इयान हीली ने कोनली की गैर‑जिम्मेदार बल्लेबाज़ी पर की कड़ी फटकार
23 अक्तूबर 2025

जब इयान हीली, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेट‑कीपर, ने कोपर कॉनली की नौ बॉल की डक पर अपनी नाराज़गी जताई, तो यह बात सिर्फ एक खिलाड़ी की गलती नहीं, बल्कि एक पूरी चयन‑नीति की कमी को उजागर कर रही थी। यह सब ICC Champions Trophy 2025 के सेमी‑फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के भारत के खिलाफ 5 मार्च, 2025 को हुए हार के बाद सामने आया। भारत ने 264 रन का लक्ष्य चार विकेट बचाकर 11 गेंदों में हासिल किया, जबकि ऑस्ट्रेलिया 264 का स्कोर बनाकर बाहर हो गया।

सेमी‑फ़ाइनल की कहानी

मैच का वॉटर‑क्लॉक तेज़ रहा, लेकिन पिच धीमी और ठंडी थी। ट्रैविस हेड ने अपनी बल्लेबाज़ी में गेंद के रफ़्तार को देखते हुए साथी को संकेत देने की कोशिश की, फिर भी कोपर कॉनली ने वही नहीं किया। केवल नौ गेंदों में वह बिना किसी रन के बाहर हो गया, जिसके बाद भारत ने मोहमद शमी की तेज़ गेंदों का फायदा उठाते हुए 3/48 के आंकड़े बनाए।

कॉनली का चयन – एक जोखिम भरी चाल

कोनली, 21‑वर्षीय पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के उभरते सितारे, को क्रिकट ऑस्ट्रेलिया ने मैट शॉर्ट के इन्ज़ूरी के बाद हड़बड़ी में टीम में जोड़ दिया। बुनियादी रूप से वह एक ऑल‑राउंडर है, लेकिन इस मैच में वह ओपनर के तौर पर भेजा गया, जबकि जेक फ्रेज़र‑मैगर्क जैसे अनुभवी ओपनर उपलब्ध थे। फ्रेज़र‑मैगर्क का लिस्ट‑ए औसत 32.17 है, जबकि कोनली का सिर्फ 24.89 है – यही अंतर कई विश्लेषकों ने चयन के बाद सवाल बना दिया।

इयान हीली की कड़ी टिप्पणी

सैनक ब्रेकफास्ट रेडियो पर इयान हीली ने कहा: "मैं बहुत गुस्सा हो गया। ट्रैविस हेड वीकलेट को बहुत धीरे बताने की कोशिश कर रहा था, लेकिन कॉनली बस बेतहाशा स्विंग कर रहा था। उस पिच पर तुम्हें बॉल को चलाकर खेलना चाहिए, नहीं कि बेतहाशा शॉट मारना।" उन्होंने आगे बताया कि कॉनली ने पहला आठ बॉल बिल्कुल भी देखे नहीं, केवल नौवें बॉल में वह बॉल को निचोड़ता हुआ निकड़ गया। उनका कहना था कि उसका फुटवर्क गायब था, शॉट सेलेक्सन खराब थी, और सबसे बुरी बात – "उसका सिर उस गैप को देख रहा था जहाँ उसे बॉल जाने की उम्मीद थी, बॉल को नहीं।"

टीम की प्रतिक्रिया और आगे का सफर

टीम की प्रतिक्रिया और आगे का सफर

कैप्टन पैट कमिंस ने मैच के बाद अपने सोशल मीडिया पर कहा: "हर खिलाड़ी का अपना रोल होता है, लेकिन इस स्तर पर हमें सामंजस्य बनाना पड़ता है।" हेड कोर कोच एंड्रू मैकडॉनल्ड ने भी कहा कि "तीन-आधा घंटे का कड़ी मेहनत आगे थी, और हम उसे सही तरीके से नहीं लागू कर पाए।" चयन समिति के चेयरमैन जॉर्ज बैली ने बाद में कहा कि "डायनमिक प्लेयर की जरूरत थी, पर शायद हमने अनुभव को पर्याप्त महत्व नहीं दिया।"

भविष्य की संभावनाएँ

ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की है कि सीमित‑ओवर इंटरनैशनल्स को अस्थायी रूप से कैलेंडर से हटा दिया जाएगा, जिससे युवा खिलाड़ियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच कम हो रहा है। इस बीच, फ्रेज़र‑मैगर्क IPL की ओर लौट रहे हैं, जबकि कोनली का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है। भारत कॉनक्लेव में अगली बार न्यूज़ीलैंड या दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में मिलेगा – यह तय करना होगा कि इसी तरह की गलती फिर दोबारा न हो।

मुख्य तथ्य

मुख्य तथ्य

  • ऑस्ट्रेलिया 264/10, भारत 268/6 – 5 मार्च, 2025
  • कोनली ने नौ बॉल में डक किया, शमी ने 3/48 लिये
  • हीली ने चयन‑नीति पर कड़ी आलोचना की
  • आगामी फाइनल में भारत के पास दक्षिण अफ्रीका या न्यूज़ीलैंड होगी

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कोनली को ओपनर बनाकर क्यों चुना गया?

क्रिकट ऑस्ट्रेलिया ने मैट शॉर्ट की चोट के कारण अचानक जगह भरी, और कोनली की ऑल‑राउंड क्षमताओं को देखते हुए उन्होंने उसे जल्दी‑जल्दी ओपनर के तौर पर भेजा। लेकिन उसकी लिस्ट‑ए औसत और पिच की धीमी गति को देखते हुए यह निर्णय विवादास्पद रहा।

इयान हीली ने अपनी टिप्पणी में क्या प्रमुख बिंदु बताए?

हीली ने कहा कि कॉनली का फुटवर्क नहीं था, शॉट सेलेक्सन खराब थी, और सबसे बड़ी समस्या यह थी कि वह बॉल को देखे बिना जोन देखकर स्विंग कर रहा था। उन्होंने इसे ‘reckless’ और ‘अविचारित’ कहा।

ऑस्ट्रेलिया के कोच एंड्रू मैकडॉनल्ड की प्रतिक्रिया क्या थी?

मैकडॉनल्ड ने बताया कि सेमी‑फ़ाइनल में तीन‑आधा घंटे का कड़ा काम था, लेकिन टीम ने सही तरीके से नहीं खेला। उन्होंने चयन समिति को भी इस पहलू पर पुनर्विचार करने का कहा।

आगामी फाइनल में भारत को किस टीम का सामना करना पड़ेगा?

भारत का फाइनल में मिलने वाला प्रतिद्वंद्वी अभी तय नहीं हुआ है; यह तय होगा कि दक्षिण अफ्रीका या न्यूज़ीलैंड में से कौन जीतता है। मैच 9 मार्च, 2025 को खेलेगा।

सीमित‑ओवर क्रिकेट को हटाने का असर टीम पर कैसे पड़ेगा?

ऑस्ट्रेलिया का यह कदम युवा खिलाड़ियों के अंतर्राष्ट्रीय exposure को घटा देगा, जिससे उनके विकास पर प्रभाव पड़ेगा। साथ ही चयन प्रक्रिया में दबाव बढ़ेगा, क्योंकि सीमित‑ओवर फ़ॉर्मेट में प्रदर्शन अब कम ही देखा जाएगा।