सुरेश गोपी का राजनीति में कदम
सुरेश गोपी का नाम भारतीय सिनेमा के उन महत्वपूर्ण अभिनेताओं में से एक है जिन्होंने अपनी दमदार कलाकारी से लाखों लोगों का दिल जीता। अब जब सिनेमा की दुनिया से राजनीति की राह उन्होंने पकड़ी है, तो यह खबर सभी के लिए उत्सुकता का विषय बन गई है।
भाजपा में सुरेश गोपी की भूमिका
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से केरल के थ्रिसूर क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीतने वाले सुरेश गोपी ने अपने क्षेत्र में भाजपा का जनाधार बढ़ाया और अपनी जीत से पार्टी का कद भी ऊंचा किया। चुनाव प्रचार के दौरान सुरेश गोपी ने 'थ्रिसूर के लिए केंद्रीय मंत्री, मोदी जी की गारंटी' जैसे नारों का प्रयोग किया लेकिन उनका कहना अब कुछ और ही है।
कैबिनेट मंत्री पद की असहमति
दिल्ली में मलयालम टीवी चैनलों के साथ एक इंटरव्यू में सुरेश गोपी ने बताया कि वे मंत्री बनने के इच्छुक नहीं थे और पार्टी को भी उन्होंने इस बारे में सूचित कर दिया था। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।
सांसद के रूप में प्राथमिकता
65 वर्षीय सुरेश गोपी ने कहा कि वे सांसद के रूप में अपने कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और अपने फिल्म करियर को भी जारी रखना चाहते हैं। उनके इस फैसले से यह भी साफ हो गया है कि वे राजनीति और फिल्मी दुनिया दोनों में संतुलन बनाए रखना चाहते हैं।
भाजपा की महत्वपूर्ण उपलब्धि
थ्रिसूर लोकसभा सीट पर सुरेश गोपी की जीत भाजपा के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) के नेता वी.एस. सुनील कुमार को 74,000 से अधिक मतों से हराया। यह केरल में भाजपा के लिए ऐतिहासिक जीत है क्योंकि गोपी पार्टी के पहले ऐसे सांसद हैं जिन्होंने राज्य से लोकसभा की सीट जीती है।
फिल्म करियर में व्यस्तता
सुरेश गोपी के पास कई फिल्मों के प्रोजेक्ट्स हैं और उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे फ़िल्म इंडस्ट्री को अलविदा नहीं कहेंगे। अपने राजनीतिक और फिल्मी करियर को समानांतर रूप से चलाने का उनका यह निर्णय उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाता है।
पहली कैबिनेट बैठक की तैयारी
केंद्रीय कैबिनेट की पहली बैठक सोमवार को होनी है। ऐसे में सुरेश गोपी के इस निर्णय ने न केवल भाजपा बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के बीच भी बड़े चर्चाओं को जन्म दिया है।
राजनीतिक करियर और आगे की रणनीति
आने वाले दिनों में सुरेश गोपी राजनीति के क्षेत्र में किस प्रकार से अपनी भूमिका निभाएंगे, यह देखने वाली बात होगी। अब जब वे सांसद के रूप में अपने कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करने की बात कर रहे हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किस प्रकार अपने क्षेत्र के विकास में योगदान देंगे।
9 टिप्पणि
Nishu Sharma
जून 11, 2024 AT 12:16 अपराह्नसुरेश गोपी का ये फैसला असल में बहुत समझदारी भरा है। राजनीति में आने के बाद भी फिल्मी दुनिया से दूर नहीं होना एक बहुत बड़ी बात है। ज्यादातर लोग एक दुनिया में आकर दूसरी को भूल जाते हैं लेकिन वो दोनों को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। ये नहीं कि वो बस नाम कमाना चाहते हैं, बल्कि असली काम करना चाहते हैं। एक सांसद के तौर पर अपने लोगों के लिए काम करना और फिल्मों के जरिए लोगों को जोड़ना दोनों ही बहुत बड़ी जिम्मेदारी हैं। उनकी इस दोहरी भूमिका को समझना चाहिए, न कि उन पर आरोप लगाना। अगर हर कोई इतना संतुलित हो जाए तो देश का क्या हाल होगा।
Shraddha Tomar
जून 12, 2024 AT 16:48 अपराह्नये सुरेश गोपी वाला मूव असल में एक नया फेज है जिसमें राजनीति और कला एक साथ चल रही है। अब तक तो हमने देखा कि एक्टर्स चुनाव जीत लेते हैं और फिर फिल्में भूल जाते हैं लेकिन वो दोनों को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं। ये एक बहुत बड़ा ब्रेकथ्रू है। अगर राजनीति में भी इतना क्रिएटिविटी हो जाए तो बात ही कुछ और हो जाएगी। ये नहीं कि वो फिल्मों में बस बॉस बने हुए हैं बल्कि वो अपने लोगों के साथ रहना चाहते हैं। इसलिए उनका ये फैसला असली लीडरशिप का नमूना है। 🌟
Priya Kanodia
जून 13, 2024 AT 12:24 अपराह्नक्या आपने सोचा है कि ये सब एक धोखा है? भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाने के लिए दबाव डाला है और वो बाहर निकलने के लिए बहाना बना रहे हैं। अगर वो असल में मंत्री बनना नहीं चाहते थे तो चुनाव से पहले ही क्यों नहीं कह दिया? ये सब लोगों को भावनात्मक तौर पर जोड़ने के लिए एक ट्रिक है। और फिल्मों का जिक्र? वो तो बस अपनी पॉपुलैरिटी बनाए रखने के लिए है। ये लोग एक तरफ देश के लिए काम करने का नाटक करते हैं और दूसरी तरफ अपना नाम चलाते हैं। बस देखिएगा, अगले साल वो फिर अपने बयान बदल देंगे।
Darshan kumawat
जून 15, 2024 AT 11:43 पूर्वाह्नअरे ये सब बकवास है। एक एक्टर राजनीति में आया और अब मंत्री नहीं बनना चाहता? तो फिर चुनाव क्यों लड़ा? ये लोग बस नाम कमाना चाहते हैं। फिल्मों का जिक्र करके लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। राजनीति नहीं तो अपनी फिल्मों में रहो।
Manjit Kaur
जून 15, 2024 AT 14:16 अपराह्नये सब बहुत बड़ा झूठ है। कोई एक्टर राजनीति में आएगा और मंत्री नहीं बनना चाहेगा? तो फिर वो लोगों को भ्रमित कर रहा है। ये तो बस अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए बातें कर रहा है। अगर वो असल में सांसद बनना चाहते थे तो फिल्मों का जिक्र क्यों कर रहे हैं? बस देखोगे, अगले दो साल में वो बिल्कुल उल्टा बोलेंगे।
yashwanth raju
जून 17, 2024 AT 01:41 पूर्वाह्नइस बारे में सोचो कि एक एक्टर जो लोगों के दिलों में बस चुका है, वो अब उन्हीं लोगों के लिए राजनीति में आया है। ये बहुत कम ही लोग कर पाते हैं। वो अपनी पॉपुलैरिटी का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि असली बदलाव ला सकें। और फिल्मों को छोड़ना नहीं चाहते? अच्छा है। वो अभी भी लोगों को जोड़ रहे हैं। बस इतना ही नहीं, वो एक नए मॉडल बना रहे हैं।
Aman Upadhyayy
जून 18, 2024 AT 13:19 अपराह्नमैं तो सुरेश गोपी के इस फैसले को बहुत सराहता हूँ 😊 अगर एक्टर राजनीति में आए तो फिल्मों को छोड़ दें ये सोच बहुत पुरानी है। वो दोनों काम कर रहे हैं और दोनों में अच्छा कर रहे हैं। ये एक नया नमूना है। लोग अभी भी इसे बुरा समझ रहे हैं। अगर ये नहीं तो क्या? एक अच्छा अभिनेता अच्छा सांसद नहीं हो सकता? ये तो बहुत बड़ा भ्रम है। उन्होंने जो कहा है वो बिल्कुल सही है। अब देखना होगा कि वो अपने लोगों के लिए क्या करते हैं। अगर वो इस बात को बरकरार रखते हैं तो देश के लिए ये बहुत अच्छी बात है।
ASHWINI KUMAR
जून 18, 2024 AT 18:15 अपराह्नबस इतना ही? एक एक्टर ने कहा कि वो मंत्री नहीं बनना चाहते। और तुम सब इतना बड़ा उत्साह दिखा रहे हो? ये तो बहुत ही छोटी बात है। अगर वो असली काम करते तो शायद लोग उन्हें सराहते। लेकिन बस बयान देना और फिल्मों का नाम लेना ये तो हर कोई करता है। इसका कोई असर नहीं होगा। बस एक और नाम बढ़ गया।
vaibhav kapoor
जून 19, 2024 AT 12:00 अपराह्नभाजपा के लिए ये जीत बहुत बड़ी है। लेकिन एक्टर का मंत्री बनने से इनकार करना? ये देश के लिए शर्म की बात है। अगर तुम देश के लिए काम करना चाहते हो तो मंत्री बनो। नहीं तो फिल्मों में रहो।