जसप्रीत बुमराह की जोरदार गेंदबाजी की तारीफ: भारतीय क्रिकेट के लिए वरदान
पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने हाल ही में जसप्रीत बुमराह की पहले टेस्ट मैच में शानदार प्रदर्शन की तारीफ की है। बुमराह ने अपनी घातक गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया, और उनकी शानदार गेंदबाजी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय क्रिकेट को ऐसा विश्वस्तरीय गेंदबाज मिलने का सौभाग्य है।
बुमराह का प्रभावशाली प्रदर्शन
बुमराह ने पहले टेस्ट मैच में चार विकेट लेते हुए केवल 50 रन दिए। उनकी गेंदबाजी ने भारतीय टीम को पहली पारी में 227 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई। बुमराह की इस प्रदर्शन के कारण ही बांग्लादेश की टीम दूसरी दिन केवल 149 रनों पर सिमट गई। ये विकेट विशेष रूप से महत्वपूर्ण थे, क्योंकि बुमराह ने बल्लेबाजों के साथ-साथ उनकी स्विंग और गति का शानदार उपयोग किया।
संजय मांजरेकर ने इस पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि भारतीय क्रिकेट को बुमराह जैसा गेंदबाज मिलने से, टीम को एक स्थायी और मजबूत गेंदबाजी आक्रमण मिला है। मांजरेकर ने बुमराह की गेंदबाजी के तकनीकी पहलुओं की भी प्रशंसा की और कहा कि उनका लाइन और लेंथ पर नियंत्रण काफी महत्वपूर्ण था।
बुमराह की ताकत और तकनीक
बुमराह अपनी अनोखी गेंदबाजी शैली के लिए जाने जाते हैं। उनकी यॉर्कर्स और स्पीड वेरिएशन्स ने बल्लेबाजों को काफी परेशानी में डाल दिया। गेंद फेंकते समय उनके एक्शन में विस्तार और उसकी स्थिरता के कारण उनके खिलाफ खेलना बहुत मुश्किल हो जाता है। बुमराह की गेंदबाजी ने बांग्लादेश के बल्लेबाजों को दबाव में डाल दिया और उनकी टीम बुरी तरह संघर्ष करती दिखी।
इस मैच में जहां बुमराह ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, वहीं बांग्लादेश के हसन महमूद ने भी कमाल का प्रदर्शन कर पहली बार किसी बांग्लादेशी गेंदबाज ने भारतीय मैदान पर पांच विकेट लिए। महमूद ने 83 रन देकर यह कारनामा किया।
| खिलाड़ी | विकेट | रन |
|---|---|---|
| जसप्रीत बुमराह | 4 | 50 |
| हसन महमूद | 5 | 83 |
भारत की पहली पारी में रविचंद्रन अश्विन ने भी कमाल की बल्लेबाजी करते हुए अपने घरेलू मैदान पर अपना छठा टेस्ट शतक लगाया। उन्होंने 113 रन बनाए और भारतीय टीम को एक ठोस आधार दिया। इंडिया की पहली पारी 376 रनों पर समाप्त हुई और इस महत्वपूर्ण योगदान ने भी टीम को एक बड़ी बढ़त हासिल करने में मदद की।
आगामी मैच
पहले टेस्ट में भारत की शानदार जीत के बाद, अब सबकी नजरें दूसरे टेस्ट पर हैं जो कानपुर में 27 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। इस मैच के बाद तीन ट्वेंटी20 मुकाबले भी खेले जाएंगे। आने वाले मैचों में बुमराह से एक और शानदार प्रदर्शन की उम्मीद है और फैंस इस बार भी उनसे बेहतरीन गेंदबाजी की आस लगाए बैठे हैं।
मांजरेकर ने अपने वक्तव्य में कहा कि बुमराह जैसे गेंदबाज के कारण युवाओं के लिए एक प्रेरणा के स्रोत साबित हो रहे हैं। बुमराह की इस कामयाबी ने नया आयाम दिया है, और यह दिखा दिया है कि मेहनत और समर्पण से सब कुछ संभव है। बुमराह न केवल भारतीय टीम के लिए बल्कि वैश्विक क्रिकेट के लिए भी एक मूल्यवान संपत्ति हैं।
14 टिप्पणि
Ayush Sharma
सितंबर 22, 2024 AT 10:03 पूर्वाह्नबुमराह की गेंदबाजी तो बस एक अलग ही बात है। इतनी स्थिरता, इतना कंट्रोल... ये तो डिजिटल एल्गोरिथम से भी बेहतर है।
कभी-कभी लगता है वो गेंद को रोककर फेंक रहे हैं।
charan j
सितंबर 23, 2024 AT 06:52 पूर्वाह्नबुमराह अच्छा है पर हसन महमूद ने 5 विकेट लिए ना भारतीय मैदान पर ये तो बड़ी बात है
Kotni Sachin
सितंबर 24, 2024 AT 15:59 अपराह्नमुझे लगता है, कि बुमराह की गेंदबाजी केवल एक तकनीकी चमत्कार नहीं है... ये तो एक जीवन दर्शन है।
कम गति, ज्यादा नियंत्रण, शांति से गेंद फेंकना, और बल्लेबाज़ के मन में डर पैदा करना... ये सब एक साथ आ गया है।
हमारे युवा गेंदबाज़ों को बस यही सीखना चाहिए कि तेज़ गेंद नहीं, बल्कि तेज़ सोच चाहिए।
बुमराह के एक्शन में वह अद्वितीय लचीलापन है, जो किसी एजिल बैलेंस और शरीर के नियंत्रण का परिणाम है।
वो कभी भी जल्दबाजी नहीं करते, और यही उनकी शक्ति है।
किसी भी बल्लेबाज़ के लिए, बुमराह की यॉर्कर को बचाना एक मानसिक युद्ध है।
और हाँ, मांजरेकर साहब बिल्कुल सही कह रहे हैं - लाइन और लेंथ का नियंत्रण आज के क्रिकेट में सबसे कम पाया जाने वाला गुण है।
क्योंकि आज के गेंदबाज़ तेज़ी से गेंद फेंकने पर ध्यान देते हैं, न कि उसकी निशानेबाजी पर।
बुमराह ने साबित कर दिया कि धीमी गेंद, सही जगह पर, तो बल्लेबाज़ को उल्टा चकमा दे देती है।
इस तरह के गेंदबाज़ के लिए, विकेट नहीं, बल्कि बल्लेबाज़ की आत्मविश्वास की कमी चाहिए।
उनकी गेंद बल्लेबाज़ के बैट के आगे नहीं, बल्कि उनके दिमाग के अंदर घुस जाती है।
मैं उम्मीद करता हूँ कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड इसी तरह के गेंदबाज़ों को बढ़ावा दे, न कि बस रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों को।
बुमराह ने सिर्फ एक मैच नहीं, एक नई दिशा दिखाई है।
और अगर हम इस दिशा को अपनाएँ, तो भारत की टीम अगले 10 साल तक दुनिया की टॉप टीम बनी रहेगी।
ये बस एक खिलाड़ी नहीं, ये एक आंदोलन है।
Nathan Allano
सितंबर 26, 2024 AT 00:29 पूर्वाह्नबुमराह की गेंदबाजी को देखकर लगता है जैसे कोई नियम तोड़ रहा हो - उसकी गेंद बल्लेबाज़ के बैट के बाहर नहीं, उसके दिमाग के बाहर जाती है।
और हाँ, हसन महमूद का प्रदर्शन भी बहुत अच्छा रहा - भारतीय मैदान पर 5 विकेट लेना अब बहुत कम लोग कर पाते हैं।
अश्विन का शतक भी शानदार था, लेकिन बुमराह ने वो टन लगाया जो किसी और के लिए असंभव लगता था।
मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक गेंदबाज़ इतना शांत हो सकता है, और इतना खतरनाक।
अगर ये लगातार ऐसा ही करते रहे, तो भारत को और किसी गेंदबाज़ की जरूरत नहीं।
वो एक टीम हैं, एक टीम के बराबर।
Guru s20
सितंबर 26, 2024 AT 08:47 पूर्वाह्नबुमराह के बाद अब कोई और गेंदबाज़ भी बहुत अच्छा लगता है - वो बस अपना काम कर रहे हैं, और वो काम बहुत बड़ा है।
हसन महमूद के लिए भी बधाई - ये बांग्लादेश के लिए बहुत बड़ी बात है।
भारतीय टीम के लिए भी अश्विन का शतक बहुत महत्वपूर्ण था।
अब दूसरा टेस्ट बहुत दिलचस्प होने वाला है।
Raj Kamal
सितंबर 27, 2024 AT 07:08 पूर्वाह्नमैंने देखा कि बुमराह ने जो यॉर्कर्स लगाए वो बहुत तेज थे लेकिन मुझे लगता है कि उनके एक्शन में थोड़ी सी अस्थिरता भी थी जैसे कि वो अपने फुटवर्क को ठीक से नहीं रख पा रहे थे लेकिन फिर भी उनकी गेंद बहुत अच्छी थी और उन्होंने बहुत अच्छा बल्लेबाज़ों को बाहर किया और वो जो हसन महमूद ने किया वो बहुत अच्छा था क्योंकि उन्होंने भारतीय मैदान पर 5 विकेट लिए जो कि बहुत कम लोग कर पाते हैं और अश्विन का शतक भी बहुत शानदार था लेकिन मुझे लगता है कि अगर बुमराह ने 6 विकेट लेते तो ये मैच और भी ज्यादा दिलचस्प होता
Rahul Raipurkar
सितंबर 27, 2024 AT 17:11 अपराह्नबुमराह को देवता बना दिया गया है।
लेकिन ये नहीं कि वो नहीं अच्छे हैं - वो बहुत अच्छे हैं।
लेकिन क्या हम इतना भावुक हो रहे हैं कि जब कोई और अच्छा करता है - जैसे हसन महमूद - तो उसकी बात नहीं होती?
क्रिकेट एक खेल है, न कि एक धर्म।
हर गेंदबाज़ को उसकी अपनी शान देनी चाहिए।
और हाँ, अश्विन का शतक भी बहुत अच्छा था - लेकिन क्या हम उसे भी एक देवता बना रहे हैं?
हम अपने आप को बहुत बड़ा समझ रहे हैं।
बुमराह एक खिलाड़ी हैं, न कि एक अवतार।
Soumita Banerjee
सितंबर 27, 2024 AT 17:17 अपराह्नबुमराह की गेंदबाजी तो बस एक ट्रेंड है - जैसे ब्रांडेड जूते या ओवरलैपिंग फैशन।
उनकी गेंदों में कोई नयापन नहीं है - बस एक अच्छा रिकॉर्ड है।
और हसन महमूद का 5 विकेट? ओह, वो तो बस एक अपवाद है।
अश्विन का शतक? बहुत अच्छा... अगर आप 2000 के दशक में रहते हैं।
ये सब एक फैंसी नारा है।
वास्तविकता? भारत के पास अब भी कोई गेंदबाज़ नहीं है जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में जीत दिला सके।
Navneet Raj
सितंबर 28, 2024 AT 16:08 अपराह्नबुमराह की गेंदबाजी देखकर लगता है जैसे उन्होंने गेंद को अपने दिमाग के अंदर बैठाकर फेंका है।
और हाँ, हसन महमूद का प्रदर्शन भी बहुत बढ़िया था - ये बांग्लादेश के लिए बहुत बड़ा उपलब्धि है।
अश्विन का शतक भी बहुत जरूरी था - बिना उसके ये जीत अधूरी होती।
अब दूसरा टेस्ट कानपुर में होगा - वहाँ पिच थोड़ी धीमी होगी, तो बुमराह की यॉर्कर्स और भी खतरनाक हो जाएंगी।
ये टीम अच्छी तरह से बन रही है - न सिर्फ एक खिलाड़ी पर, बल्कि एक समूह के तौर पर।
Neel Shah
सितंबर 28, 2024 AT 22:28 अपराह्नबुमराह? ओह भाई... अब तो उनकी तारीफ करने के लिए लोग गाने भी बना रहे हैं 😂
पर हसन महमूद ने 5 विकेट लिए - और किसी ने उसकी तारीफ नहीं की 😒
अश्विन का शतक? वो तो रोज़ की बात है 😴
क्या हम बस एक आदमी के चारों ओर घूम रहे हैं? 🤦♀️
shweta zingade
सितंबर 29, 2024 AT 20:17 अपराह्नमैं बस एक आम ग्राहक हूँ - लेकिन बुमराह को देखकर मेरा दिल धड़क रहा है।
वो गेंद फेंकते हैं जैसे वो एक जादूगर हों - और उस जादू के बाद बल्लेबाज़ खड़े रह जाते हैं।
हसन महमूद ने भी बहुत अच्छा किया - लेकिन बुमराह ने तो मैच का रंग ही बदल दिया।
अश्विन का शतक? वो तो एक धमाका था - जैसे बरसात के बाद धूप निकल आए।
मैं इस मैच को देखकर रो पड़ी - क्योंकि मैंने देखा कि एक आदमी अपनी मेहनत से दुनिया को बदल सकता है।
अगर आप भी एक बार बुमराह की गेंदबाजी देख लें, तो आप भी कहेंगे - ये तो देवता हैं।
और हाँ, दूसरा टेस्ट कानपुर में होगा - मैं उसे जीवित देखने के लिए तैयार हूँ।
क्योंकि जब बुमराह गेंद फेंकते हैं - तो समय रुक जाता है।
Pooja Nagraj
सितंबर 30, 2024 AT 20:24 अपराह्नबुमराह को एक देवता बनाना भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है - जैसे शिव को नटराज कहना।
लेकिन क्या यह सचमुच खेल की शक्ति है, या केवल एक राष्ट्रीय अहंकार का अभिव्यक्ति?
हसन महमूद के 5 विकेट को अनदेखा करना - यह न्याय का अभाव है।
और अश्विन का शतक? वह एक अंतर्दृष्टि है - एक बुद्धिजीवी का अभिनय।
क्रिकेट एक खेल है, लेकिन हम इसे एक धर्म बना रहे हैं - जिसमें अनुशासन, श्रद्धा और अपमान का समावेश है।
बुमराह के बिना भारतीय क्रिकेट अधूरा है - लेकिन क्या वह अकेला ही सारा भारतीय क्रिकेट है?
हम अपने आप को एक बड़े ब्रांड के लिए बेच रहे हैं - और इसकी कीमत हमें अपनी आलोचनात्मक सोच के साथ चुकानी होगी।
Anuja Kadam
अक्तूबर 2, 2024 AT 05:56 पूर्वाह्नबुमराह अच्छा है पर बहुत तारीफ हो रही है - और हसन महमूद के बारे में कम ही बात हो रही है 😅
Pradeep Yellumahanti
अक्तूबर 3, 2024 AT 01:41 पूर्वाह्नअरे भाई, बुमराह की गेंदबाजी तो बस एक अमेरिकी फिल्म की तरह है - ड्रामा, लाइटिंग, और एक अच्छा बैकग्राउंड स्कोर।
हसन महमूद ने 5 विकेट लिए - और उसकी तारीफ करने वाले कितने हैं? एक भी नहीं।
अश्विन का शतक? वो तो बस एक रोज़मर्रा की बात है - जैसे चाय पीना।
हम एक खिलाड़ी के लिए एक फेस्टिवल बना रहे हैं - जबकि दुनिया में कई और खिलाड़ी हैं जो बिना ट्रेंड के खेल रहे हैं।
भारतीय क्रिकेट अब एक ब्रांड है - और बुमराह उसका लोगो है।
क्या आपने कभी सोचा - क्या अगर बुमराह नहीं होते, तो आज ये बातें होतीं?