गुरु पूर्णिमा: गुरु को सम्मान देने का सबसे बड़ा दिन

क्या आप जानते हैं कि हर साल आश्चर्यजनक रूप से एक ऐसा दिन आता है जब हम अपने गुरुओं – चाहे वो शिक्षक हों, माता-पिता हों या आध्यात्मिक मार्गदर्शक – को विशेष धन्यवाद देते हैं? वही गुरु पूर्णिमा है। यह त्यौहार सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और व्यक्तिगत विकास का भी प्रतीक है।

गुरु पूरीमा कब मनाते हैं?

गुरु पूर्णिमा शरद ऋतु में कार्तिक महीने की पूर्णिमा को आता है। अधिकांश कैलेंडरों में यह जुलाई‑अगस्त के बीच पड़ता है, इसलिए कई स्कूल और कॉलेज इस दिन छुट्टी दे देते हैं। कुछ लोग इसे ‘विष्णुपदी’ भी कहते हैं क्योंकि विष्णु का एक रूप गुरु माना जाता है।

पूजा की आसान विधियां

अगर आप पहली बार इस दिन को मनाने जा रहे हैं, तो बहुत जटिल रीति‑रिवाज़ों से डरने की जरूरत नहीं। सबसे पहले घर के शांति स्थान या पूजा कक्ष में साफ सफ़ाई करें, फिर एक छोटी सी चाँदनी (धूप) और अगरबत्ती जलाएँ। गुरु का चित्र या उनकी मूर्ति रखकर उन्हें फूल, फल और मिठाइयाँ अर्पित करें। कुछ लोग इस अवसर पर अपने पुराने शिक्षकों को फोन करके धन्यवाद कहते हैं – यह दिल से किया गया सम्मान भी काफी मायने रखता है।

भोजन में अक्सर हलके पकवान जैसे खिचड़ी, दही के साथ भुना चना या मीठी लड्डू बनाते हैं। इनका मतलब होता है ‘संतुलन और मिठास’ जो गुरु‑शिष्य संबंध को दर्शाता है।

यदि आप आध्यात्मिक रूप से गहरा अनुभव चाहते हैं, तो इस दिन विशेष ग्रंथों का पाठ करें – जैसे भगवद्‍गीता या उपनिषद। कई आश्रम इस अवसर पर शांति सत्संग आयोजित करते हैं जहाँ आप गुरु के शब्द सुनकर अपने भीतर की शुद्धि कर सकते हैं।

गुरु पूर्णिमा सिर्फ एक त्यौहार नहीं, यह हमें याद दिलाता है कि ज्ञान और मार्गदर्शन का मूल्य क्या है। आज जब हम तेज़ी से बदलते समय में रहते हैं, तो इस दिन को उपयोग करके अपने अंदर की शांति और सच्चे मार्गदर्शक को फिर से खोजें। चाहे आप घर पर हों या बाहर, एक छोटा सा धन्यवाद आपके जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा।

इसलिए अगली बार जब गुरु पूर्णिमा आए, तो अपने परिवार के साथ मिलकर इस दिन की खुशियाँ बाँटें और याद रखें कि हर सीखने वाला कदम आपका भविष्य बनाता है।

गुरु पूर्णिमा 2024: अपने गुरुओं के साथ साझा करने के लिए शुभकामनाएं, उद्धरण, चित्र और संदेश

गुरु पूर्णिमा 2024: अपने गुरुओं के साथ साझा करने के लिए शुभकामनाएं, उद्धरण, चित्र और संदेश

22 जुल॰ 2024

गुरु पूर्णिमा, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो अध्यात्मिक और शैक्षणिक शिक्षकों को सम्मानित करता है। यह 21 जुलाई, 2024 को मनाया जाएगा और इस दिन वेदव्यास की जयंती है जिन्होंने महाभारत रची। यह उत्सव बौद्ध समुदाय में भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन गौतम बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था।

जारी रखें पढ़ रहे हैं...