Saumitra Vihar Yojana का परिचय और महत्व
लखनऊ के न्यू जेल रोड, गोसाइंगंज के पास मोहनलालगंज में स्थित Saumitra Vihar Yojana उत्तर प्रदेश सरकार की आवास नीति में एक नई दिशा दर्शाती है। यह स्कीम विशेष तौर पर भूमि‑पूलिंग मॉडल पर आधारित है, जिसका मतलब है कि जमीन‑धारकों ने अपने खेतों को एकत्र कर राज्य के साथ मिलकर विकास के लिये बंधा दिया। इस दृष्टिकोण से न केवल शहर के विस्तार को व्यवस्थित किया गया, बल्कि कम‑आय वर्ग के लिए सस्ती आवास की उपलब्धता भी बढ़ी।
पहले इस योजना को छह महीने की अनिश्चित देरी का सामना करना पड़ा, परन्तु सितंबर 2025 में लॉटरी प्रक्रिया को फिर से सक्रिय किया गया। कुल दो फेज़ में परियोजना चलाने की योजना है, जिसमें प्रत्येक फेज़ में लगभग 2 000 आवासीय और व्यावसायिक प्लॉट्स का आवंटन होगा। इस विस्तृत योजना का लक्ष्य लखनऊ की जनसंख्या वृद्धि को संतुलित करना और शहरी बुनियादी ढाँचा को टिकाऊ बनाना है।

लॉटरी प्रक्रिया, आरक्षण और प्लॉट की विशिष्टताएँ
लॉटरी ड्रॉ 22 एवं 23 सितंबर 2025 को उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास बोर्ड (Awas Vikas Parishad) द्वारा आयोजित किया गया। प्रक्रिया शुरू होने से पहले, डिप्टी हाउसिंग कमिश्नर चंदन कुमार पटेल ने बताया था कि पहले किसान‑धारकों के लिये लॉटरी होगी, जो भूमि‑पूलिंग में अपना योगदान दे चुके थे। इस चरण के बाद आम जनता के लिये खुला लॉटरी चरण आया।
आवास योजना में अलग‑अलग आय वर्गों के लिये पहचानी गई आरक्षण प्रणाली इस प्रकार है:
- 10 % प्लॉट्स Economically Weaker Section (EWS) के लिये आरक्षित हैं।
- 10 % प्लॉट्स Middle Income Group (MIG) के लिये निर्धारित हैं।
- बाकी 80 % High Income Group (HIG) के लिये उपलब्ध हैं।
प्लॉट साइज भी आय वर्ग के अनुसार विभाजित किये गये हैं:
- EWS लाभार्थियों को 30 वर्ग मीटर के छोटे प्लॉट मिलेंगे।
- MIG वर्ग को 65 वर्ग मीटर के मध्यवर्ती प्लॉट मिलेंगे।
- HIG खरीदारों के लिये 128 से 300 वर्ग मीटर के बड़े प्लॉट उपलब्ध हैं।
- रेजिडेंशियल सेक्टर में 80 से 200 वर्ग मीटर के प्लॉट्स का मिश्रण है।
- व्यावसायिक प्लॉट्स की कीमत लगभग ₹23,000 प्रति वर्ग मीटर तय की गई है।
यह विविधता न केवल विभिन्न आर्थिक क्षमताओं वाले लोगों को अपना घर बनाने का अवसर देती है, बल्कि व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को भी शहर के मुख्य धारा में स्थापित होने की सुविधा प्रदान करती है।
संकलित रूप से देखें तो इस योजना में कुल लगभग 4 000 प्लॉट्स का वितरण होना अपेक्षित है, जिससे लखनऊ के अनेक परिवारों को अपना घर मिल सकेगा। इस स्कीम के सफल कार्यान्वयन से न केवल आवास की कमी दूर होगी, बल्कि शहर में व्यवस्थित विकास, बुनियादी सुविधाओं का सुधार और सामाजिक मिश्रण को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
भविष्य में बोर्ड सचिव निरज शुक्ला ने कहा कि दो चरणों के बाद यदि मांग और आर्थिक स्थिति अनुकूल रही तो अतिरिक्त चरणों के विस्तार की भी संभावना बनी रहेगी। इस तरह, लखनऊ को एक मॉडल सिटी बनाने की दिशा में यह पहल महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।