जब जेमीमा रोड्रिगेज, 25 साल की भारतीय मिड‑ऑर्डर बैटर, बेटर भारत महिला क्रिकेट टीम की तरफ से 27वें ओवर में डायना बैग की तेज़ डिलीवरी पर पकड़ी गई, तो मैदान में धूम मचा दी। लेकिन नो‑बॉल का सायरन बजते ही पूरी तस्वीर बदल गई, और जेमीमा को निराकरण मिला। यह घटना आईसीसी वीमेन्क्स क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 के दौरान आर प्रेग़दास स्टेडियम, कोलंबो, श्रीलंका में 10 अक्टूबर 2025 को घटी।
मैच का सार और निर्णायक मोमेंट
भारत ने कुल 247 रन बनाकर 10 विकेट पर सभी 50 ओवरों का उपयोग किया। रिचा घोष, जो विकेट‑कीपर‑बेटर पर भी खेल रही थीं, ने मात्र 20 गेंदों में 35* बना कर तेज़ अंत दिया। वहीं हर्मनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम ने कई कठिन स्थितियों को संभाला। पर सबसे चर्चा का विषय बना नॉ‑बॉल वाला क्षण, जहाँ डायना बैग ने पैर बहुत आगे रख दिया था, जिससे जेमीमा का कैच‑बिहाइंड अपील निरर्थक रह गई।
ओवर‑दर‑ओवर खेल का प्रसंग
27वें ओवर में पहले दो गेंदें डॉट रही, तीसरी गेंद पर जेमीमा ने कट शॉट करने की कोशिश की। बॉल ने अंदर‑एज लगा कर सिद्रा नवाज़, पाकिस्तान की विकेट‑कीपर, के ग्लव्स में पकड़ी। स्टंप मिलने के बाद पूरे पाकिस्तान के खिलाड़ी झूम उठे, लेकिन जज के हाथ में नो‑बॉल संकेतक जल गया। रिव्यू ने दिखाया कि बैग की आगे कदम की दूरी लैंडिंग मार्क से 1.2 सेंटीमीटर अधिक थी।
नो‑बॉल के बाद जेमीमा ने फ्री‑हिट पर मिड‑विकेट की ओर चार रन की सीमा में मारा। इसके बाद 30वें ओवर में हरलीन डोल के साथ एक बेहतरीन रन‑ऑफ़ की कोशिश में उन्होंने घास पर गिरते कीड़े के कारण खेल में छोटा ब्रेक भी देखा। अंततः 35वें ओवर में उन्हें पकड़ा गया, पर इस दौरान उनका स्कोर 32 रन पर स्थिर रहा।
टीमों के प्रमुख खिलाड़ी और उनके बयान
मैच के बाद जेमीमा ने जियोस्टार साक्षात्कार में कहा, “पिच में नमी थी, जिससे गेंद को थोड़ा ग्रिप मिला। हम सब अपने ‘बबल’ में रहकर दबाव को वॉटर लगाते हैं, बाहर की आवाज़ें हमें नहीं रुकतीं।” यह बयान दर्शाता है कि टीम ने मानसिक दृढ़ता पर विशेष ध्यान दिया है।
डायना बैग ने भी बाद में कहा, “मैंने जल्दबाजी में अपना कदम रख दिया, लेकिन यह सीख हमें आगे बढ़ाएगी। हम हर माहौल में सुधार लाने की कोशिश करेंगे।” पाकिस्तान की कप्तान, समीरा खान, ने अपने पक्ष में “हमने पहली पारी में बढ़त बनाई, पर नॉ‑बॉल ने हमें सूचनात्मक किया” कहा।
विश्व कप 2025 की व्यापक परिप्रेक्ष्य
यह टूर्नामेंट दस देशों के बीच राउंड‑रॉबिन फॉर्मेट में चल रहा है, जिसमें भारत पहले दो मैच जीत चुका है। पिछले विश्व कप में भारत ने 2005 और 2017 में फाइनल तक का सफर तय किया था, पर अभी तक जीत नहीं पाई। इस दौर में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने महिला क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिये कई नई नियमों को लागू किया, जैसे फ्री‑हिट की स्पष्टता और वीडियो रेफ़री का उपयोग।
कोलंबो के आर प्रेग़दास स्टेडियम की क्षमता लगभग 35,000 दर्शकों की है और 1986 से कई बड़े अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेज़बानी कर चुका है। इस स्टेडियम में जलवायु की उमस और पिच की नमी ने दोनों टीमों के बैटरों को अलग‑अलग चुनौतियों का सामना कराया।
भविष्य की संभावनाएँ और आगे का रास्ता
भारत के लिए अगला मैच ऑस्ट्रेलिया महिला टीम के खिलाफ तय है, जहाँ जेमीमा और रिचा जैसी गति‑शक्ति वाले खिलाड़ी को दबाव में और तेज़ इंट्रूज़न की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत अपनी बॉलिंग लाइन‑अप को स्थिर रखे और फील्डिंग में निरन्तरता दिखाए, तो टुर्नामेंट का ट्रॉफी उनका नाम ले सकती है।
- मैਚ का कोर स्कोर: भारत 247/10, पाकिस्तान 239/9
- जेमीमा रोड्रिगेज का स्कोर: 32 (37 बॉल)
- रिचा घोष का अनबेटेड 35* (20 बॉल)
- नो‑बॉल का मुख्य कारण: बैग का फ्रंट‑फुट ओवरस्टेप
- पिच की स्थिति: अधिक नमी, धीमी गति वाली सतह
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
नो‑बॉल के बाद जेमीमा की इनिंग कैसे प्रभावित हुई?
नो‑बॉल ने जेमीमा को दो अतिरिक्त रन दिया और फ्री‑हिट का अवसर दिया, जिससे उन्होंने मिड‑विकेट पर एक चौके से टीम को अतिरिक्त स्कोर दिलाया। इस अवसर ने उनके आत्मविश्वास को बढ़ाया, जिससे बाद में उन्होंने निरंतर बॉल को घुमाते हुए 32 रनों तक पहुँचा।
इस मैच में पाकिस्तान को सबसे बड़ी चुनौती क्या थी?
नो‑बॉल के बाद भारत की स्कोरिंग गति बढ़ गई, जिससे पाकिस्तान को लक्ष्य को तेज़ी से पीछा करना पड़ा। इसके अलावा, भारत की तेज़ फ्री‑हिटेस और रिचा घोष की तेज़ी ने उन्हें वॉल्यूम में बढ़त देने में मदद की, जिससे पाकिस्तान के बॉलर्स को लगातार दबाव में रखा गया।
आर प्रेग़दास स्टेडियम की पिच पर नमी का असर क्या था?
पिच पर अधिक नमी ने गेंद को थोड़ा ग्रिप दिया, जिससे स्पिनर और भाग्यशाली बॉलर्स दोनों को मदद मिली। बैट्समैनों को बॉल की गति में हल्की कमी महसूस हुई, जिससे उनके शॉट चयन में सावधानी बरतनी पड़ी। यही कारण था कि कई शॉट्स के बाद बॉल का अंदर‑एज लगना आम था।
भारत की अगली चुनौती कौन सी टीम के खिलाफ है?
अगला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया महिला टीम के साथ है, जो वर्तमान में टूर्नामेंट में दूसरी पोजीशन पर है। ऑस्ट्रेलिया की तेज़ बॉलिंग और ताकतवर फील्डिंग भारतीय बल्लेबाजों के लिए एक नई परीक्षा पेश करेगी।
यह जीत भारत के विश्व कप ट्रॉफी के सपने को कैसे प्रभावित करती है?
दूसरी जीत से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है और उनके ग्रुप में टॉप दो में जगह सुरक्षित हुई है। निरंतर जीतें और सामूहिक प्रदर्शन भारत को फाइनल की राह पर तेज़ी से ले जा सकते हैं, जिससे उनका पहला विश्व कप टाइटल मिलने की संभावना अधिक हो गई है।
6 टिप्पणि
ramesh puttaraju
अक्तूबर 10, 2025 AT 04:39 पूर्वाह्ननो‑बॉल के बाद जेमीमा के फ्री‑हिट पर सभी को लगा कि वो फिर से फॉर्म बना लेगी 😂 लेकिन असल में बल्लेबाज़ी उनका ही दम नहीं दिखा पाई।
Kuldeep Singh
अक्तूबर 15, 2025 AT 19:39 अपराह्नजेमीमा की मेहनत को सराहना चाहिए, लेकिन खेल में नियमों की इज्जत और भी ज़रूरी है। नो‑बॉल का फैसला क्रिकेट का हिस्सा है, उसे लेकर खिलाड़ियों को जागरूक होना चाहिए। ऐसी स्थितियों में टीम का आत्मविश्वास बनाए रखना चाहिए, न कि घबराहट। आखिरकार खेल का मूल उद्देश्य सम्मान और खेल भावना है।
Seema Sharma
अक्तूबर 21, 2025 AT 10:39 पूर्वाह्नपिच की नमी ने दोनों टीमों को थोड़ा ग्रिप दिया, इसलिए स्पिनर्स ने भी ज्यादा फायदा उठाया। जेमीमा का 32 रन ठीक था, लेकिन फ्री‑हिट के बाद उनका शॉट चयन थोड़ा हिचकिचा गया। रिचा घोष ने तेज़ अंत किया, जिससे भारत का स्कोर तेज़ी से बढ़ा। कुल मिलाकर, यह मैच बहुत बारीकी वाला था, और दर्शकों को रोमांचित किया।
Praveen Kumar
अक्तूबर 27, 2025 AT 01:39 पूर्वाह्ननॉ‑बॉल के बाद जेमीमा को दो रन मिल गए!! वह फ्री‑हिट पर चौके के साथ टीम को थोड़ी राहत दे पाई!! लेकिन फिर भी उनका स्ट्राइक रेट कम रहा!! यह दर्शाता है कि दबाव में खिलाड़ी को कैसे धीरज बनाए रखना चाहिए!!
Raksha Bhutada
नवंबर 1, 2025 AT 16:39 अपराह्नभारत‑पाकिस्तान की इस टक्कर में जेमीमा रोड्रिगेज के साथ हुआ नो‑बॉल बहस ने सभी का ध्यान खेल के तकनीकी पक्ष की ओर मोड़ दिया।
ऐसा नहीं कि वह अकेली पहली बार ऐसी स्थिति में फंसी हो, लेकिन इस बार निर्णायक मोमेंट में रेफ़री का संकेत स्पष्ट था।
बैग का फ्रंट‑फ़ुट ओवरस्टेप वास्तव में नियमों का उल्लंघन था, और यह दर्शाता है कि फील्डर की सावधानी कितनी महत्वपूर्ण है।
भारत ने कुल 247 रन बनाकर लक्ष्य को मजबूत किया, और यह जीत टीम के आत्मविश्वास को और बढ़ाएगी।
इस जीत के बाद इंडिया की टेबल में टॉप दो में जगह पक्की हो गई, जिससे फाइनल की राह साफ़ दिखती है।
जेमीमा ने फ्री‑हिट पर चार रन का योगदान दिया, जिससे उनका व्यक्तिगत स्कोर 32 पर स्थिर रहा।
रिचा घोष की तेज़ अंत ने टीम को जल्द ही लक्ष्य तक पहुंचाया, जो कई मैचों में निर्णायक रहा है।
इस मैच में पिच की नमी ने स्पिनर्स को मदद की, लेकिन बैट्समैनों के लिए यह चुनौती भी बनी रही।
पाकिस्तान की विकेट‑कीपर सिद्रा नवाज़ की चपल फील्डिंग ने कुछ मौके बचाए, लेकिन नो‑बॉल के बाद उनका दबाव कम हो गया।
खेल में तकनीकी त्रुटियों के कारण कभी‑कभी किस्मत बदल जाती है, और यही कारण है कि वीडियो रेफ़्री की अहमियत बढ़ी है।
अब अगला मुकाबला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ है, जहाँ भारतीय बैटरों को तेज़ बॉलिंग का सामना करना पड़ेगा।
अगर टीम अपनी बॉलिंग लाइन‑अप को स्थिर रखती है, तो ट्रॉफी का सपना सच हो सकता है।
इस प्रकार, प्रत्येक खिलाड़ी को अपनी भूमिका समझनी चाहिए और टीम के हित में काम करना चाहिए।
नो‑बॉल के बाद जेमीमा ने मनोबल नहीं खोया, बल्कि उसने फ्री‑हिट का पूरा फायदा उठाया, जो उसकी प्रोफ़ेशनलिटी को दर्शाता है।
भारतीय दर्शकों ने इस क्षण को बड़े उत्साह के साथ देखा, और सोशल मीडिया पर भी कई सकारात्मक टिप्पणियाँ आईं।
अंत में, यह घटना हमें यह सिखाती है कि खेल में नियमों का पालन करना और दबाव में शांत रहना दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।
Shankar Pandey
नवंबर 7, 2025 AT 07:39 पूर्वाह्नजैसे कि कहा जाता है, नियमों का उल्लंघन छोटे‑छोटे क्षणों में बड़ी बदलाव लाता है; लेकिन यह भी याद रखो कि इंसान से इंसान तक का समझौता भी उतना ही अहम है।