लोकसभा चुनाव 2024 का विस्तृत विश्लेषण
लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम भारतीय राजनीती में कई महत्वपूर्ण बदलावों का संकेत दे रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 240 सीटें जीतकर विजय प्राप्त की है, लेकिन यह संख्या 2019 में जीती गई 303 सीटों की तुलना में घट चुकी है। जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय लिया है, और वह 8 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का उदय
उत्तर प्रदेश में, समाजवादी पार्टी (सपा) ने दबदबा बनाया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में पार्टी ने अपनी सर्वश्रेष्ठ लोकसभा सीटें जीतीं। भाजपा ने यहां केवल 33 सीटें जीतीं, जो 2019 की 64 सीटों से काफी कम हैं। यह परिणाम भाजपा के लिए एक बड़ा झटका साबित हुआ है।
महाराष्ट्र में गठबंधन की धमक
महाराष्ट्र में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे, और शरद पवार के गठबंधन ने भाजपा को भारी धक्का दिया। यहां nda को केवल 17 सीटें मिलीं, जबकि इंडिया गठबंधन ने 30 सीटें जीतीं। इन सगंठनों के बीच का यह सगंठऩ मुम्बई जैसे महत्वपूर्ण शहरों में भाजपा के लिए चुनौतियाँ दर्शाता है।
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पकड़
पश्चिम बंगाल में, ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपनी पकड़ बरकरार रखी। यहां nda को केवल 12 सीटें मिलीं, जबकि TMC ने 23 सीटें जीतीं। ममता बनर्जी की लोक सेवा और विकास योजनाओं ने उन्हें जनता के बीच मजबूत स्थिति में बनाए रखा है।
अन्य राज्यों का लेखाजोखा
चुनावों में विभिन्न राज्यों का योगदान भी महत्वपूर्ण रहा। खासतौर पर बिहार में nda ने 30 सीटें जीतीं, जबकि इंडिया गठबंधन ने 9 सीटें हासिल की। तमिलनाडु में इंडिया गठबंधन ने 39 सीटों पर जीत हासिल की, और nda केवल 3 सीटें जीत सकी। गुजरात nda का किला बना रहा, यहां 25 सीटें nda के खाते में आईं, जबकि इंडिया के पास केवल 1 सीट रही।
समग्र परिणाम
यह चुनावी परिणाम इंडियन राजनीति के बदलते परिवेश का परिचय देते हैं। यहां राज्यों के अनुसार सीटों का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत है:
राज्य | कुल सीटें | NDA | INDA | अन्य |
---|---|---|---|---|
उत्तर प्रदेश | 80 | 34 | 43 | 3 |
महाराष्ट्र | 48 | 17 | 30 | 1 |
पश्चिम बंगाल | 42 | 12 | 23 | 7 |
बिहार | 40 | 30 | 9 | 1 |
तमिलनाडु | 39 | 3 | 36 | 0 |
मध्य प्रदेश | 29 | 20 | 9 | 0 |
गुजरात | 26 | 25 | 1 | 0 |
आंध्र प्रदेश | 25 | 10 | 4 | 11 |
ओडिशा | 21 | 10 | 2 | 9 |
कर्नाटक | 28 | 19 | 9 | 0 |
केरल | 20 | 1 | 19 | 0 |
राजस्थान | 25 | 24 | 1 | 0 |
तेलंगाना | 17 | 7 | 8 | 2 |
असम | 14 | 13 | 1 | 0 |
झारखंड | 14 | 9 | 5 | 0 |
पंजाब | 13 | 1 | 10 | 2 |
छत्तीसगढ़ | 11 | 9 | 2 | 0 |
हरियाणा | 10 | 5 | 5 | 0 |
दिल्ली | 7 | 7 | 0 | 0 |
उत्तराखंड | 5 | 5 | 0 | 0 |
हिमाचल प्रदेश | 4 | 4 | 0 | 0 |
अरुणाचल प्रदेश | 2 | 2 | 0 | 0 |
जम्मू और कश्मीर | 5 | 2 | 2 | 1 |
त्रिपुरा | 2 | 2 | 0 | 0 |
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह | 1 | 1 | 0 | 0 |
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव | 2 | 2 | 0 | 0 |
गोवा | 2 | 2 | 0 | 0 |
सिक्किम | 1 | 1 | 0 | 0 |
चंडीगढ़ | 1 | 1 | 0 | 0 |
लद्दाख | 1 | 1 | 0 | 0 |
लक्षद्वीप | 1 | 1 | 0 | 0 |
मणिपुर | 2 | 2 | 0 | 0 |
मेघालय | 2 | 1 | 1 | 0 |
मिजोरम | 1 | 1 | 0 | 0 |
नगालैंड | 1 | 1 | 0 | 0 |
पुद्दुचेरी | 1 | 1 | 0 | 0 |
इन सभी परिणामों को देखने के बाद स्पष्ट होता है कि भारतीय राजनीति में एक बड़ा बदलाव आ रहा है। जनता के विश्वास ने कई राज्यों में अलग-अलग रंग दिखाए हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि नई सरकार किन चुनौतियों का सामना करेगी और किस तरीक़े से उनके समाधान की दिशा में कदम बढ़ाएगी।