विराट कोहली और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का सफर: एक लंबा इंतजार
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के प्रशंसकों के लिए आईपीएल 2024 का सीजन एक बार फिर निराशा भरा रहा। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए एलिमिनेटर मैच में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 4 विकेट की हार ने RCB को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया। इस हार का दर्द विराट कोहली के लिए बेहद गहरा था, जिन्होंने इस सीजन में बल्ले से दमदार प्रदर्शन किया और 741 रन बनाए।
विराट कोहली भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में से एक हैं और उन्होंने देश और अपनी टीम को अनगिनत जीत दिलाई हैं। लेकिन आईपीएल ट्रॉफी के मामले में उनकी किस्मत अभी तक चमकी नहीं है। उनका ये दुख उस समय और बढ़ गया जब इस हार ने उन्हें पिछली विश्व कप 2023 की फाइनल हार की दर्दनाक यादें ताज़ा कर दीं, जहां भारत को उसी मैदान पर ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा था।
विराट कोहली: संघर्ष और समर्पण की कहानी
विराट कोहली का क्रिकेट करियर उत्कृष्ट रिकॉर्ड्स और शानदार उपलब्धियों से भरा है। लेकिन एक चीज़ जो वे अब तक हासिल नहीं कर सके हैं, वह है आईपीएल ट्रॉफी। कोहली ने RCB का नेतृत्व कई सत्रों में किया है और उन्होंने बार-बार अपना बेस्ट दिया है, लेकिन उनकी टीम फाइनल तक पहुंचने के बावजूद खिताब नहीं जीत पाई।
इस साल के सीजन में भी कोहली ने उम्मीदों पर खरे उतरते हुए RCB के लिए शानदार परफॉर्मेंस दिखाई। उनके 741 रन इस बात का सबूत हैं कि उनकी फॉर्म अभी भी बेहतरीन है। लेकिन टीम का प्रदर्शन उनके अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा और एलिमिनेटर में हार ने उनके दिल को एक बार फिर से चोट पहुंचाई। मैच के बाद का दृश्य, जब कोहली ने बेल्स गिराकर अपनी हताशा जताई, ने सभी पुरानी यादों को ताजा कर दिया।
RCB का इतिहास और कोहली का योगदान
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने आईपीएल के इतिहास में कुल नौ बार प्लेऑफ तक पहुंच बनाई है और तीन बार फाइनल में अपनी जगह भी बनाई है। लेकिन दुर्भाग्यवश, उनकी ट्रॉफी कैबिनेट अभी भी खाली है। कोहली, जिन्होंने 2008 में टीम के शुरू होते ही इससे जुड़ाव बना लिया था, तब से लेकर अब तक टीम के महत्वपूर्ण स्तम्भ बने रहे हैं।
आक्रामक नेतृत्व, बेमिसाल बल्लेबाजी और टीम के प्रति उनकी कमिटमेंट ने उन्हें RCB के दिल की धड़कन बना दिया है। लेकिन धोनी और रोहित शर्मा की तुलना में, जिनके पास क्रमशः पांच और छह आईपीएल खिताब हैं, कोहली का सपना अब भी अधूरा है।
आगे का रास्ता और उम्मीद
आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में उम्मीद की जा सकती है कि कोहली RCB के प्रमुख रिटेंशन होंगे। टीम और उसके प्रशंसक सभी इस बात के लिए आशान्वित हैं कि यह महान बल्लेबाज अपने करियर का एक महत्वपूर्ण खिताब जीत सके।
खिलाड़ी के रूप में कोहली का समर्पण और आक्रामकता मैदान पर दिखाई देती है, लेकिन वह समय भी करीब आ रहा है जब उनके पास ट्रॉफी जीतने के मौके सीमित हो सकते हैं।
हालांकि, कोहली अपने खेल में न केवल एक बेहतरीन बल्लेबाज बल्कि एक प्रेरक नेता भी साबित हो चुके हैं। उनकी हार को पीछे छोड़कर फिर से आगे बढ़ने की क्षमता ने हमेशा से उन्हें विशेष बनाया है। उन्होंने कई बार विपरीत परिस्थितियों में खुद को साबित किया है और उम्मीद है कि आईपीएल के आगामी सत्र में भी ऐसा ही करेंगे।”
आईपीएल 2024 उन सबके लिए एक यादगार सत्र रहेगा, जिन्हें क्रिकेट का जुनून है। और विराट कोहली के प्रशंसक उनके अगले कदम की प्रतीक्षा और उम्मीद के साथ देख रहे हैं कि क्या वो अपनी टीम को चैंपियन बना पाएंगे।
5 टिप्पणि
Shikha Malik
मई 23, 2024 AT 22:05 अपराह्नये विराट का दर्द सिर्फ एक खिलाड़ी का नहीं, बल्कि पूरे देश का है। जब तक तुम खेलते हो, तब तक तुम एक इकाई हो - बल्ला, बेल्ट, और आंखों में चमक।
TARUN BEDI
मई 25, 2024 AT 14:40 अपराह्नइस तरह की हार को 'निराशा' कहना बहुत हल्का है। विराट कोहली ने अपने करियर में लगभग हर रिकॉर्ड तोड़ दिया है - एक एक रन, एक एक ओवर, एक एक दौड़। लेकिन जब तक ट्रॉफी नहीं मिलती, तब तक ये सब बस एक बड़ा अधूरा अध्याय है। आईपीएल एक टूर्नामेंट नहीं, ये एक संस्कृति है, और उस संस्कृति में विराट की जगह अभी भी अधूरी है। उन्होंने जो बनाया, वो कोई टीम नहीं, एक धर्म है - और धर्म को जीतने के लिए तो जन्म भर का संघर्ष चाहिए।
Hari Wiradinata
मई 25, 2024 AT 20:51 अपराह्नविराट के लिए ये हार बहुत कठिन होगी, लेकिन उनकी मेहनत और लगन देखकर लगता है कि अगली बार जरूर मिलेगा। टीम को बेहतर बनाना बाकी है, लेकिन उनकी आत्मा अभी भी जी रही है।
Ranjani Sridharan
मई 26, 2024 AT 16:12 अपराह्नyo kya baat hai ye sab.. kohli toh hamesha se hi jhootha tha.. sabko bana ke rakh diya.. phir bhi trophy nahi aayi.. koi bhi nahi jitega.. bas dikhawa hai..
Leo Ware
मई 27, 2024 AT 10:35 पूर्वाह्नकोहली का दर्द उसकी नहीं, हम सबका है। जो इतना देता है, उसे जो कुछ मिलता है - वो न्याय नहीं, बल्कि अदालत की अनदेखी है। लेकिन वो अभी भी खड़ा है। और वो खड़ा होना ही जीत है।