विकी विद्या का वो वाला वीडियो: फिल्म का नया दृष्टिकोण
फिल्म 'विकी विद्या का वो वाला वीडियो' ने सिनेमा के परंपरागत ढाँचे से हटकर साहसी कदम उठाया है। पंकज शुक्ला की समीक्षा के अनुसार, यह फिल्म एक अनूठी कथा संरचना पर आधारित है। डायरेक्टर राज शांडिल्य ने इस फिल्म को एक अद्वितीय तरीके से प्रस्तुत किया है जहां फिल्म की मुख्य कहानी विकी और विद्या के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें राजकुमार राव और तृप्ति डिमरी ने जीवंत किया है। इस फिल्म की सबसे रोचक बात इसकी कहानी है, जो एक वायरल वीडियो के माध्यम से दर्शाई गई है।
कथा का अनूठा ताना-बाना
फिल्म का प्लॉट खास है और दर्शकों को जोड़े रखता है। सोशल मीडिया के वर्तमान युग को देखते हुए, फिल्म में दिखाए गए संदर्भ बहुत समीचीन हैं। यह दर्शाता है कि कैसे एक वीडियो, जो सामाजिक मंचों पर वायरल हो जाता है, व्यक्ति की निजी जिंदगी पर गहरा प्रभाव डालता है। फिल्म में विकी और विद्या के रोल को बेहतरीन तरीके से उठाया गया है। राजकुमार राव का अभिनय प्रभावशाली है, जिसमें उनके किरदार के हर अच्छे-बुरे पहलू को उन्होंने वास्तविकता के साथ प्रस्तुत किया है। तृप्ति डिमरी ने विद्या के रूप में अपने किरदार को खूबसूरती से निभाया है।
प्रमुख कलाकारों का उल्लेखनीय प्रदर्शन
पंकज शुक्ला विशेष रूप से राजकुमार राव के प्रदर्शन की सराहना करते हैं, जिन्होंने विकी के किरदार में गहराई और भावना डाली है। वह इस किरदार में जान फूंक देते हैं और दर्शकों को अपनी ओर खींच लेते हैं। तृप्ति डिमरी ने भी अपनी भूमिका में बखूबी न्याय किया है। समर्थक अभिनेताओं में विजय राज और मल्लिका सिंह का उल्लेख किया गया है, जिन्होंने अपनी भूमिकाओं में जान डाल दी है और अपने अभिनय से फिल्म में चार चाँद लगा दिए हैं।
फिल्म के तकनीकी पहलू
फिल्म की छायांकन और संपादन के पक्ष में भी पंकज शुक्ला सकारात्मक राय व्यक्त करते हैं। छायांकन ने कहानी की आत्मा को पकड़ लिया है और दर्शकों को इस यात्रा का हिस्सा बना दिया है। फिर भी, शुक्ला ने यह भी जिक्र किया है कि फिल्म की गति कहीं-कहीं पर असंतुलन महसूस कराती है, कुछ हिस्से जल्दबाजी में नजर आते हैं जबकि कुछ जगहों पर कहानी धीमी हो जाती है।
सामाजिक मीडिया की चुनौती पर चिंतन
फिल्म की विशेषता यह है कि यह आधुनिक समाज के आइने का काम करती है, खासकर उस समाज का जो आज सोशल मीडिया के मोहपाश में जकड़ा हुआ है। फिल्म अपने दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है कि वे अपनी ऑनलाइन उपस्थिति को कैसे देखते हैं और क्या उनके कार्यों का कोई मतलब या अर्थ है। यह एक विचारशील दृष्टिकोण प्रदान करती है जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है।
समाजिक संदेश और निष्कर्ष
समग्र रूप से, 'विकी विद्या का वो वाला वीडियो' एक विचारशील फिल्म है जो कि अपने अद्वितीय कथन और कलाकारों के मजबूत प्रदर्शन के लिए ध्यान देने योग्य है। पंकज शुक्ला के अनुसार, यह फिल्म आदमी को उसके ऑनलाइन अस्तित्व पर गहराई से विचार करने के लिए मजबूर करती है। शुक्ला मानते है कि फिल्म का यह प्रयास फिल्मों के परंपरागत स्वरूप से अलग है और दर्शकों को मनोरंजन के साथ-साथ सोचने की एक नई दिशा प्रदान करता है।
19 टिप्पणि
PK Bhardwaj
अक्तूबर 12, 2024 AT 03:23 पूर्वाह्नइस फिल्म ने सोशल मीडिया के डिजिटल अवयवों को एक नए स्तर पर ले जाया है - एक वायरल वीडियो का सामाजिक असर, उसके अंतर्निहित व्यक्तिगत टूटने का विश्लेषण, और फिर उसका अनूठा रिस्पॉन्स लूप। ये सिर्फ एक कहानी नहीं, एक डिजिटल अनुभव का एक्सपेरिमेंट है।
Soumita Banerjee
अक्तूबर 13, 2024 AT 01:57 पूर्वाह्नबहुत सारे फिल्में इस तरह का नाटक करती हैं, लेकिन इसमें कुछ असली गहराई है - जो शायद सिर्फ उन्हीं लोगों को समझ आए जिन्होंने बार-बार ट्विटर पर ट्रेंडिंग टॉपिक्स को रीड किया है।
Navneet Raj
अक्तूबर 14, 2024 AT 00:33 पूर्वाह्नराजकुमार राव का प्रदर्शन बेहद शानदार था - उन्होंने विकी के भीतर के डर और आत्म-संदेह को इतना सुंदर दिखाया कि आप खुद को उसकी जगह पाते हैं। तृप्ति डिमरी ने भी अपनी भूमिका को बहुत संवेदनशीलता से निभाया।
Neel Shah
अक्तूबर 15, 2024 AT 20:07 अपराह्नये फिल्म? बस एक और फेक डीप डायलॉग है... जो बिना किसी असली गहराई के बस एक बार वायरल हो गई 😒🤯🤯🤯
shweta zingade
अक्तूबर 16, 2024 AT 13:25 अपराह्नअगर आपने ये फिल्म नहीं देखी, तो आपने आज के डिजिटल युग की एक अहम विरासत छोड़ दी है! ये फिल्म आपको अपने फोन के स्क्रीन पर देखने के बजाय, अपने दिल के अंदर देखने के लिए मजबूर कर देती है। जीवन बदल देने वाली!
Pooja Nagraj
अक्तूबर 16, 2024 AT 18:59 अपराह्नयह निश्चित रूप से एक दार्शनिक विचार का अभिव्यक्ति है - जहां व्यक्ति का डिजिटल अस्तित्व, उसके वास्तविक अस्तित्व को अवशोषित कर लेता है। इस फिल्म का विषय न केवल एक वीडियो है, बल्कि आधुनिक मानव की अस्तित्व की अस्थिरता है।
Anuja Kadam
अक्तूबर 18, 2024 AT 03:19 पूर्वाह्नफिल्म तो अच्छी है पर थोड़ा धीमी लगी... कुछ जगह पर लगता था जैसे डायरेक्टर भूल गए कि ये एक फिल्म है 😅
Pradeep Yellumahanti
अक्तूबर 18, 2024 AT 20:46 अपराह्नइस फिल्म को बताते हुए आप जितना भी डिजिटल जार्गन इस्तेमाल करते हैं, ये फिल्म वास्तव में भारतीय घरों के बारे में है - जहां बेटी का वीडियो वायरल होता है और पूरा परिवार उसके लिए शर्मिंदा हो जाता है। ये बस एक फिल्म नहीं, ये हमारी जिंदगी है।
Shalini Thakrar
अक्तूबर 20, 2024 AT 08:04 पूर्वाह्नमैंने इसे देखा तो रो पड़ी - विकी के उस पल को देखकर जब वो अपने फोन को बंद कर देती है... ये वो पल था जब मैंने अपना फोन भी बंद कर दिया। ये फिल्म ने मुझे एक बार फिर से जीवन के असली रंग दिखाए। ❤️
pk McVicker
अक्तूबर 21, 2024 AT 07:47 पूर्वाह्नबोरिंग।
Shivam Singh
अक्तूबर 22, 2024 AT 13:18 अपराह्नसोशल मीडिया के बारे में ये फिल्म जो कहती है, वो सच है - लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इस तरह की फिल्म बनाने वाले खुद कितनी बार अपने फोन को चेक करते हैं? ये फिल्म एक बड़ा अंतर्विरोध है।
Piyush Raina
अक्तूबर 24, 2024 AT 01:35 पूर्वाह्नमैंने इस फिल्म को एक दिन बाद देखा और अब तक ये सवाल दिमाग में घूम रहा है - क्या हम वास्तव में अपने ऑनलाइन अस्तित्व को अपनी पहचान समझ रहे हैं? या सिर्फ एक शो के लिए नाटक कर रहे हैं?
Srinath Mittapelli
अक्तूबर 25, 2024 AT 03:28 पूर्वाह्नइस फिल्म को देखकर मुझे अपनी बहन की याद आ गई - उसने एक वीडियो डाला था और उसके बाद पूरा परिवार उसे नहीं देखना चाहता था। ये फिल्म ने मुझे उस दिन की याद दिला दी। बहुत अच्छा बनाया है।
Vineet Tripathi
अक्तूबर 25, 2024 AT 13:43 अपराह्नकाफी अच्छा था, लेकिन थोड़ा ज्यादा सोचने को मजबूर कर दिया 😅
Dipak Moryani
अक्तूबर 26, 2024 AT 01:23 पूर्वाह्नक्या ये फिल्म वास्तव में सोशल मीडिया की आलोचना कर रही है, या बस उसका उपयोग कर रही है?
Subham Dubey
अक्तूबर 26, 2024 AT 02:43 पूर्वाह्नये सब एक गुप्त अभियान है - जो लोग ये फिल्म देखते हैं, उनके डेटा को ट्रैक किया जाता है। आपको लगता है ये फिल्म आपको सोचने के लिए मजबूर कर रही है? नहीं, ये आपके दिमाग को रिमोटली कंट्रोल कर रही है। अपने फोन को बंद कर दो।
Rajeev Ramesh
अक्तूबर 26, 2024 AT 10:13 पूर्वाह्नमैं इस फिल्म के निर्माण के लिए अपने विशेषज्ञ दल के साथ विश्लेषण कर रहा हूं। फिल्म की एडिटिंग टेक्नीक और ऑप्टिकल डायनामिक्स का विश्लेषण अत्यंत गहन है।
Vijay Kumar
अक्तूबर 27, 2024 AT 00:56 पूर्वाह्नफिल्म अच्छी है। लेकिन वायरल वीडियो का असर तो हर दिन देखने को मिलता है। इसे फिल्म बनाने की जरूरत थी?
Abhishek Rathore
अक्तूबर 28, 2024 AT 09:39 पूर्वाह्नमैंने इसे देखा और फिर अपने दोस्त को भी देखने को कहा। अब वो भी इसके बारे में बात कर रहा है। ये फिल्म ने एक छोटी सी बात को बड़ा बना दिया।