शेफाली वर्मा ने महिला क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज दोहरा शतक जड़ा
29 जून 2024

भारतीय क्रिकेट की युवा ओपनर शेफाली वर्मा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए एकमात्र टेस्ट मैच में महिला क्रिकेट इतिहास का सबसे तेज दोहरा शतक जड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शेफाली ने सिर्फ 194 गेंदों में यह अद्वितीय उपलब्धि हासिल की, जिसने पूरी दुनिया में क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर दिया।

शेफाली की इस ऐतिहासिक पारी की शुरुआत उनके तेजतर्रार अंदाज से हुई। उन्होंने मैदान पर कदम रखते ही विपक्षी गेंदबाजों पर आक्रमण करना शुरू कर दिया और एक के बाद एक शानदार शॉट लगाते हुए रन बटोरने लगीं। उनकी आक्रामकता का उच्चतम स्तर तब देखने को मिला जब उन्होंने लगातार छक्के मारकर अपना दोहरा शतक पूरा किया।

आस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एनाबेल सदरलैंड का रिकॉर्ड तोड़ते हुए, जिन्होंने इस साल पहले ही 248 गेंदों में दोहरा शतक बनाया था, शेफाली ने यह सम्मान भारतीय क्रिकेट को दिलाया। भारतीय महिला क्रिकेट इतिहास में वह दूसरी खिलाड़ी बनीं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ा। इससे पहले 2002 में मिताली राज ने इंग्लैंड के खिलाफ 214 रन बनाए थे, लेकिन उनके इस शतक तक पहुँचने में 407 गेंदें ली थीं।

शेफाली वर्मा की पारी में 23 चौकों और आठ शानदार छक्कों का योगदान रहा। उन्होंने अपनी पारी के दौरान दर्शकों को रोमांचित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनकी बेमिसाल पारी का अंत उस समय हुआ जब वह 205 रन पर रन आउट हो गईं। उनके खेल से भारतीय टीम को मजबूती मिली और विपक्षी टीम पर दबाव बढ़ा।

शेफाली की इस अद्भुत पारी की बात करें तो, उनकी ओपनिंग पार्टनर स्मृति मंधाना ने भी इस मैच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्मृति ने 149 रनों की शानदार पारी खेली, जिसके दौरान उन्होंने 27 चौके और एक छक्का लगाया। उन्होंने शेफाली के साथ मिलकर भारतीय टीम के लिए 292 रनों की मजबूत साझेदारी की, जिससे भारतीय टीम पहले दिन के खेल में दबदबा बना सकी।

भारतीय टीम ने पहले दिन के खेल में रन प्रति ओवर की ऊँची दर से बल्लेबाजी की और कुल स्कोर को लगभग रन-ए-बॉल की गति से बढ़ाया। शेफाली और स्मृति की इस जोड़ी ने पहले दिन ही भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में पहुँचा दिया था।

इस अद्वितीय पारी के पीछे शेफाली की मेहनत, उनकी नींव, और उनके मजबूत इरादों का बड़ा योगदान हैं। उनके इस प्रदर्शन ने न केवल भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को गर्वित किया है बल्कि पूरी दुनिया में महिला क्रिकेट में भारतीय टीम का ध्वज ऊंचा किया है। यह प्रदर्शन पूरे भारत में लड़कियों और महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा, जो क्रिकेट में करियर बनाने का सपना देखती हैं।

शेफाली वर्मा की इस ऐतिहासिक पारी ने यह साबित कर दिया है कि भारतीय महिलाओं में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े-बड़े रिकॉर्ड तोड़ने की काबिलियत है। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि भारतीय महिला क्रिकेट दिन-ब-दिन सशक्त हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाईयां छू रहा है।

हम आशा करते हैं कि शेफाली वर्मा और उनकी साथी खिलाड़ियों का यह प्रदर्शन भविष्य में भी जारी रहेगा और भारतीय क्रिकेट को और भी ऊंचाइयों पर ले जाएगा। इस ऐतिहासिक पारी ने क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में हमेशा के लिए एक खास जगह बना ली है और भविष्य में भी यह पारी याद रखी जाएगी।

भारतीय क्रिकेट के लिए मील का पत्थर

यह पारी भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। इसका असर न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाई देगा। महिला क्रिकेट में भारतीय खिलाड़ियों की इस तरह की प्रदर्शन दुनिया को यह संदेश देता है कि वे भी पुरुष खिलाड़ियों से कम नहीं हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर ऐसे प्रदर्शन से भारतीय महिला क्रिकेट दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है।

शेफाली वर्मा की इस पारी से न केवल भारतीय महिला टीम का मनोबल बढ़ेगा बल्कि यह पारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनेगी। हमारे देश में क्रिकेट को धर्म की तरह माना जाता है और इस धर्म में महिलाओं का भी अहम योगदान है। शेफाली की इस उपलब्धि से यह साबित होता है कि अगला युग महिला क्रिकेट का हो सकता है।

महिला क्रिकेट की लगातार बढ़ती लोकप्रियता

महिला क्रिकेट की लोकप्रियता पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। शेफाली जैसे खिलाड़ियों की शानदार परफॉरमेंस के कारण अब लोग महिला क्रिकेट को भी गंभीरता से देखने लगे हैं। महिला क्रिकेट लीग्स और टूर्नामेंट्स के आयोजन से महिला क्रिकेट को बढ़ावा मिला है और नई प्रतिभाओं के लिए रास्ते खुले हैं।

भारत में महिला क्रिकेटरों की सफलता की कहानियाँ प्रेरित करती हैं। जैसे-जैसे महिला क्रिकेट का प्रचार बढ़ रहा है, वैसे-वैसे युवा लड़कियाँ भी क्रिकेट को करियर के रूप में देखने लगी हैं। इस तरह के रिकॉर्ड ब्रेकिंग पारी से महिला क्रिकेट की दिशा भी सुनिश्चित हो रही है।

शेफाली वर्मा की एक और उपलब्धि

शेफाली वर्मा का यह दोहरा शतक उनके करियर का एक और मील का पत्थर है। इस पारी ने उन्हें न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट जगत में भी एक नई पहचान दी है। उन्होंने दिखाया है कि उम्र और अनुभव के बावजूद जब आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत हो तो कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।

शेफाली वर्मा का यह प्रदर्शन आने वाले मैचों में भी देखने को मिलेगा और हमें यकीन है कि वह और भी कई रिकॉर्ड तोड़ेंगी। भारतीय क्रिकेट उनके जैसे युवा और प्रतिभावान खिलाड़ियों की मदद से नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।