टी20 विश्व कप फाइनल: भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच आगामी टी20 विश्व कप फाइनल मैच को लेकर खासी हलचल मची हुई है। यह मैच राहुल द्रविड़ के मुख्य कोच के रूप में आखिरी मुकाबले के रूप में देखा जा रहा है। इस पर सोशल मीडिया पर 'डू इट फॉर द्रविड़' का कैंपेन चल रहा था। इस पर द्रविड़ ने सोशल मीडिया पर इसे खारिज करते हुए अपने मूल्यों के खिलाफ बताया।
द्रविड़ की प्रतिक्रिया
द्रविड़ ने कहा, “टीम की सफलता किसी एक व्यक्ति पर आधारित नहीं होनी चाहिए। यह एक टीम प्रयास है।” उनकी इस स्पष्टवादिता की तारीफ करते हुए भारत के स्टार ऑफ-स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। अश्विन ने अपने एक्स प्रोफाइल पर लिखा कि वे द्रविड़ को अच्छी तरह से जानते हैं और द्रविड़ का इस तरीके से प्रतिक्रिया देना वास्तव में सराहनीय है।
अश्विन का मैसेज
रविचंद्रन अश्विन ने अपने संदेश में लिखा, “कोई भी टीम खेल में किसी एक व्यक्ति को केंद्रित करना सबसे बुरी बात होती है। यह टीम के स्वस्थ माहौल के लिए हानिकारक हो सकता है।” उन्होंने बताया कि द्रविड़ ने इस सोशल मीडिया के नरेटिव को बेहद शालीनता से खारिज किया, जोकि एक सच्चे खेल भावना का प्रदर्शन है।
भारत की अजेय यात्रा
भारत ने टी20 विश्व कप में बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय किया है। टीम ने अपने ग्रुप स्टेज के सभी मैच ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसी टीमों के खिलाफ जीते। सेमीफाइनल में भारत ने इंग्लैंड को 68 रनों से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की।
फाइनल में भारत का मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से होगा, जो कि खुद भी इस टूर्नामेंट में अजेय रही है। ऐसे में फाइनल मुकाबला बेहद रोमांचक होने की पूरी संभावना है। राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में टीम इंडिया ने कई शानदार प्रदर्शन किए हैं, हालांकि ICC खिताब की कमी अब भी बनी हुई है।
द्रविड़ का कोचिंग कार्यकाल
राहुल द्रविड़ ने 2021 में रवि शास्त्री की जगह मुख्य कोच का पद संभाला था। उनके कार्यकाल में भारतीय टीम ने कई यादगार जीतें दर्ज की हैं, लेकिन आईसीसी खिताब का सूखा अभी भी खत्म नहीं हो पाया है। द्रविड़ ने अपनी कोचिंग के दौर में टीम के युवाओं को मौका देने और टीम की गहराई बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है।
टीम का मनोबल
भारत के शानदार और अजेय प्रदर्शन के बावजूद टीम को इस अहम मौके पर मनोबल बनाए रखना जरूरी है। फाइनल मुकाबले में एक गलती भी भारी पड़ सकती है। टीम इंडिया के खिलाड़ियों को इस समय द्रविड़ की मार्गदर्शन की बेहद जरूरत होगी ताकि वे अंतिम संघर्ष में भी अपनी विजय यात्रा को जारी रख सकें।
द्रविड़ का यह साफ संदेश टीम के लिए प्रेरणा बनेगा कि अपनी सफलता किसी एक व्यक्ति की चाहत पर आधारित न करें, बल्कि टीम के सभी सदस्य मिलकर उसे हासिल करें।
उम्मीदों का भार
इस फाइनल मुकाबले पर सभी भारतीय क्रिकेट फैन्स की नजरें टिकी होंगी। और यह देखना होगा कि क्या भारतीय टीम अपने कोच राहुल द्रविड़ को निश्चित रूप से विजयी विदाई दे पाएगी? क्या द्रविड़ अपने मुख्य कोच के पद से अंतिम समय में एक शानदार जीत के साथ विदा होंगे? सबकी नजरे उसी पर टिकी हैं।
14 टिप्पणि
Nandini Rawal
जुलाई 2, 2024 AT 11:49 पूर्वाह्नद्रविड़ का ये रिस्पॉन्स बिल्कुल सही है। टीम का नाम है इंडिया, किसी एक का नहीं।
Vikas Rajpurohit
जुलाई 3, 2024 AT 19:51 अपराह्नअरे भाई ये सब नाटक है! 😂 अश्विन भी तो द्रविड़ के बिना कुछ नहीं कर पाएगा। ये टीम का बहाना बना रहे हैं ताकि कोच को बचा सकें! 🤦♂️🔥
Himanshu Tyagi
जुलाई 4, 2024 AT 04:05 पूर्वाह्नअश्विन की बात सही है। कोचिंग में एक व्यक्ति को आईकॉन बनाने की बजाय, टीम के सारे एलिमेंट्स को इंगेज करना जरूरी है। द्रविड़ ने इसे समझा है।
Sujit Ghosh
जुलाई 4, 2024 AT 23:25 अपराह्नअगर द्रविड़ ने नहीं किया होता तो अब तक भारत का कोई ट्रॉफी नहीं आई होती! ये सब बकवास है कि टीम है टीम। जब तक तुम अपने कोच को नहीं चाहोगे, जीत नहीं मिलेगी। 🇮🇳💥
sandhya jain
जुलाई 5, 2024 AT 01:18 पूर्वाह्नक्या आपने कभी सोचा है कि जब हम किसी को 'डू इट फॉर द्रविड़' कहते हैं, तो हम उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी को बढ़ा रहे हैं? ये दबाव उनके लिए बहुत भारी हो सकता है। द्रविड़ ने इसे एक अलग तरह से देखा - एक ऐसा तरीका जिसमें टीम का हर सदस्य खुद को जिम्मेदार महसूस करे। ये बहुत बड़ी बात है। कोई एक व्यक्ति नहीं, हर एक खिलाड़ी अपने आप को टीम का हिस्सा माने, तभी तो वास्तविक बदलाव आता है।
Anupam Sood
जुलाई 6, 2024 AT 00:27 पूर्वाह्नअश्विन का ये ट्वीट तो बहुत अच्छा लगा 😭 लेकिन ये सब बकवास है... जब तक टीम नहीं जीतती, तब तक ये सब बातें बस शब्दों का खेल है।
Shriya Prasad
जुलाई 6, 2024 AT 13:45 अपराह्नबिल्कुल सही। टीम के लिए कोई भी नहीं, सब हैं।
Balaji T
जुलाई 6, 2024 AT 14:40 अपराह्नइस प्रकार के सामाजिक नरेटिव का उपयोग खेल की गुणवत्ता को कम करता है। यह एक व्यक्ति के लिए अतिरिक्त भावनात्मक बोझ है, जो खेल के व्यावहारिक आयामों को अनदेखा करता है।
Nishu Sharma
जुलाई 7, 2024 AT 15:25 अपराह्नद्रविड़ की बात सही है लेकिन अश्विन ने जो कहा वो तो बिल्कुल ज़बरदस्त था... टीम के लिए खेलना है न कि किसी के लिए... और ये जो लोग डू इट फॉर द्रविड़ कह रहे हैं उन्हें याद रखना चाहिए कि द्रविड़ खुद तो खिलाड़ी थे और खेल को समझते हैं बहुत अच्छे से
Shraddha Tomar
जुलाई 9, 2024 AT 04:49 पूर्वाह्नये सब जो हो रहा है वो एक एक्सप्रेशन ऑफ़ कलेक्टिव इमोशनल इन्वेस्टमेंट है... जब तुम एक टीम के साथ इतने साल जुड़े रहते हो तो उसकी जीत या हार तुम्हारी खुद की जीत होती है... लेकिन द्रविड़ ने इसे टीम डायनामिक्स के लिए एक बेहतर फ्रेमवर्क दिया है। ये नए जनरेशन के लिए बहुत बड़ा लेसन है।
Priya Kanodia
जुलाई 10, 2024 AT 13:18 अपराह्नक्या आपने कभी सोचा है कि ये सब एक डिस्ट्रैक्शन टैक्टिक है? क्या ये सब एक बड़े प्लान का हिस्सा है जिसमें कोच को बचाने के लिए टीम को बलिदान किया जा रहा है? 🕵️♀️🔍
Darshan kumawat
जुलाई 10, 2024 AT 16:38 अपराह्नद्रविड़ ने जो कहा वो बिल्कुल सही है... लेकिन अश्विन ने जो बोला वो तो जान लग गई।
Nandini Rawal
जुलाई 11, 2024 AT 02:06 पूर्वाह्नअश्विन की बात सुनकर लगा जैसे द्रविड़ के लिए एक शानदार अंत बन गया।
Shailendra Soni
जुलाई 12, 2024 AT 05:30 पूर्वाह्नअश्विन ने जो कहा वो बहुत गहरा है... लेकिन अगर द्रविड़ ने नहीं कहा होता तो क्या अश्विन इतना जोर से बोलते? क्या ये भी एक नरेटिव है?