सेनेटर अलवराडो-गिल पर गंभीर आरोप
कैलिफोर्निया की स्टेट सेनेटर मैरी अलवराडो-गिल के खिलाफ उनके पूर्व प्रमुख स्टाफ चाड कोंडिट ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कोंडिट का दावा है कि अलवराडो-गिल ने उनसे यौन उत्पीड़न करते हुए एक 'यौन-आधारित संबंध' बनाने की कोशिश की। कोंडिट, जो पूर्व कांग्रेसमैन गैरी कोंडिट के बेटे हैं, ने आरोप लगाया है कि उन्हें अलवराडो-गिल ने कई बार मौखिक यौन संबंध बनाने के लिए बाध्य किया और मना करने पर उन्हें प्रताड़ित किया।
अनाम आंखों के सामने होता रहा उत्पीड़न
कोंडिट ने अपने आरोपों में दावा किया कि एक घटना के दौरान, एक कार की संकरी जगह होने के बावजूद, अलवराडो-गिल ने उन्हें मौखिक यौन संबंध के लिए मजबूर किया, जिससे उनकी पीठ में डिस्क्स और कूल्हे की हड्डी को नुकसान पहुँचा। इस घटना के विवरण के अनुसार, अलवराडो-गिल ने उनका रोजगार खतरे में डालने की धमकी दी और उन्हें एहसास कराया कि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं था।
न्यायालय में दाखिल हुआ मामला
यह मामला सैक्रामेंटो सुपीरियर कोर्ट में दर्ज हुआ और इसमें अरोपित यौन उत्पीड़न और शक्ति के दुरुपयोग के अलावा, अनचाहे यौन प्रस्ताव भी शामिल हैं। कोंडिट द्वारा लगाए गए इन आरोपों पर अलवराडो-गिल ने कहा कि यह सभी बेबुनियाद हैं और उनके पूर्व कर्मचारी द्वारा गड़ी हुई बेहूदी कहानी है, जिसका उद्देश्य मौद्रिक लाभ प्राप्त करना है।
लगातार बना रहा दबाव
कोंडिट का दावा है कि अलवराडो-गिल के द्वारा उनकी नौकरी के खतरे में डालने और उनके व्यक्तिगत जीवन में अनुचित टिप्पणी करने की धमकी दी गई। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे उन्होंने उनके आदेशों का विरोध करना शुरू किया, अलवराडो-गिल ने उन्हें और अधिक प्रताड़ित करना शुरू कर दिया, जिसमें उनके पिता पर भी अपमानजनक टिप्पणी की।
शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाला प्रभाव
कोंडिट का आरोप है कि उन्होंने अपनी पीठ की चोट को उनकी मांगों को ठुकराने का सबब बनाया, जिसके बाद उन्हें अनुशासनात्मक पत्र मिला और उन्हें बेवफाई का आरोप झेलना पड़ा। अंततः अक्टूबर 2023 में, कोंडिट को अपनी पीठ की चोट के लिए सर्जरी करानी पड़ी।
आरोपों पर सेनेटर का पलटवार
सेनेटर अलवराडो-गिल ने अपने वकील ओगनियन गावरिलोव के माध्यम से कहा कि वह आरोपों से बाइजूद्ध हो जाएंगी। वकील का कहना है कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और इसे भूतपूर्व कर्मचारी द्वारा वित्तीय लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से गढ़ा गया है।
सीनेट का बयान
कैलिफ़ोर्निया स्टेट सीनेट की सचिव एरिका कोंट्रेरास ने कहा कि सीनेट सभी शिकायतों को गंभीरता से लेता है, लेकिन चल रहे मुकदमे पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। इस प्रकार, यह विवाद अदालत में किस दिशा में जाएगा यह समय के गर्भ में है।
कुल मिलाकर यह मामला समय-समय पर विकसित होने वाला है और यौन उत्पीड़न के आरोपों पर न्यायलयिक निर्णय तक विभिन्न सवाल उठाता रहेगा।
8 टिप्पणि
Soumita Banerjee
सितंबर 12, 2024 AT 02:51 पूर्वाह्नइस मामले में power dynamics का जिक्र न करना बिल्कुल अजीब है। जब एक सीनेटर अपने स्टाफ के साथ ऐसा करती है, तो ये केवल 'यौन उत्पीड़न' नहीं, बल्कि institutional coercion का एक classic case है। वो जो बोलती है, वो अपने अधिकार के आधार पर बोलती है - न कि इच्छा के।
Navneet Raj
सितंबर 12, 2024 AT 06:09 पूर्वाह्नइस तरह के मामलों में दोनों पक्षों की बात सुनना जरूरी है। अगर आरोप सच हैं, तो ये बहुत गंभीर है। अगर नहीं, तो भी इस तरह के आरोपों से जीवन बर्बाद हो सकता है। न्याय की प्रक्रिया को अपने रास्ते पर जाने दें।
Neel Shah
सितंबर 13, 2024 AT 23:38 अपराह्नअरे यार!! ये सब बस एक फैमिली रिवेंज है!! गैरी कोंडिट का बेटा!! जिसने अपने पिता के साथ जो बातें कीं, उनका बदला लेने आया है!! 😤💸 और अब ये सब यौन उत्पीड़न का नाटक!!
shweta zingade
सितंबर 14, 2024 AT 19:27 अपराह्नअगर आपको लगता है कि ये सिर्फ एक नौकरी का मामला है, तो आप गलत हैं। ये एक शख्स के आत्मसम्मान, शारीरिक स्वास्थ्य, और मानसिक स्वास्थ्य का सवाल है। आपको अपनी पीठ की हड्डी तोड़ने के बाद भी काम करना पड़े, तो आपका दर्द कौन समझेगा? आपके लिए न्याय ही एकमात्र आशा है। 💪❤️
Pooja Nagraj
सितंबर 16, 2024 AT 13:55 अपराह्नइस मामले के प्राथमिक आधार पर एक अधिकारिक न्यायिक प्रक्रिया के अतिरिक्त, एक गहरी नैतिक और दार्शनिक प्रश्न उठता है: क्या शक्ति के अधिकार के अधीन व्यक्ति की इच्छा को वास्तविकता माना जा सकता है? यदि नहीं, तो यह एक निर्मम अस्तित्ववादी विकृति है - जिसे न्याय की निष्पक्षता के माध्यम से ही संशोधित किया जा सकता है।
Anuja Kadam
सितंबर 17, 2024 AT 01:28 पूर्वाह्नye sab kya hai? maine to bas headline padha… kya ye sach me hua ya bas media drama? bhaiya koi proof hai ya bas baat hai? 😅
Pradeep Yellumahanti
सितंबर 18, 2024 AT 04:20 पूर्वाह्नभारत में भी ऐसे मामले होते हैं - बस यहाँ लोग बोल पाते हैं। अमेरिका में भी जब कोई बड़ा आदमी बोलता है, तो दूसरा आदमी बोलने के लिए तैयार होता है। ये न्याय का अंतर है - न कि अपराध का।
Shalini Thakrar
सितंबर 18, 2024 AT 16:24 अपराह्नइस मामले में trauma-informed approach की जरूरत है। शारीरिक चोटें, मानसिक दबाव, और आर्थिक निर्भरता - ये सब एक ही स्थिति के अलग-अलग पहलू हैं। अगर आप इसे सिर्फ एक 'कहानी' मान लेंगे, तो आप उस व्यक्ति की आत्मा को नहीं सुन रहे हैं। 🌱