बकरीद: बकरी की सभी ज़रूरी बातें एक ही जगह

आपने कभी सोचा है कि बकरीद शब्द का मतलब सिर्फ बकरी नहीं, बल्कि उससे जुड़ी हर चीज़ हो सकता है? चाहे आप किसान हों, घर में दुध चाहते हों या स्वादिष्ट बकरी के कबाब बनाना चाहें – इस लेख में हम बकरी की महत्त्वपूर्ण जानकारी को आसान भाषा में लाएंगे।

बकरीद के मुख्य प्रकार और उनका उपयोग

भारत में दो बड़े बकरीद समूह होते हैं: दुध वाली बकरी और मांस वाली बकरी. दुध वाली बकरियाँ जैसे गुड़िया, नीलगिरी रोज़ाना 2‑3 लीटर साफ़ दूध देती हैं, जिससे पनीर, घी और दही बनते हैं। मांस वाली बकरियों में भिंडी, सरायू प्रमुख हैं; उनका माँस प्रोटीन से भरपूर और कम वसा वाला होता है। कुछ नस्लें दोनों काम करती हैं, जैसे लहौरियन, जो छोटे फार्मों के लिये बढ़िया विकल्प हैं।

बकरीद की देखभाल: आसान टिप्स

1. **ख़ुराक** – बकरी को हरे‑चरागाह, गेंहूँ की भूसी और साफ पानी देना चाहिए। दिन में दो बार छोटे‑छोटे भोजन देने से पाचन बेहतर रहता है।
2. **स्वस्थ्य जांच** – साल में दो बार वैक्सीनेशन और रेगुलर डिपारासाइटिस जरूरी है, नहीं तो रोग जल्दी फैलते हैं।
3. **आश्रय** – बकरी को धूप‑छाँव वाला साफ़ पिंजरा चाहिए; ठंडे मौसम में गर्मी के लिए मोटा कंबल या हेंघाई रखिए।
4. **प्रजनन** – बीमार या उम्रदराज़ बकरियों को प्रजनन से दूर रखें, ताकि नई पीढ़ी स्वस्थ रहे।

इन छोटे‑छोटे कदमों से आप अपनी बकरी का उत्पादन बढ़ा सकते हैं और रोग की संभावना घटा सकते हैं।

बकरी के दुध व माँस को कैसे इस्तेमाल करें?

दूद में कैल्शियम, प्रोटीन्स और विटामिन D अधिक होते हैं। इसे रोज़ाना पीने से हड्डियाँ मजबूत होती हैं। अगर आप दही बनाते हैं तो थोड़ा दूध गर्म करके ठंडा कर ले, फिर बारीक़ी से स्टार्टर मिलाएँ – दो घंटे में गाढ़ी दही तैयार।
मांस के लिए सबसे बढ़िया तरीका है मारिनेशन: लहसुन‑अदरक पेस्ट, नींबू का रस और मसाले मिलाकर 3‑4 घंटे रख दें। फिर धीमी आँच पर ग्रिल या फ्राई करें; नर्म और स्वादिष्ट बकरी का कबाब तैयार हो जाएगा।

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