अक्षर पटेल की जुझारू पारी: संकट में दिन बचाने का कमाल
अक्षर पटेल का नाम क्रिकेट के दुनिया में संकटमोचक के रूप में हमेशा से जाना जाता है। 2024 दलीप ट्रॉफी के उद्घाटन मुकाबले में उन्होंने एक बार फिर यह साबित कर दिखाया कि मुश्किल वक्त में वह कितने बहादुर और संजीदा खिलाड़ी हैं।
आंध्र प्रदेश के अनंतपुर स्टेडियम में खेले जा रहे इस मुकाबले में इंडिया डी की टीम के शुरुआती सेट से ही खराब प्रदर्शन हो रहा था। सिर्फ 11 ओवर में ही टीम ने 34 रन पर अपने पाँच महत्वपूर्ण विकेट गंवा दिए थे। इस गंभीर स्थिति में बल्लेबाजी करने आये अक्षर पटेल ने शुरुआत में बहुत ही संयमित खेल दिखाया।
संभल कर खेलते हुए बनाया आधार
पटेल ने अपने पहले 25 गेंदों पर मात्र तीन रन बनाए। उनकी यह रणनीति थी कि पहले टीम को संभाले रहे और विकेट पर समय बिताएँ। परन्तु जैसे ही लंच हुआ, उनका किरदार बदल गया।
39वें ओवर से पटेल ने खुद को एक आक्रामक बल्लेबाज में तब्दील कर लिया। उनकी बल्लेबाजी का अंदाज़ बदल गया और उन्होंने गेंदबाज मनव सुथर की गेंद पर छक्का मार कर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए। अगले ही क्रम में उन्होंने दो चौके और फिर एक और छक्का मारा और 77 गेंदों में अपनी पचास रन पूरे कर लिए।
संकट में उम्दा प्रदर्शन
पटेल की ये पारी सिर्फ एक अर्धशतक तक सीमित नहीं रही। उन्होंने 118 गेंदों में 86 रन बनाए, जिसमें छह चौके और छह छक्के शामिल थे। उनकी इस पारी ने टीम को 164 रन पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जब सभी गेंदबाजों का काम मुश्किल हो रहा था।
उनके आक्रामक शैली ने टीम के अन्य बल्लेबाज अर्शदीप सिंह को भी प्रोत्साहित किया, जिन्होंने एक जोरदार छक्का मारकर इस प्रयास को सार्थक बनाया।
अन्य प्रमुख बल्लेबाजों का नाकाम प्रदर्शन
वैसे, इंडिया डी के अन्य प्रमुख खिलाड़ी इस मैच में खास प्रदर्शन नहीं कर सके। टीम के कप्तान श्रेयस अय्यर सिर्फ 16 गेंदों में नौ रन ही बना पाए। देवदत्त पडिक्कल बिना खाता खोले ही पवेलियन लौट गए, और केएस भारत ने 42 गेंदों पर केवल 13 रन ही बनाए।
दूसरी ओर, इंडिया सी के लिए विजयकुमार वैशक ने बेहतरीन गेंदबाजी कर 19 रन देकर तीन विकेट लिए। अनशुल कंबोज और हिमांशु चौहान ने दो-दो विकेट अपनी झोली में डाले।
पटेल की इस पारी ने एक बार फिर से उनके टी20 विश्वकप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 47 रन की याद दिला दी, जब उन्होंने विराट कोहली के साथ 72 रन की साझेदारी की थी।
यह पारी सिर्फ रन बनाने की नहीं, बल्कि टीम को संकट से निकालने और सही दिशा देने का एक बेहतरीन उदाहरण है।
संभावना है कि इस पारी के बाद पटेल के प्रति प्रशंसा और बढ़ेगी और वे क्रिकेट प्रशंसकों के और भी करीब आ जाएंगे।