भारत में Mpox के प्रकोप के लिए तैयारी: स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाई अड्डों और अस्पतालों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए
20 अगस्त 2024

भारत में Mpox से निपटने की तैयारी

भारत की केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय ने संभावित Mpox प्रकोप के मद्देनजर हवाई अड्डों और अस्पतालों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस दिशा-निर्देश के अनुसार, नई दिल्ली के तीन प्रमुख अस्पतालों - राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज को Mpox रोगियों के पृथक्करण, प्रबंधन और उपचार के लिए नोडल केंद्र के रूप में नामित किया गया है। साथ ही, राज्य सरकारों को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में इसी तरह की सुविधाओं की पहचान करें।

हवाई अड्डों और अस्पतालों के लिए दिशा-निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाई अड्डों और अस्पतालों को निर्देशित किया है कि वे Mpox के प्रकोप की संभावना को देखते हुए अपनी तैयारियों को मजबूत करें। इसके अंतर्गत विशेष स्क्रीनिंग और परीक्षण व्यवस्थाओं का आयोजन करना शामिल है। सरकार ने चिकित्सा पेशेवरों के बीच संक्रमण के रोकथाम और उपचार प्रोटोकॉल की व्यापक रूप से प्रचार और प्रसार पर जोर दिया है। हवाई अड्डा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए आवश्यक तकनीकी और मानव संसाधनों की व्यवस्था करें।

उच्च स्तरीय बैठक

प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा ने रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की, जिसमें भारत की Mpox के लिए तैयारियों का मूल्यांकन किया गया। इस बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में भारत में कोई Mpox का मामला नहीं है। हाल ही में मार्च 2024 में सबसे अंतिम मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, सरकारी अधिकारीयों ने बताया कि बड़े पैमाने पर प्रकोप की संभावना कम है, फिर भी हम पूरी सावधानी बरत रहे हैं।

सतर्कता बढ़ाने पर जोर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने Mpox को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का दर्जा दिया है, खासकर इसके व्यापक प्रसार के चलते। WHO के अनुसार, 2022 से अब तक 116 देशों में 99,176 Mpox के मामले और 208 मौतें दर्ज की गई हैं। मौजूदा वायरस का स्ट्रेन अधिक विषैला और संक्रामक होने की पुष्टि की गई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिकारियों को तैयारियों को बढ़ावा देने और परीक्षण प्रयोगशालाओं को प्रारंभिक निदान के लिए सुसज्जित करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में, पूरे भारत में 32 प्रयोगशालाओं को Mpox परीक्षण के लिए सक्षम बनाया गया है। बीमारी के प्रसारण की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाने और रोकथाम एवं उपचार प्रोटोकॉल के प्रसार की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।

Globally और भारत में स्थिति

इस वर्ष Mpox मामलों में विश्वभर में वृद्धि देखने को मिली है। वर्तमान वर्ष में अभी तक 15,600 मामलों और 537 मौतों की सूचना दी गई है। भारत में 2022 से अब तक 30 Mpox मामलों की पुष्टि हुई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि देश को संक्रमण के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है।

प्रकोप से निपटने के उपाय

स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे तकनीकी संसाधनों के साथ-साथ चिकित्सा कर्मियों की तैयारी को भी बढ़ावा दें। इसके लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जा रहे हैं ताकि तमाम स्तरों पर स्वास्थ्यकर्मियों को Mpox के लक्षण, निदान और उपचार प्रक्रिया से अवगत कराया जा सके। साथ ही, यात्रियों के लिए विशेष स्क्रीनिंग व्यवस्थाएं की जा रही हैं ताकि किसी भी प्रकार के संक्रमण के मामलों को जल्द से जल्द पहचाना जा सके और आवश्यक उपचार प्रदान किया जा सके।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

इस स्थिति को देखते हुए यह आवश्यक है कि हम सभी सतर्क रहें और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें। Mpox के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सामूहिक प्रयास और जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है। सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें।