आयूष्मान भारत योजना से वंचित राज्यों पर मोदी का हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सार्वजनिक सभा में दिल्ली और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों पर कड़ी टिप्पणी की। इन दोनों राज्यों ने केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई आयूष्मान भारत योजना को अब तक नहीं अपनाया है। मोदी ने इसे राजनीतिक कारण से उत्पन्न बाधा करार दिया, जिसके चलते इन राज्यों में वरिष्ठ नागरिकों को इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य बीमा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
आयूष्मान भारत योजना के तहत, गरीब और संसाधन हीन लोगों को स्वास्थ संबंधी गंभीर समस्याओं का मुफ्त इलाज प्रदान किया जाता है। लोगों को अच्छे स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचाने के लिए इस योजना का जोरदार तरीके से प्रसार किया गया था, लेकिन दिल्ली और बंगाल की सरकारों ने इसे अपने राज्यों में लागू नहीं किया। पीएम मोदी ने ऐसे में इन सरकारों को ‘स्वार्थी’ करार दिया और मानवता की उपेक्षा का आरोप लगाया।
सरकार की स्वास्थ्य संबंधी पहल
इसके साथ ही, पीएम मोदी ने अपनी सरकार की स्वास्थ्य नीतियों और उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने 14,000 से अधिक जन औषधि केंद्रों की स्थापना का उल्लेख किया, जहाँ नागरिकों को सस्ते दामों पर दवाएं प्राप्त हो सकती हैं। इस कदम से लोगों की दवाओं पर लगभग 30,000 करोड़ रुपये की बचत होती है।
प्रधानमंत्री ने मिशन इंद्रधनुष की सफलता पर भी प्रकाश डाला, जो गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए आवश्यक टीकाकरण प्रदान करता है। इसके अलावा, 2 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की शुरुआत की गई है जो समय पर कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों की जांच करता है।
डिजिटल स्वास्थ्य का विस्तार
अपने उद्बोधन के दौरान, पीएम मोदी ने यू-विन प्लेटफॉर्म के लॉन्च की भी घोषणा की, जो भारत में डिजिटल स्वास्थ्य ओर डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक नया कदम होने का वादा करता है। यह प्लेटफॉर्म प्रधानमंत्री की दिशा में देश के स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अधिक सुधार और सुविधा प्रस्तुत करने का प्रयास है।
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने देश भर में अनेक नए एम्स और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की, जिससे चिकित्सा सेवाओं की मांग को पूरा करने के लिए आगे की योजनाएं बनाई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, पीएम मोदी ने हरियाणा और मेरठ में ESIC अस्पतालों के निर्माण का भी जिक्र किया।
भविष्य की योजनाएं और विस्तार
आखिर में, पीएम मोदी ने कहा कि वर्तमान में भारत में 1.08 लाख चिकित्सा सीटें हैं और जल्द ही 75,000 नई सीटों की योजना है, ताकि देश में स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। यह समय है कि देश के प्रत्येक नागरिक को अत्यधिक गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो और सरकार इस दिशा में पूरी तरह से समर्पित है।