बजेट बहस: 2025 के आर्थिक निर्णयों की आसान समझ

हर साल बजट आने पर अखबार, टीवी और सोशल मीडिया में धूम मच जाती है। लेकिन असली सवाल ये है – इस बजट का हमारे रोज़मर्रा के जीवन में क्या असर होगा? चलिए, बिना जार्गन के बात करते हैं और देखते हैं कि किन चीजों को देखना ज़रूरी है.

2025 के बजट की मुख्य बातें

सबसे पहले तो यह समझें कि सरकार ने इस साल कौन‑से बड़े कदम उठाए। कर में कुछ कटौती आई, जैसे सीनियर नागरिकों के लिए टैक्स स्लैब को थोड़ा ढीला किया गया। इसका मतलब है कि अगर आपकी आय 10 लाख से कम है तो आप पर थोड़ा कम टैक्स लगेगा. दूसरी ओर, डिजिटल सेवाओं पर नई ग्रासरिटेशन (सेवा शुल्क) लगाई गई है जिससे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म कंपनियों का राजस्व बढ़ेगा.

वित्त मंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त फंडिंग भी घोषित की। इसका असर सीधा ही ट्रांसपोर्ट, बिजली और जल आपूर्ति में पड़ेगा. अगर आप ट्रेन या बस से यात्रा करते हैं तो इन प्रोजेक्ट्स से टिकटों की कीमतें स्थिर रह सकती हैं.

बजट पर चर्चा कैसे करें

अब बात करते हैं कि बजट बहस में आपके लिए क्या भूमिका होनी चाहिए। सबसे पहले, अपने खर्चे‑आय का हिसाब रखें. अगर टैक्स कटौती से आपका बचत बढ़ता है तो उसे निवेश या बीमा में लगाएं. दूसरा, नई ग्रासरिटेशन को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन शॉपिंग पर थोड़ा बजट बनायें.

बजट की खबरों को पढ़ते समय सिर्फ हेडलाइन नहीं देखिए, पूरी रिपोर्ट पढ़ें। कई बार छोटे बदलाव बड़े असर डाल सकते हैं – जैसे कि रूरल एरिया में कृषि ऋण का ब्याज घटाना. इस तरह के बदलाव किसानों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए फायदेमंद होते हैं.

अगर आप शेयर बाजार से जुड़े हैं तो बजट पर नज़र रखें, क्योंकि HDFC बैंकों की जैसी कंपनियों के स्टॉक्स अक्सर बजट के बाद बदलते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल वित्तीय संस्थानों को थोड़ा बढ़ावा मिलने की संभावना है.

सामान्य नागरिकों के लिए सबसे उपयोगी टिप यह है – बजट में घोषित नई योजना या स्कीम का लाभ उठाएँ. जैसे कि यदि सरकार ने स्वास्थ्य बीमा पर सब्सिडी दी है, तो अपने परिवार के लिये वैकल्पिक प्लान देखें.

बजट बहस सिर्फ आर्थिक विशेषज्ञों की नहीं, हम सभी की चर्चा होनी चाहिए. अपनी राय को सोशल मीडिया या स्थानीय समूहों में शेयर करके आप भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं. याद रखें, जागरूकता ही सबसे बड़ी शक्ति है.

अंत में यह कहा जा सकता है कि बजट सुनने के बाद तुरंत बड़े फैसले न करें; थोड़ा समय लेकर सभी जानकारी को समझें और फिर सही कदम उठाएँ. यही तरीका आपके वित्तीय भविष्य को सुरक्षित रखेगा.

लोक सभा में गरमा-गरम बहस के बाद चारणजीत सिंह चन्नी और रवनीत सिंह बिट्टू के बीच टकराव, सदन 30 मिनट के लिए स्थगित

लोक सभा में गरमा-गरम बहस के बाद चारणजीत सिंह चन्नी और रवनीत सिंह बिट्टू के बीच टकराव, सदन 30 मिनट के लिए स्थगित

26 जुल॰ 2024

लोक सभा में बजट को लेकर हुए गरमा-गरम बहस में कांग्रेस के चारणजीत सिंह चन्नी और बीजेपी के रवनीत सिंह बिट्टू के बीच तीखा टकराव हुआ, जिसके बाद सदन को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान चन्नी ने वर्तमान सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और पंजाब के जेल में बंद सांसद अमृतपाल सिंह का समर्थन किया। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणियाँ कीं, जिससे माहौल और गरमा गया।

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