy
जुलाई 3, 2024 AT 19:10 अपराह्नबजट से पहले शेयर बेचना? ये तो बस डर का खेल है 😅 जब मैंने 2020 में ऐसा किया था, तो बाद में 40% रिकवरी हुई और मैंने अपनी जेब से 2 लाख छोड़ दिए! अब मैं हमेशा बजट के बाद 10 दिन बाद घुसता हूँ। लंबी अवधि में फंडामेंटल्स ही राजा हैं, बाकी सब धुंधली आवाज़ें हैं। बाजार कभी भी बजट के आसपास नहीं रुकता, वो तो चलता रहता है। अगर आपकी कंपनी अच्छी है, तो बजट उसे नहीं बदल सकता।
ASHWINI KUMAR
जुलाई 5, 2024 AT 15:59 अपराह्नइस अध्ययन का कोई मतलब नहीं है। ये सब बातें तो हर साल दोहराई जाती हैं। बजट के बाद बाजार ऊपर जाता है? हाँ, क्योंकि सरकार जब भी बजट देती है, तो बड़े-बड़े बयान देती है, और फिर एक साल तक कुछ नहीं होता। निवेशकों को बस एक बात समझनी चाहिए - बजट सिर्फ एक शो है, असली चीजें तो बजट के बाद बजट बनाने वाले ही करते हैं।
vaibhav kapoor
जुलाई 5, 2024 AT 16:41 अपराह्नअगर आप बजट से डरते हैं, तो शायद आपको शेयर बाजार नहीं छूना चाहिए। भारत की सरकार ने हर साल विकास के लिए नीतियाँ बनाई हैं, और हमने दुनिया को दिखा दिया है। अब तक के बजटों में किसने निवेशकों को धोखा दिया? बस डर के आगे भागने वाले ही नुकसान में हैं।
Manish Barua
जुलाई 7, 2024 AT 01:53 पूर्वाह्नमैं तो हमेशा बजट के दिन चाय पीते हुए टीवी पर वित्त मंत्री को देखता हूँ 😅 और फिर अपने पोर्टफोलियो को नहीं छूता। मुझे लगता है बाजार की बातें तो बहुत जटिल हैं, लेकिन अगर आपके पास एक अच्छी कंपनी का शेयर है और आप उसे बरकरार रखते हैं, तो बाकी सब खुद से ठीक हो जाता है। बस थोड़ा धैर्य रखो।
Abhishek saw
जुलाई 7, 2024 AT 08:23 पूर्वाह्नबजट के बाद बाजार में आने की रणनीति बहुत सही है। लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आप किस कंपनी में निवेश कर रहे हैं। अगर आपकी कंपनी का बैलेंस शीट अच्छा है, तो बजट के बाद जो भी हो, आपका निवेश सुरक्षित है। निवेश करने से पहले फंडामेंटल्स की जाँच जरूर करें।
TARUN BEDI
जुलाई 7, 2024 AT 09:12 पूर्वाह्नयह सब एक अत्यंत उपरोक्त दृष्टिकोण है। बाजार का व्यवहार निर्धारित नहीं होता, बल्कि इसे समाज के अवचेतन डर और आशाओं का परिणाम माना जाना चाहिए। जब निवेशक बजट से पहले शेयर बेचते हैं, तो वे अपने आप को बचाने के लिए एक आर्केटाइपिकल आचरण कर रहे होते हैं - यह एक मानवीय प्रतिक्रिया है, जिसे आर्थिक विज्ञान नहीं, बल्कि जीवन के अध्ययन से समझा जाना चाहिए। यह बात अनूप विजयकुमार भी नहीं समझ पाए। फंडामेंटल्स के बारे में बात करना तो आसान है, लेकिन जब आपकी जेब खाली हो रही हो और आपके बच्चे की पढ़ाई का खर्चा हो रहा हो, तो फंडामेंटल्स कौन सुनेगा?
Shikha Malik
जुलाई 7, 2024 AT 22:18 अपराह्नहाँ बिल्कुल, बजट से पहले बेच दो। फिर बाद में खरीद लो। लेकिन जब आप बेचते हैं, तो आपका दिल टूटता है। जब आप खरीदते हैं, तो आपका दिमाग बोलता है कि ये गलत है। यही तो मेरी दुनिया है - दिल और दिमाग का युद्ध। और जब आप अपने निवेश को देखते हैं, तो आपको लगता है कि आप बस एक चैनल के नाम पर बेच रहे हैं।
Hari Wiradinata
जुलाई 8, 2024 AT 12:16 अपराह्नमैं तो बजट के बाद ही निवेश करता हूँ। पहले तो बाजार की प्रतिक्रिया देखता हूँ। अगर एक दिन बाद भी बाजार ऊपर जा रहा है, तो मैं घुस जाता हूँ। बाकी की बातें तो सब बोलते हैं, लेकिन असली जीत तो उसकी होती है जो शांत रहता है और सही समय पर काम करता है।
Leo Ware
जुलाई 9, 2024 AT 11:18 पूर्वाह्नबाजार तो हमेशा से एक आईना है। जो भी हम अंदर देखते हैं - डर, आशा, लालच - वही बाहर दिखता है। बजट तो सिर्फ एक टूल है। असली बात ये है कि हम अपने भीतर क्या देख रहे हैं।
Ranjani Sridharan
जुलाई 9, 2024 AT 13:03 अपराह्नलोग बजट से डरते हैं? अरे भाई, तुम्हारे घर में जब बजट बनता है तो तुम भी डर जाते हो न? अगर बाजार में भी वही हो रहा है, तो क्या गलत है? बस ये नहीं समझते कि बजट का मतलब है बात बदलना - न कि बाजार बदलना।