हिंदू पर्व: तिथियां, मान्यताएँ और मनाने के आसान तरीके

भारत में हर साल कई बड़े‑बड़े त्यौहार आते हैं। यही त्योहारी मौसम हमारे जीवन में रंग भर देता है। लेकिन कई बार लोग तारीख या परम्परा भूल जाते हैं, इसलिए हम यहाँ सबसे लोकप्रिय हिंदू पर्वों की तिथियां, अर्थ और उन्हें खास बनाने के कुछ सरल उपाय बता रहे हैं। पढ़िए और अपने पारिवारिक समारोह को और भी यादगार बनाइए।

मुख्य हिंदू त्योहार और उनकी तिथियां

दिवाली – भारत की सबसे बड़ी रोशनी का त्योहार है। यह अमावस्या के दिन, कार्तिक महीने में मनाया जाता है। घर‑घर में दीप जलते हैं, मिठाइयाँ बनती हैं और पटाखे फूटते हैं।

होली – रंगों का उत्सव, फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को आता है। इस दिन सभी गिलासों में रंग मिलाते हैं, दही‑भेला खिलाते हैं और भाई‑बहनों के बीच मिठाई बाँटते हैं।

दुर्गा पूजा – आशvin के शुक्ल पक्ष की शुरूआत में शुरू होती है और एक हफ़्ते तक चलती है। माँ दुर्गा की पूजा, नौ दिन के क्रम में करती है, और अंतिम दिन ‘श्रेष्ठशक्ति’ के रूप में विजय की घोड़ी पर सवारी की जाती है।

जन्माष्टमी – श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह भाद्रपदी महीने की पूर्णिमा को आता है। रात भर ‘जागरण’ और ‘रास्लिला’ होते हैं, और बांस के ‘पानी’ से बना ‘कपूरा’ तैयार किया जाता है।

पोंगल – यह तमिलनाडु का धन्यवाद पर्व है, जो कार्तिक महीने के पहले दिन मनाया जाता है। घर की साफ़‑सफ़ाई, नई साड़ी पहनना और तांदूळ के मुँह में ‘कुल्हड़’ से मिठाई देना इसको ख़ास बनाता है।

त्योहारों को खास बनाने के टिप्स

पहला, पहले से योजना बनाएं। तिथि की पुष्टि करके गली‑घर में काम‑काम के लिए पहले से सामान तैयार रखें। इससे आख़िरी क्षण में हंगामा नहीं होगा।

दूसरा, स्थानीय रीतियों को अपनाएँ। जैसे दिवाली पर ‘दीपावली का दीप’ और ‘लक्ष्मी पूजा’, या होली पर ‘पटाखा‑दानी’ का उपयोग। छोटे‑छोटे रिवाज़ जोड़ने से उत्सव में नई जान आती है।

तीसरा, सात‑आठ लोगों के छोटे‑छोटे समूह बनाकर काम बाँटें। खाना बनाना, सजावट करना या मिठाई तैयार करना टीम में करने से समय कम लगता है और मज़ा बढ़ता है।

चौथा, सोशल मीडिया या फोटो‑एल्बम में यादें संजोएँ। हर पकवान, हर रंगीन पिचकारी की फोटो लेकर बाद में देखिए – इससे यादों का खजाना बन जाता है।

पांचवां, पर्यावरण का ध्यान रखें। पटाखों के बदले फुलझड़ी या LED लाइट उपयोग करें, और प्लास्टिक के बर्तनों की बजाय बायोडिग्रेडेबल वस्तुएँ चुनें। इससे उत्सव साफ‑सुथरा रहेगा और धरती माँ खुश होगी।

इन छोटे‑छोटे सुझावों को अपनाकर आप किसी भी हिंदू पर्व को बिना झंझट के, पूरी श्रद्धा और मज़े के साथ मनाने में सक्षम होंगे। अब जब अगला त्यौहार नज़दीक है, तो तैयार हो जाइए और अपने परिवार के साथ इस खुशी को साझा कीजिए।

गुरु पूर्णिमा 2024: तारीख से लेकर उत्सव तक, यहां जानें हर महत्वपूर्ण जानकारी

गुरु पूर्णिमा 2024: तारीख से लेकर उत्सव तक, यहां जानें हर महत्वपूर्ण जानकारी

21 जुल॰ 2024

गुरु पूर्णिमा, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष, यह 21 जुलाई को मनाया जाएगा। यह पर्व गुरुओं के प्रति श्रद्धा और सम्मान अर्पित करने के लिए समर्पित है, जो लोगों को आध्यात्मिक और आत्म-जागरूकता के मार्ग पर ले जाते हैं। व्यास पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है, यह पर्व वेद व्यास के जन्म दिन का प्रतीक है।

जारी रखें पढ़ रहे हैं...