ITR फाइलिंग: शुरू से अंत तक आसान स्टेप‑बाय‑स्टेप गाइड
क्या आप सालाना आयकर रिटर्न भरने में उलझे हुए महसूस करते हैं? दरअसल, बहुत सारे लोग इसे मुश्किल समझते हैं, पर सही जानकारी और कुछ छोटे‑छोटे टिप्स से यह काम मिनटों में हो सकता है। इस लेख में हम आपको बताएँगे कि ITR फाइलिंग कैसे करनी है, कौन‑कौन से दस्तावेज़ चाहिए और बचत के सबसे बेहतरीन उपाय क्या हैं।
ऑनलाइन रिटर्न भरने की बेसिक प्रोसेस
पहला कदम है इनकम टैक्स ई‑फ़ाइल पोर्टल पर जाना। यदि आपके पास यूज़र आईडी नहीं है, तो ‘Register’ बटन दबाकर अपना पैन नंबर, मोबाइल और इमेल डालें – सब कुछ तुरंत वैरिफ़ाई हो जाता है। लॉगिन करने के बाद ‘e‑File’ → ‘Income Tax Return (ITR)’ चुनें। अगला स्क्रीन आपको फॉर्म का विकल्प देगा: salaried लोग ITR‑1 (Sahaj), प्रॉपर्टी या बिज़नेस वाले ITR‑2, और फ्रीलांसर्स ITR‑3/4 आदि। अपने इनकम सोर्स के हिसाब से सही फॉर्म चुनें, नहीं तो बाद में त्रुटियों का सामना करना पड़ेगा।
फॉर्म खोलने पर दो मुख्य सेक्शन दिखेंगे – ‘Personal Details’ और ‘Income Details’. यहाँ अपना नाम, पैन, बैंक अकाउंट आदि सटीक भरें। आय के सेक्शन में वेतन, बैंकेडिपॉजिट, फिक्स्ड डिपॉज़िट, प्रॉपर्टी रेंट, कैपिटल गैन्स इत्यादि को अलग‑अलग डालें। यदि आपके पास कोई छूट (धारा 80C, 80D आदि) है तो उसका प्रमाणपत्र (जैसे जीवन बीमा पॉलिसी, EPF स्टेटमेंट) तैयार रखें – पोर्टल में इन्हे टाइप करने की ज़रूरत नहीं, बस रकम भर दें।
टैक्स बचत के हॉट टिप्स
कई लोग टैक्स देनदारी से बचने के लिए छूट वाले निवेशों को अनदेखा कर देते हैं। एक साल में 1.5 लाख तक की EPF, PPF, ELSS और लाइफ इन्श्योरेंस पर आप पूरी तरह से कटौती ले सकते हैं। साथ ही, हाउस लॉन लोन के इंटरस्ट का 2 लाख तक लाभ मिलता है – अगर आपके पास गृह ऋण है तो इसे जरूर डालें। यदि आपका स्वास्थ्य बीमा नहीं है तो 25,000 (सिंगल) या 50,000 (फ़ैमिली) की छूट भी मिलती है। इन सभी को ध्यान में रखकर आय का सही‑से‑सही प्रॉजेक्शन करें, ताकि टैक्सेबल इन्कम कम हो और रिफंड बढ़े।
एक छोटा ट्रिक यह है कि अगर आपके पास दो या अधिक स्रोतों से आय आती है (उदाहरण: सैलरी + फ्रीलांस), तो सभी को एक ही ITR में जोड़ें। इससे डिडक्शन का कुल मिलाकर बेहतर लाभ मिलता है और रिटर्न फ़ाइलिंग भी एक बार में खत्म हो जाती है।
रिटर्न जमा करने से पहले ‘Preview’ बटन दबाएँ, फिर ‘Submit’. सफल सबमिशन के बाद ‘Acknowledgement Number’ (आईटीआर‑V) मिल जाएगा – इसे प्रिंट कर रखें। अगर आप रिफंड की उम्मीद कर रहे हैं तो अपने बैंक अकाउंट को फॉर्म में ठीक तरह से जोड़ें; सीधे खाते में पैसा आ जाएगा, कोई चेक नहीं भेजा जायेगा।
भूलने योग्य चीज़: देर से दाखिल करने पर 5% पेनल्टी और इंटरेस्ट लग सकता है। इसलिए रिटर्न की अंतिम तिथि (आमतौर पर 31 जुलाई) से पहले पूरा कर लें, या अगर आप ऑडिटर के पास जा रहे हैं तो एक्सटेंशन की भी संभावना देख सकते हैं।
सारांश में, ITR फाइलिंग कोई जटिल काम नहीं है – बस सही फॉर्म चुनिए, दस्तावेज़ तैयार रखें और ऊपर बताए गए बचत के टिप्स को लागू करें। इस तरह न केवल टैक्स कम पड़ेगा, बल्कि रिफंड भी जल्दी मिल जाएगा। अब देर किस बात की? अपना पोर्टल खोलें, स्टेप‑बाय‑स्टेप फॉर्म भरें और सालाना टैक्स का झंझट खत्म कर दें!
31 जुल॰ 2024
वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 है। आधिकारिक ई-फाइलिंग पोर्टल में तकनीकी समस्याओं के कारण करदाताओं और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को कठिनाई हो रही है, जिससे फाइलिंग की समय सीमा बढ़ाने की मांग उठ रही है। सरकार ने अभी तक विस्तार की घोषणा नहीं की है, जबकि देरी से फाइलिंग पर जुर्माना और ब्याज लग सकता है।
जारी रखें पढ़ रहे हैं...