शांति के लिए प्रार्थना: पोप फ्रांसिस ने सेंट मैरी मेजर बसिलिका में रोजरी प्रार्थना का नेतृत्व किया
8 अक्तूबर 2024

सेंट मैरी मेजर बसिलिका में पोप फ्रांसिस की प्रेरणादायक प्रार्थना

रविवार शाम 6 अक्टूबर, 2024 को पोप फ्रांसिस ने रोम के सेंट मैरी मेजर बसिलिका में शांति के लिए रोजरी प्रार्थना का नेतृत्व किया। यह प्रार्थना उनके मध्य पूर्व में शांति की अपील के हिस्से के रूप में हुई। इस प्रार्थना का विशेष महत्व था क्योंकि पोप ने अक्टूबर 7 को प्रार्थना और उपवास के दिन के रूप में चिह्नित करने का निर्णय लिया है। उनके साथ वेटिकन में चल रहे सिनॉड ऑन सिंडॉलिटी के प्रतिभागी भी शामिल थे। प्रायः यह प्रार्थना उनके गहरे धार्मिक संकल्प और मानवता के लिए उनकी चिंता का प्रतीक है।

मध्य पूर्व में शांति की अपील

प्रार्थना के दौरान, पोप फ्रांसिस ने हिंसा और नफरत की समाप्ति के लिए एक दिल से मांग की। उन्होंने प्रार्थना की कि हिंसा और नफरत समाप्त हो और जो राष्ट्रों पर शासन करते हैं वे शांति की योजना बनाएं। वे प्राचीन आइकन *Maria Salus Populi Romani* के पास बैठकर युद्धग्रस्त देशों के दुख और उम्मीदों को ब्लेस्ड वर्जिन मैरी के पास ले गए। पोप की प्रार्थना में मानवता को जीवन का आदर करने और युद्ध को अस्वीकार करने की सिख मिलती है।

प्रार्थना में शामिल प्रमुख तत्व

प्रार्थना में शामिल प्रमुख तत्व

पोप की प्रार्थना में कई प्रमुख तत्व थे, जैसे की 'हमें अन्याय से दबे इन समयों में मदद करो और युद्धों से बरबाद हुई जमीन पर सहारा दो,' 'उन चेहरों से आंसू पोछो जो अपने प्रियजनों के खोने का शोक मना रहे हैं,' और 'हमें उस स्तब्धता से जागरूक करो जो हमारे पथ को अंधकारमय कर चुकी है, और हमारे दिलों से हिंसा के हथियार हथियाओ।' इन प्रार्थनाओं में पोप का आशय इंसानी दर्द के प्रति संवेदनशीलता और सहानुभूति को जागृत करना था।

मैरी, रोजरी की रानी से प्रेरणा

पोप ने मैरी, रोजरी की रानी की भी अपील की, ताकि वह स्वार्थ के गांठों को खोल सके और बुराई के अंधेरे बादलों को छिन्न-भिन्न कर सके, मानवता को उसकी कोमलता के साथ भर सके और शांति के उपक्रमों की प्रेरणा दे सके। प्रार्थना का समापन मैरी, *Salus Populi Romani*, से विनती के साथ हुआ कि वे हमारे लिए प्रार्थना करें। यह सेवा एक सशक्त याद दिलाती है कि कुछ दुष्चक्रों को तोड़ने के लिए मानवता को फिर से अपनी प्रकृति और मूल्यों पर लौटना होगा।

समानता और सौहार्द्रता का पुनरुत्थान

इस प्रार्थना सेवा ने न केवल धार्मिक रूप से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी ध्यानाकर्षण किया। पोप फ्रांसिस बहुत ही लोकप्रिय और प्रभावशाली धार्मिक नेता हैं, जिनकी अपील विश्व व्यापक है। उनकी प्रार्थनाएं और पहल मानवता को एक नई राह पर चलने के लिए प्रेरणा देती हैं, जहाँ शांति और सौहार्द्रता का उदय हो। इस प्रार्थना को सुनकर और उसमें भाग लेकर सहभागी और भक्त सभी इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हैं और शांति के लिए नए सिरे से प्रतिबद्ध होते हैं।

विश्व के लिए संदेश

विश्व के लिए संदेश

पोप फ्रांसिस की यह प्रार्थना विश्व को एक सीधा संदेश देती है कि आज की दुनिया में, जहाँ लोग अपने दैनिक संघर्षों में उलझे हुए हैं, शांति और सौहार्द्रता का महत्व पुनः स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है। यह प्रार्थना सभी को कदम बढ़ाने और समाज में प्रेम, दया और सोह्र्द का प्रसार करने के लिए प्रोत्साहित करती है। जब तक हम सभी समाज के छोटे-बड़े भागों में सक्रिय होकर समझौते और शांति का प्रचार नहीं करेंगे, तब तक विश्व में समग्र शांति नहीं आ सकती।