सोमवार, 23 सितंबर 2024 को इस्राइली सेना ने लेबनान के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जिसके परिणामस्वरूप 100 लोगों की मौत हो गई और 400 से अधिक लोग घायल हो गए। इन हवाई हमलों ने लेबनान के दक्षिण और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में व्यापक तबाही मचाई। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मृतकों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
इस्राइली सेना ने दावा किया कि उन्होंने 800 लक्ष्यों पर निशाना साधा, मगर अन्य रिपोर्टों में बताया गया कि सेना ने केवल 300 लक्ष्यों को हिट किया। इस लक्ष्य संख्या में अंतर को स्पष्ट नहीं किया जा सका है। सेना का कहना है कि वे हिजबुल्लाह के हथियार स्थलों को नष्ट करने के लिए यह कदम उठा रहे हैं।
कॉन्फ्लिक्ट का विस्तार
इस्राइली सेना के चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल हेरजी हालेवी ने तेल अवीव में स्थित सैन्य मुख्यालय से अतिरिक्त हमलों की मंजूरी दी, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह संघर्ष अब गंभीर मोड़ ले चुका है। हालेवी और अन्य इस्राइली नेताओं ने आने वाले दिनों में हिजबुल्लाह के खिलाफ और भी सख्त कदम उठाने का वादा किया है। यह हमले हिजबुल्लाह द्वारा इस्राइल के खिलाफ 'अनिश्चितकालीन संघर्ष' की घोषणा के बाद किए गए हैं।
सिविलियन्स पर असर
इस्राइली अधिकारियों ने बताया कि लेबनान से आने वाले रॉकेट फायर की चेतावनी देने वाली एयर-रेड सायरन उत्तर इस्राइल में बजाई गई। इससे पहले, इस्राइल ने दक्षिणी लेबनान के निवासियों से अपने घर छोड़ने की अपील की थी और कहा था कि हिजबुल्लाह ने वहां हथियार जमा किए हैं और 'व्यापक हमलों' की चेतावनी दी थी।
स्थिति की गंभीरता
हालांकि यह हमला हिजबुल्लाह और इस्राइल के बीच की तनातनी का नवीनतम उदाहरण है, लेकिन यह 2006 के बाद से सबसे घातक दिन बन गया है। 2006 में, इस्राइल और हिजबुल्लाह के बीच एक महीने लंबा युद्ध हुआ था जिसमें दोनों पक्षों को भारी नुकसान हुआ था।
इस बार के हमलों ने लेबनान के कई शहरों और गांवों को तबाह कर दिया है। लोगों ने अपने घरों को छोड़ने और सुरक्षित स्थानों की ओर भागने की कोशिश की, लेकिन स्थिति इतनी ज्यादा चिंता और भय से भरी थी कि कई लोग वहां से नहीं निकल सके।
- महिलाओं और बच्चों सहित 100 लोगों की मृत्यु
- 400 से अधिक घायल
- हिजबुल्लाह के खिलाफ सख्त कार्यवाही की योजना
- लेबनान के दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में तबाही
- सुरक्षित स्थानों के लिए लोगों का पलायन
भविष्य की दिशा
आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। इस्राइली नेतृत्व ने कहा है कि वे हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने कदम और तेज करेंगे, जिसका मतलब है कि हमला और भी बढ़ सकता है। एक और युद्ध की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, जिससे दोनों देशों में और अधिक जान-माल का नुकसान हो सकता है।
समाज और मीडिया की भूमिका
मीडिया और समाज के विभिन्न वर्गों ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इस्राइल और हिजबुल्लाह दोनों से शांति की अपील की है और कहा है कि जनसंहार को रोका जाना चाहिए। वहीं, इस्राइली और लेबनानी मीडिया ने दोनों ओर से हो रहे हमलों की विस्तार से रिपोर्टिंग की है।
संघर्ष की इस विभीषिका ने एक बार फिर से इस क्षेत्र में स्थिरता और शांति की आवश्यकता को उजागर किया है। दोनों देशों को इस कठिन दौर से निकलने के लिए संवाद और समझदारी की राह चुननी होगी।
19 टिप्पणि
Vijay Kumar
सितंबर 25, 2024 AT 11:26 पूर्वाह्नइस तरह के हमले सिर्फ एक निशाना नहीं, बल्कि एक संदेश हैं-कि शक्ति का अर्थ है बच्चों को मारना।
Abhishek Rathore
सितंबर 25, 2024 AT 23:52 अपराह्नये सब तो पुरानी कहानी है-एक तरफ बम, दूसरी तरफ रॉकेट। कोई नहीं सोचता कि लोग जिंदा रहना चाहते हैं।
Rupesh Sharma
सितंबर 27, 2024 AT 01:31 पूर्वाह्नअगर आप शांति चाहते हैं तो बंदूक नहीं, बातचीत करें। हर बम एक घर को नष्ट करता है, और एक घर नष्ट होने से एक दिल टूटता है। ये नहीं समझ रहे कि ये युद्ध कभी खत्म नहीं होगा जब तक कि कोई आगे बढ़कर न बैठे।
Jaya Bras
सितंबर 28, 2024 AT 01:45 पूर्वाह्नओह अच्छा तो अब बच्चे मर रहे हैं? क्या ये नया है? इस्राइल तो हमेशा से ऐसा ही करता रहा है। अब तक कितने बच्चे मर चुके हैं? कौन गिन रहा है?
Arun Sharma
सितंबर 29, 2024 AT 00:47 पूर्वाह्नइस घटना के संदर्भ में, अंतर्राष्ट्रीय न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है, जिसे यूएन चार्टर के अनुच्छेद 2(4) के अंतर्गत विनियमित किया गया है। यह एक गंभीर अंतर्राष्ट्रीय कानूनी उल्लंघन है।
Ravi Kant
सितंबर 29, 2024 AT 07:32 पूर्वाह्नहम भारत में भी अक्सर देखते हैं कि दो अलग-अलग समुदाय एक दूसरे को बर्बाद कर देते हैं। लेकिन असली बात ये है कि शांति का रास्ता हमेशा दोनों के बीच समझ से शुरू होता है।
Harsha kumar Geddada
सितंबर 29, 2024 AT 07:50 पूर्वाह्नआप लोग बस ये सोच रहे हैं कि ये हमले बुरे हैं, लेकिन आपने कभी सोचा है कि ये हमले क्यों हो रहे हैं? क्या ये सिर्फ इस्राइल की बुराई है? या फिर हिजबुल्लाह के लगातार रॉकेट फायर करने की आदत के कारण? ये एक चक्र है-एक ने शुरू किया, दूसरे ने जवाब दिया, और अब तीसरा ने बम बरसाया। कोई नहीं बताता कि इस चक्र को कैसे तोड़ें। जब तक हम बस एक पक्ष की ओर से देखेंगे, तब तक ये टकराव बंद नहीं होगा। हर बम एक आत्मा को नष्ट करता है, लेकिन हर आत्मा के नष्ट होने के बाद एक बच्चा बच नहीं पाता। और जब बच्चे नहीं बचते, तो भविष्य भी नहीं बचता। आप सब ये बातें बहुत आसानी से कह देते हैं, लेकिन जब आपका बेटा या बेटी उस बम में मर जाए, तो आप बस गुस्से में बैठ जाएंगे। शांति के लिए बातचीत चाहिए, लेकिन बातचीत के लिए दोनों पक्षों को अपनी बात छोड़नी होगी।
sachin gupta
अक्तूबर 1, 2024 AT 04:21 पूर्वाह्नलेबनान में ये सब तो बहुत बढ़िया है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इस्राइल के लोग भी डर रहे हैं? मतलब, ये लोग भी जिंदा रहना चाहते हैं। और अब ये सब बस एक ट्वीट की तरह है-कोई नहीं जानता कि असली बात क्या है।
Shivakumar Kumar
अक्तूबर 2, 2024 AT 17:57 अपराह्नइस दुनिया में दो चीजें हमेशा रहेंगी-बम और बातचीत। लेकिन अगर हम बातचीत को बम की जगह रख दें, तो शायद कभी बच्चे नहीं मरेंगे। ये सिर्फ एक देश की बात नहीं, ये हम सबकी जिम्मेदारी है।
saikiran bandari
अक्तूबर 3, 2024 AT 00:29 पूर्वाह्नक्या इसका कोई मतलब है या बस एक और बम बरसाया गया
Rashmi Naik
अक्तूबर 4, 2024 AT 18:58 अपराह्नलेबनानी सिविलियन्स के साथ इस्राइल का एक्शन इंटरनेशनल ह्यूमनिटेरियन लॉ के विरुद्ध है और इसे वार क्राइम डिफाइन किया जा सकता है जबकि वॉर क्राइम्स अंतरराष्ट्रीय अदालत के अधिकार क्षेत्र में आते हैं
Vishakha Shelar
अक्तूबर 4, 2024 AT 20:25 अपराह्नओम्ग ये तो बहुत बुरा है 😭😭 बच्चे मर गए 😭😭 कोई नहीं बचेगा 😭😭 ये दुनिया खत्म हो रही है 😭😭
Ayush Sharma
अक्तूबर 5, 2024 AT 13:11 अपराह्नइस तरह के हमलों के बाद जब लोग अपने घर छोड़ देते हैं, तो वो सिर्फ एक घर नहीं छोड़ते-वो अपनी जिंदगी का एक हिस्सा छोड़ देते हैं।
charan j
अक्तूबर 6, 2024 AT 04:50 पूर्वाह्नकोई नहीं जानता कि क्या हो रहा है और कोई नहीं चाहता कि कुछ हो
Kotni Sachin
अक्तूबर 6, 2024 AT 13:33 अपराह्नयहाँ एक बात बहुत महत्वपूर्ण है: युद्ध के दौरान सिविलियन्स की सुरक्षा अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अनुसार अनिवार्य है। यह एक ऐसा नैतिक और कानूनी दायित्व है जिसका उल्लंघन किसी भी देश द्वारा नहीं किया जाना चाहिए।
Nathan Allano
अक्तूबर 7, 2024 AT 16:19 अपराह्नमैं इस बात से सहमत हूँ कि जब बच्चे मरते हैं, तो दुनिया ठहर जाती है। लेकिन ये भी सच है कि हिजबुल्लाह के लोग भी अपने घरों के पास हथियार छिपाते हैं, जिससे लोगों को नुकसान होता है। लेकिन ये बहाना नहीं हो सकता कि एक पूरा गांव बर्बाद कर दिया जाए। शांति का रास्ता नहीं तोड़ना है, बल्कि इसे बनाना है।
Guru s20
अक्तूबर 9, 2024 AT 14:22 अपराह्नहम भारत में भी अक्सर देखते हैं कि लोग एक दूसरे को बर्बाद करने की बजाय बातचीत करना भूल जाते हैं। शायद यहाँ भी वही हो रहा है।
Raj Kamal
अक्तूबर 10, 2024 AT 06:15 पूर्वाह्नमैंने इस बारे में कुछ नहीं सुना था कि इस्राइल ने लेबनान में 800 लक्ष्यों पर हमला किया है, लेकिन दूसरी रिपोर्ट्स के अनुसार केवल 300 ही हिट हुए, तो क्या ये डेटा गलत है? या फिर ये एक बड़ा झूठ है? क्या ये सब बस एक प्रचार की रणनीति है? और अगर हम इस बात को नहीं जानते कि कितने लक्ष्य हिट हुए, तो हम ये कैसे बता सकते हैं कि ये हमला न्यायसंगत था या नहीं? और अगर ये लक्ष्य सिविलियन्स के आसपास थे, तो ये कितना न्यायसंगत है? और क्या हम इस बात को भूल रहे हैं कि जब एक देश अपने लक्ष्यों को छिपाता है तो वो आम लोगों के घरों के पास छिपाता है, और फिर दूसरा देश उन्हें बर्बाद कर देता है? ये एक बहुत बड़ा चक्र है जिसे कोई नहीं तोड़ना चाहता।
Rahul Raipurkar
अक्तूबर 11, 2024 AT 09:21 पूर्वाह्नइस्राइल के लिए ये सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन है, लेकिन लेबनान के लिए ये जीवन या मृत्यु का सवाल है। और अब जब बच्चे मर रहे हैं, तो ये ऑपरेशन नहीं, ये जनहत्या है।