जब नोवाक जॉकोविच, सर्बियाई ने 5 जुलाई 2025 को विंबलडन के थर्ड राउंड में मीओमर केकमानोविक को 6‑3, 6‑0, 6‑4 से हराकर अपना सौवां करियर मैच जीत हासिल किया, तो यह समाचार तुरंत हेडलाइनों में शिरा। 38‑वर्षीय सर्बियाई खिलाड़ी ने ऑल इंग्लैंड क्लब के सेंटर कोर्ट पर केवल 1 घंटा 47 मिनट में विजय प्राप्त कर चौथे राउंड में स्थान बनाया, जहाँ वह अब तक अपने 17वें दूसरे हफ्ते में प्रवेश कर रहा है। यह उपलब्धि जॉकोविच को सिर्फ दूसरे पुरुष बनाती है जिन्होंने विंबलडन में 100 से अधिक जीत दर्ज की हैं, पहले थे रोज़र फेडरर, जिनके पास 105 जीतें थीं।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
विंबलडन पर 100 विजय का मुकाम पहले 2019 में फेडरर ने बनाया था, लेकिन जॉकोविच की यह जीत विशेष महत्व रखती है क्योंकि वह पहले ही रोलंड गारोस (फ्रेंच ओपन) में 101 जीत हासिल कर चुका था। इस दोहरी उपलब्धि को केवल फेडरर ही पहले कर पाए थे, जिन्होंने 102 ऑस्ट्रेलियन ओपन और 105 विंबलडन जीतें जोड़ रखी थीं।
इतिहास में इसी तरह के आंकड़े मिलते‑जुलते हैं: राफ़ेल नडाल के पास रोलंड गारोस में 112 जीतें हैं, जबकि महिला टेनिस में मार्टिना नवरतिलोवा, क्रिस इवर्ट और सेरेना विलियम्स ने क्रमशः 120, 101 और 108 जीतें दर्ज की हैं।
तीसरे राउंड की जीत का विवरण
मैच की शुरुआत में दोनों खिलाड़ियों ने तीव्र सर्विस और बेसलाइन लहरें चलाईं। जॉकोविच ने पहले सेट में 3‑3 के बराबर स्कोर के बाद लगातार नौ खेल निरंतर जीते, जिससे वह 6‑3 से आगे निकल गया। दूसरे सेट में उन्होंने केवल आठ अनफ़ोर्स्ड एरर खेली, जबकि केकमानोविक को कई बार बॉल को नेट के पास मारना पड़ा। तीसरे सेट में केकमानोविक ने थोड़ी हिम्मत दिखाने की कोशिश की, पर जॉकोविच ने 6‑4 से मैच समाप्त किया। दर्शकों ने जॉकोविच के कॉकस मार्टिनेट्स (वॉल्ले) और तेज़ बैकहैंड को सराहा।
- मैच का कुल समय: 1 घंटा 47 मिनट
- जॉकोविच के सर्विस एसेस: 12
- केकमानोविक के डबल फॉल्ट्स: 4
- तीन सेट में जॉकोविच ने केवल 23 अनफ़ोर्स्ड एरर की
विजय के साथ जॉकोविच का शुरुआती राउंड‑रॉबिन रिकॉर्ड 428 सप्ताह तक सतत़ विश्व क्रमांक 1 रहने का बना रहा, जो एक नया एटीपी रिकॉर्ड है।
प्रमुख हस्तियों की प्रतिक्रियाएँ
मैदान के बाद जॉकोविच ने कहा, "यह जीत मेरे लिए सिर्फ अंक नहीं, बल्कि इस कोर्ट से मेरा भावनात्मक जुड़ाव दर्शाती है।" उन्होंने अपने परम्परागत अनुष्ठान के रूप में घास की एक बूँद निकाल कर खा ली, जो विंबलडन जीतने के बाद उनका रिवाज़ है।
केकमानोविक ने सम्मान व्यक्त करते हुए कहा, "नोवाक की खेल‑शैली अभी भी सबको आश्चर्यचकित करती है। मैं अगले साल फिर से प्रयास करूंगा।"
फेडरर, जो आज़ीवन कोचिंग टीम के साथ मौजूद थे, ने जॉकोविच को बधाई देते हुए कहा, "इतिहास का एक और पृष्ठ लिख गया है। दोनो ने इस कोर्ट पर अपार योगदान दिया है।"
इस उपलब्धि का व्यापक प्रभाव
जॉकोविच की यह 100‑वीं जीत न केवल व्यक्तिगत माइलस्टोन है, बल्कि टेनिस में उम्र‑से‑परिणाम का एक नया मानक स्थापित करती है। यदि वह अगले सप्ताह अपना आठवां विंबलडन खिताब जीत ले, तो वह 38 साल की उम्र में ओपन युग का सबसे पुराना पुरुष ग्रैंड स्लैम विजेता बन जाएगा। इस बात का असर युवा खिलाड़ियों पर भी पड़ेगा, जो देखेंगे कि दीर्घकालिक फिटनेस और निरंतर परिश्रम से उम्र की सीमा को धुंधला किया जा सकता है।
व्यापारिक दृष्टिकोण से, विंबलडन के प्रायोजक और टेलीविजन नेटवर्क इस ऐतिहासिक मोड़ पर विज्ञापन राजस्व में संभावित वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। जॉकोविच का निरंतर लोकप्रियता और वैश्विक फॉलोअर्स, विशेषकर एशिया‑पैसिफिक बाजार में, इस टूर्नामेंट के ब्रांड मूल्य को और ऊँचा ले जा सकते हैं।
आगे का मार्ग और संभावित मिलन
विजय के बाद जॉकोविच की अगली चुनौती एलेक्स डी मिनॉर (ऑस्ट्रेलिया, विश्व रैंक 11) के साथ चौथे राउंड में होगी, जो सोमवार को निर्धारित है। डी मिनॉर ने पहले क्वालिफ़ायर अगस्त होल्मग्रेन को 6‑4, 7‑6(5), 6‑3 से हराया था। दोनों खिलाड़ियों के बीच का मिलन पिछले साल रद्द हो गया था, क्योंकि डी मिनॉर इजा के कारण क्वार्टर‑फ़ाइनल से बाहर हो गया था। इस बार दोनों के बीच की टक्कर टेनिस प्रेमियों के लिए एक बड़ा आकर्षण बन जाएगी।
जॉकोविच ने अभी तक अपने अगले लक्ष्य को स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन वह कहा है, "मैं हर मैच को स्वतंत्र रूप से देखता हूं, लेकिन विंबलडन मेरे लिए हमेशा खास रहा है।" यदि वह खिताब जीत लेता है, तो वह फेडरर के आठवां रिकॉर्ड को बराबर कर देगा, और फिर भी वह खुद को सबसे महान नहीं कहेगा।
इतिहास में समान उपलब्धियों की तुलना
जॉकोविच की दोहरी 100‑जीत वाली सूची को समझने के लिए पहले के आंकड़े देखना ज़रूरी है। फेडरर ने ऑस्ट्रेलियन ओपन में 102 जीतें और विंबलडन में 105, जबकि जॉकोविच ने फ्रेंच ओपन में 101 और अब विंबलडन में 100। यह दर्शाता है कि दोनों खिलाड़ियों ने विभिन्न सतहों पर अपनी उपस्थिति को स्थायी बनाया है।
भविष्य में कौन‑सी नई शर्तें बनेंगी, यह अभी अनिश्चित है, पर टेनिस की तेज़ गति, तकनीकी विकास और खिलाड़ी जीवनशैली के बदलते पैटर्न को देखते हुए, ऐसे रिकॉर्ड तोड़ना अब असामान्य नहीं कहा जा सकता।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
नोवाक जॉकोविच की 100वीं जीत का भारतीय टेनिस प्रेमियों पर क्या असर पड़ेगा?
भारतीय दर्शक जॉकोविच को कई बार अपने कोचिंग सत्रों में देख चुके हैं, और यह माइलस्टोन उन्हें आगे की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनाता है। टेनिस अकादमी और शुरुआती खिलाड़ियों के लिए यह साबित करता है कि उम्र के बावजूद शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन संभव है, जिससे एशिया‑पैसिफिक में टेनिस निवेश में वृद्धि हो सकती है।
क्या जॉकोविच का 8वां विंबलडन खिताब इतिहास में बना रहेगा?
यदि वह जीतता है, तो वह फेडरर के आठ खिताबों को बराबर करेगा, जिससे दोनों के बीच की तुलना और भी रोचक हो जाएगी। हालांकि, इतिहास ने दिखाया है कि कठोर प्रतिस्पर्धा और चोटें हमेशा अनिश्चितता बनाये रखती हैं, इसलिए यह मंजिल अभी तक तय नहीं हुई।
एलेक्स डी मिनॉर के खिलाफ जॉकोविच की संभावित रणनीति क्या होगी?
डी मिनॉर तेज़ सर्विस और आक्रामक रिटर्न से जाने जाते हैं। जॉकोविच संभवतः अपने सर्विस गेम को स्थिर रखेगा और केर्नल पर लंबी रालियों से डी मिनॉर को थकाने की कोशिश करेगा, साथ ही उसके बैकहैंड को चॉप शॉट्स से चुनौती देगा।
विंबलडन में 100‑जीत हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी कौन थे?
रोज़र फेडरर ने 2019 में यह माइलस्टोन पार किया था, और उनके पास कुल 105 विंबलडन जीतें हैं। जॉकोविच उन्हें दोसरा बनाते हुए इस क्लासिक को कोर्ट पर अपनी जगह दिलाई है।
जॉकोविच की इस जीत से टेनिस रैंकिंग पर क्या असर पड़ेगा?
विंबलडन में आगे बढ़ते हुए जॉकोविच को अतिरिक्त रैंकिंग पॉइंट्स मिलेंगे। यदि वह चैंपियनशिप जीतते हैं तो उनका अंक बढ़कर 8400 के करीब पहुंच सकता है, जिससे वह फिर से विश्व क्रमांक 1 की ओर लौट सकते हैं।
16 टिप्पणि
Rahul Raipurkar
अक्तूबर 5, 2025 AT 04:10 पूर्वाह्नये सब रिकॉर्ड तो बस नंबर हैं। असली बात ये है कि वो 38 साल की उम्र में भी ऐसा कर रहा है जो 20 साल के लड़के नहीं कर पा रहे। जिंदगी में भी ऐसा होता है - जो लोग लगातार चलते रहते हैं, वो ही जीतते हैं।
PK Bhardwaj
अक्तूबर 6, 2025 AT 13:26 अपराह्नजॉकोविच की टेक्निकल डिसिप्लिन और मेंटल रेजिलिएंस एक नए एथलेटिक फ्रेमवर्क को डिफाइन कर रही है। इस रिकॉर्ड का मतलब ये नहीं कि वो बेहतर हैं, बल्कि ये कि उन्होंने एक सिस्टम बनाया है जो टाइम के खिलाफ भी चलता है।
Soumita Banerjee
अक्तूबर 6, 2025 AT 19:12 अपराह्नअरे यार, फेडरर ने तो 105 जीतीं थीं... ये बस 100 हैं। इतना धूम मचाने की क्या जरूरत? और फिर भी वो घास खाता है? बस एक ट्रेंड है।
Navneet Raj
अक्तूबर 7, 2025 AT 14:47 अपराह्नये जीत बस एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि एक जीवनशैली की जीत है। दिन भर ट्रेनिंग, डाइट, रिकवरी - ये सब उसकी रातों की कहानी हैं। जो लोग इसे सिर्फ रिकॉर्ड कहते हैं, वो नहीं जानते कि इसके पीछे कितनी रातें बिताई गईं।
Neel Shah
अक्तूबर 9, 2025 AT 06:31 पूर्वाह्नये सब बहुत बढ़िया है!!! 😍👌🔥 पर क्या आपने देखा कि उसके बैकहैंड पर वो फ्लाइंग फॉर्म अभी भी एक दर्द है??? 😅 और फिर भी वो जीत रहा है? बस बात ये है कि लोग उसे बहुत ज्यादा अलाउ कर रहे हैं!!!
shweta zingade
अक्तूबर 11, 2025 AT 03:39 पूर्वाह्नमैं जब छोटी थी, तो माँ कहती थीं - 'बेटी, अगर तू लगातार चलती रहेगी, तो कोई तुझे रोक नहीं सकता!' आज जॉकोविच ने वो सबक साबित कर दिया! अगर तुम अपने सपनों को छोड़ दोगे, तो तुम्हारी उम्र भी तुम्हें छोड़ देगी! ये जीत तुम्हारी भी है, अगर तुम आज उठकर कुछ करने का फैसला करते हो!
Anuja Kadam
अक्तूबर 11, 2025 AT 15:04 अपराह्न100 जीत तो हुई... लेकिन फेडरर के 105 के मुकाबले ये बहुत कम है। और फिर भी सब इसे बड़ा बता रहे हैं। ये जैसे किसी ने 100 बार चाय पी ली हो और उसे पुरस्कार दे दिया जाए।
Pradeep Yellumahanti
अक्तूबर 12, 2025 AT 14:50 अपराह्नभारत में टेनिस के लिए ये एक बड़ा निशान है। जब एक सर्बियाई खिलाड़ी यहां इतना प्रेरणास्रोत बन जाता है, तो हमारे खुद के बच्चे क्या कर रहे हैं? फोन चला रहे हैं।
Shalini Thakrar
अक्तूबर 13, 2025 AT 11:01 पूर्वाह्नजब तुम जॉकोविच को देखते हो, तो लगता है जैसे टेनिस उसकी सांस बन गई है। वो नहीं खेल रहा, वो जी रहा है। ये बस एक खेल नहीं, ये एक दर्शन है। जीवन भी ऐसा ही है - थोड़ा सा निरंतरता, बहुत ज्यादा धैर्य।
pk McVicker
अक्तूबर 15, 2025 AT 08:03 पूर्वाह्नफेडरर बेहतर।
Laura Balparamar
अक्तूबर 16, 2025 AT 06:55 पूर्वाह्नमैंने आज सुबह अपने बेटे को जॉकोविच का मैच दिखाया। उसने कहा - 'मम्मी, मैं भी ऐसा बनूंगा।' ये जीत बस एक खिलाड़ी की नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी की शुरुआत है।
Shivam Singh
अक्तूबर 17, 2025 AT 20:38 अपराह्नमैच देखा था... लेकिन फेडरर का गेम तो बहुत बेहतर था। जॉकोविच के बैकहैंड पर एक टाइपो हुआ था जिसे लोग नोटिस नहीं कर रहे। 😅
Piyush Raina
अक्तूबर 19, 2025 AT 05:23 पूर्वाह्नक्या आपने कभी सोचा है कि अगर जॉकोविच ने इतना लंबा करियर नहीं किया होता, तो क्या होता? ये रिकॉर्ड तो उसके जीवन की अपेक्षाओं का नतीजा है। उसकी लगन ने टेनिस को एक नए अर्थ दिया है।
Srinath Mittapelli
अक्तूबर 21, 2025 AT 03:48 पूर्वाह्नमैंने अपने बेटे को आज जॉकोविच के मैच का एक वीडियो दिखाया। उसने कहा - 'पापा, ये तो बहुत तेज़ है!' मैंने उसे बताया - ये तेज़ी नहीं, ये अनुशासन है। जब तुम एक चीज़ में इतना गहरा जाते हो, तो उम्र कोई बाधा नहीं बनती।
मैं अपनी नौकरी में भी ऐसा ही करता हूं। हर दिन थोड़ा बेहतर होने की कोशिश। जॉकोविच ने सिर्फ टेनिस नहीं, बल्कि जीवन का एक नया नियम दिया है।
Vineet Tripathi
अक्तूबर 22, 2025 AT 09:48 पूर्वाह्नमैच देखा। बस एक बात समझ आई - ये आदमी बस खेल रहा है। न कोई ड्रामा, न कोई नाच। बस टेनिस। इतना सादगी में बड़ा करियर बनाना है तो ये ही तो असली जीत है।
Dipak Moryani
अक्तूबर 23, 2025 AT 12:20 अपराह्नक्या ये रिकॉर्ड तोड़ने वाला अगला खिलाड़ी कौन होगा? क्या उसके पास भी इतनी लगन होगी? ये सोचने लायक है।