जब सम्राट चौधरी, उपमुख्य मंत्री (विकास) बिहार सरकार ने सोनेपुर मेले 2024 का उद्घाटन किया, तो 20,000 करोड़ रुपये के निवेश से बना नया विकास खाका हवा में तैरता महसूस हुआ।
उद्घाटन समारोह बृहस्पतिवार की शाम को विजय कुमार सिन्हा, उपमुख्य मंत्री (रोजगार), नितीश मिश्रा, पर्यटन मंत्री, दिलीप कुमार जयसवाल, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री और सुमित कुमार सिंह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के साथ हुआ। उपस्थित थे अमन समीर, सरार जिला मजिस्ट्रेट भी।
इतिहास और पौराणिक पृष्ठभूमि
सोनेपुर मेले की जड़ें चंद्रगुप्त मौर्य के समय तक जाती हैं। कहा जाता है कि मौर्य साम्राज्य ने यहाँ से हाथी‑घुड़सवार खरीदकर अपनी सेना को सशक्त किया था। एक लोकप्रिय कथा में भगवान विष्णु ने सांता नदी में कछुए के दाँत को बचाए हुए हाथी को मछली‑मगर से बचाया, यही कारण है कि इस संगम को पवित्र माना जाता है।
मेला हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन शुरू होकर 1 नवम्बर से 14 दिसंबर तक एक महीने तक चलता है, और आज यह ‘एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला’ कहा जाता है।
2024 का मेले का विस्तार और प्रमुख आकर्षण
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम (BSTDCo) ने इस साल 3 किमी के मैदान पर एक नई सांस्कृतिक पवेलियन और कला‑हस्तशिल्प गांव तैयार किया है। स्विस‑स्टाइल कुटिया भी यहाँ के पर्यटकों के लिये निर्मित की गईं, जिनमें आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
ऊँची बोली में कहा जाए तो, इस साल की सबसे महँगी घोड़े की कीमत 11 लाख रुपये है—वो घोड़ा राजस्थान से आया है। उसी के साथ, ‘बुलेट राजा’ नाम का घोड़ा भी रखा गया है, जिसका मालिक अनंत सिंह है, जो पहले डॉन और अब राजनेता हैं। बुलेट राजा को दूध और सूखे फलों की खुराक दी जा रही है—यह बात स्थानीय बैंकरों ने खुद कहा।
- घोड़े: 11 लाख रुपये के रईस घोड़े से लेकर बुलेट राजा तक।
- कुत्ते, पक्षी, ऊँठ: विभिन्न नस्लों की प्रदर्शनी।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: लोकगायन, नृत्य और कारीगरों के लाइव कार्यशालाएँ।
- विशेष टूर पैकेज: पटना‑से‑सोनेपुर सवारी के लिए परेशानियों‑मुक्त रेल/बस व्यवस्था।
उल्लेखनीय है कि 2004 के पशु संरक्षण अधिनियम के बाद हाथियों की बिक्री पर रोक लगी है, इसलिए मेले की परंपरागत कहावत ‘सोनेपुर में सुई से लेकर हाथी तक सब बिकता है’ अब थोड़ा बदल गई है।
सरकारी विकास योजना और आर्थिक निवेश
उद्घोषणा के दौरान, सम्राट चौधरी ने बताया कि बिहार सरकार ‘बाबा हरिहर क्षेत्र कॉरिडोर’ बना रही है, जिसमें 10 000 एकड़ क्षेत्र पर एक नया महानगर स्थापित किया जाएगा। कुल निवेश 20 000 करोड़ रुपये का है, जिसमें नई सड़क, पुल (जैसे जेपी सेतु के बराबर एक समानांतर पुल और शेरपुर‑दीघवारा पुल) और जल‑विद्युत सुविधाएँ शामिल हैं।
विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि बाबा हरिहरनाथ मंदिर के सांस्कृतिक वार्षिक उत्सव के लिये तीन‑दिने की नई कार्यक्रम‑श्रृंखला शुरू की जाएगी, साथ ही सीतामढ़ी में माँ जाँकी के जन्मस्थल का विकास भी प्राथमिकता में रखा गया है।
इन योजनाओं से न केवल स्थानीय रोजगार में इजाफा होगा, बल्कि पर्यटन आय में 30 % तक की बढ़ोतरी का अनुमान है। बिचौलियों ने बताया कि इस साल की औसत यात्रा व्यय 8 000‑12 000 रुपये के बीच रहने की संभावना है।
स्थानीय और राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
स्थानीय किसान संगठनों ने इस बड़े निवेश को ‘युग‑परिवर्तन’ बताया, जबकि कुछ पर्यावरणविदों ने जल‑संक्रमण और बाढ़‑प्रभावों को लेकर सावधानी की अपील की। पटना के प्रमुख शहरी योजना विशेषज्ञ डॉ. रितुश वर्मा ने कहा, “अगर उचित योजना‑निर्धारण किया गया तो यह प्रोजेक्ट उत्तर‑बिहार के आर्थिक मानचित्र को पूरी तरह बदल सकता है।”
राष्ट्रीय स्तर पर, पर्यटन मंत्रालय ने इस मेले को ‘वर्ष का प्रमुख सांस्कृतिक‑व्यापारिक इवेंट’ के रूप में मान्यता देने की इच्छा जताई है।
आगे की राह और संभावित प्रभाव
भविष्य में, इस कॉरिडोर के साथ औद्योगिक क्लस्टर, आयुर्वेदिक रिसोर्ट्स और स्मार्ट‑सिटी पहलें विकसित होने की सम्भावना है। एक अनुमान के अनुसार, 2028 तक यहाँ की जनसंख्या 1.2 मिलियन तक पहुंच सकती है, जिसमें शहरी‑ग्रामीण मिश्रण बढ़ेगा।
समाप्ति की तिथि 14 दिसंबर 2024 निर्धारित है, लेकिन विकास कार्यों की गति देखते हुए, अगले साल तक इस क्षेत्र को ‘इंडिया का नया शेनज़ेन’ कहने की बात भी सुनाई देती है।
मुख्य तथ्य
- उद्घाटन: 2 नवंबर 2024, बृहस्पतिवार शाम
- मुख्य जिम्मेदार अधिकारी: सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, नितीश मिश्रा, दिलीप कुमार जयसवाल, सुमित कुमार सिंह
- भुगतान‑योग्य निवेश: 20 000 करोड़ रुपये
- आर्ट‑एंड‑क्राफ्ट गाँव में स्विस‑स्टाइल कुटिया
- सबसे महँगा घोड़ा: 11 लाख रुपये (राजस्थान)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
सोनेपुर मेले का आर्थिक असर बिहार में कैसे पड़ेगा?
इतिहासिक आंकड़ों के अनुसार, मेले के दौरे से राज्य की पर्यटन आय में वार्षिक औसत 30 % की वृद्धि होती है। 20 000 करोड़ रुपये के निवेश से निर्माण, परिवहन और सेवा क्षेत्रों में लगभग 5 हजार नया रोजगार सृजित होगा।
बाबा हरिहर क्षेत्र कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य क्या है?
कॉरिडोर का लक्ष्य 10 000 एकड़ जमीन पर एक समग्र शहरी‑औद्योगिक केंद्र बनाना है, जिसमें नई सड़क‑पुल नेटवर्क, औद्योगिक ज़ोन, तथा पर्यटक‑आधारित रिसॉर्ट्स शामिल होंगे। इससे क्षेत्रीय असमानता घटेगी और आर्थिक विकास का नया केंद्र स्थापित होगा।
हाथी की बिक्री पर प्रतिबंध क्यों है?
2004 में भारत सरकार ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम लागू किया, जिसमें हाथी को ‘सुरक्षात्मक वर्ग’ में रखा गया। इसलिए सोनेपुर में भी हाथी का व्यापार प्रतिबंधित है, जबकि अन्य पशु‑पशुपालन की बिक्री जारी है।
अनंत सिंह का बुलेट राजा घोड़ा क्यों खास है?
अनंत सिंह, जो पूर्व में ‘डॉन’ के रूप में चर्चित थे और अब बिहार विधानसभा में सदस्य हैं, ने बुलेट राजा को विशेष खुराक (दूध‑सूखे फल) पर रखा है। यह घोड़ा मेले में आकर्षण का मुख्य कारण है और उसकी देखभाल में उपयोग की गई तकनीकें अब एक मानक बन रही हैं।
भविष्य में सोनेपुर को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है?
तेज़ विकसित होते शहर में जल‑संक्रमण, ट्रैफ़िक जाम और पर्यावरणीय संतुलन बनाये रखना प्रमुख चुनौतियाँ होंगी। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रभावी शहरी‑पर्यावरणीय योजना के बिना यह विकास टिकाऊ नहीं रहेगा।
1 टिप्पणि
jitha veera
अक्तूबर 7, 2025 AT 21:14 अपराह्नसम्राट चौधरी का 20,000 करोड़ का योजना सुनकर मुझे बहुत उलझन हुई। ऐसा लगता है कि सरकार सिर्फ बड़े numbers दिखाकर जनता को भुला रही है। विकास के नाम पर तोड़‑फोड़ और बिगड़ते पर्यावरण को नजरअंदाज़ कर दिया गया है।