जब इयान हीली, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेट‑कीपर, ने कोपर कॉनली की नौ बॉल की डक पर अपनी नाराज़गी जताई, तो यह बात सिर्फ एक खिलाड़ी की गलती नहीं, बल्कि एक पूरी चयन‑नीति की कमी को उजागर कर रही थी। यह सब ICC Champions Trophy 2025 के सेमी‑फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के भारत के खिलाफ 5 मार्च, 2025 को हुए हार के बाद सामने आया। भारत ने 264 रन का लक्ष्य चार विकेट बचाकर 11 गेंदों में हासिल किया, जबकि ऑस्ट्रेलिया 264 का स्कोर बनाकर बाहर हो गया।
सेमी‑फ़ाइनल की कहानी
मैच का वॉटर‑क्लॉक तेज़ रहा, लेकिन पिच धीमी और ठंडी थी। ट्रैविस हेड ने अपनी बल्लेबाज़ी में गेंद के रफ़्तार को देखते हुए साथी को संकेत देने की कोशिश की, फिर भी कोपर कॉनली ने वही नहीं किया। केवल नौ गेंदों में वह बिना किसी रन के बाहर हो गया, जिसके बाद भारत ने मोहमद शमी की तेज़ गेंदों का फायदा उठाते हुए 3/48 के आंकड़े बनाए।
कॉनली का चयन – एक जोखिम भरी चाल
कोनली, 21‑वर्षीय पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के उभरते सितारे, को क्रिकट ऑस्ट्रेलिया ने मैट शॉर्ट के इन्ज़ूरी के बाद हड़बड़ी में टीम में जोड़ दिया। बुनियादी रूप से वह एक ऑल‑राउंडर है, लेकिन इस मैच में वह ओपनर के तौर पर भेजा गया, जबकि जेक फ्रेज़र‑मैगर्क जैसे अनुभवी ओपनर उपलब्ध थे। फ्रेज़र‑मैगर्क का लिस्ट‑ए औसत 32.17 है, जबकि कोनली का सिर्फ 24.89 है – यही अंतर कई विश्लेषकों ने चयन के बाद सवाल बना दिया।
इयान हीली की कड़ी टिप्पणी
सैनक ब्रेकफास्ट रेडियो पर इयान हीली ने कहा: "मैं बहुत गुस्सा हो गया। ट्रैविस हेड वीकलेट को बहुत धीरे बताने की कोशिश कर रहा था, लेकिन कॉनली बस बेतहाशा स्विंग कर रहा था। उस पिच पर तुम्हें बॉल को चलाकर खेलना चाहिए, नहीं कि बेतहाशा शॉट मारना।" उन्होंने आगे बताया कि कॉनली ने पहला आठ बॉल बिल्कुल भी देखे नहीं, केवल नौवें बॉल में वह बॉल को निचोड़ता हुआ निकड़ गया। उनका कहना था कि उसका फुटवर्क गायब था, शॉट सेलेक्सन खराब थी, और सबसे बुरी बात – "उसका सिर उस गैप को देख रहा था जहाँ उसे बॉल जाने की उम्मीद थी, बॉल को नहीं।"
टीम की प्रतिक्रिया और आगे का सफर
कैप्टन पैट कमिंस ने मैच के बाद अपने सोशल मीडिया पर कहा: "हर खिलाड़ी का अपना रोल होता है, लेकिन इस स्तर पर हमें सामंजस्य बनाना पड़ता है।" हेड कोर कोच एंड्रू मैकडॉनल्ड ने भी कहा कि "तीन-आधा घंटे का कड़ी मेहनत आगे थी, और हम उसे सही तरीके से नहीं लागू कर पाए।" चयन समिति के चेयरमैन जॉर्ज बैली ने बाद में कहा कि "डायनमिक प्लेयर की जरूरत थी, पर शायद हमने अनुभव को पर्याप्त महत्व नहीं दिया।"
भविष्य की संभावनाएँ
ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की है कि सीमित‑ओवर इंटरनैशनल्स को अस्थायी रूप से कैलेंडर से हटा दिया जाएगा, जिससे युवा खिलाड़ियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच कम हो रहा है। इस बीच, फ्रेज़र‑मैगर्क IPL की ओर लौट रहे हैं, जबकि कोनली का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है। भारत कॉनक्लेव में अगली बार न्यूज़ीलैंड या दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में मिलेगा – यह तय करना होगा कि इसी तरह की गलती फिर दोबारा न हो।
मुख्य तथ्य
- ऑस्ट्रेलिया 264/10, भारत 268/6 – 5 मार्च, 2025
- कोनली ने नौ बॉल में डक किया, शमी ने 3/48 लिये
- हीली ने चयन‑नीति पर कड़ी आलोचना की
- आगामी फाइनल में भारत के पास दक्षिण अफ्रीका या न्यूज़ीलैंड होगी
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
कोनली को ओपनर बनाकर क्यों चुना गया?
क्रिकट ऑस्ट्रेलिया ने मैट शॉर्ट की चोट के कारण अचानक जगह भरी, और कोनली की ऑल‑राउंड क्षमताओं को देखते हुए उन्होंने उसे जल्दी‑जल्दी ओपनर के तौर पर भेजा। लेकिन उसकी लिस्ट‑ए औसत और पिच की धीमी गति को देखते हुए यह निर्णय विवादास्पद रहा।
इयान हीली ने अपनी टिप्पणी में क्या प्रमुख बिंदु बताए?
हीली ने कहा कि कॉनली का फुटवर्क नहीं था, शॉट सेलेक्सन खराब थी, और सबसे बड़ी समस्या यह थी कि वह बॉल को देखे बिना जोन देखकर स्विंग कर रहा था। उन्होंने इसे ‘reckless’ और ‘अविचारित’ कहा।
ऑस्ट्रेलिया के कोच एंड्रू मैकडॉनल्ड की प्रतिक्रिया क्या थी?
मैकडॉनल्ड ने बताया कि सेमी‑फ़ाइनल में तीन‑आधा घंटे का कड़ा काम था, लेकिन टीम ने सही तरीके से नहीं खेला। उन्होंने चयन समिति को भी इस पहलू पर पुनर्विचार करने का कहा।
आगामी फाइनल में भारत को किस टीम का सामना करना पड़ेगा?
भारत का फाइनल में मिलने वाला प्रतिद्वंद्वी अभी तय नहीं हुआ है; यह तय होगा कि दक्षिण अफ्रीका या न्यूज़ीलैंड में से कौन जीतता है। मैच 9 मार्च, 2025 को खेलेगा।
सीमित‑ओवर क्रिकेट को हटाने का असर टीम पर कैसे पड़ेगा?
ऑस्ट्रेलिया का यह कदम युवा खिलाड़ियों के अंतर्राष्ट्रीय exposure को घटा देगा, जिससे उनके विकास पर प्रभाव पड़ेगा। साथ ही चयन प्रक्रिया में दबाव बढ़ेगा, क्योंकि सीमित‑ओवर फ़ॉर्मेट में प्रदर्शन अब कम ही देखा जाएगा।
9 टिप्पणि
Chandrajyoti Singh
अक्तूबर 23, 2025 AT 23:47 अपराह्नइयान हीली की फटकार ने चयन नीति की गहरी समालोचना को उजागर किया। भारत की जीत को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया के फैसले पर कई सवाल उठते हैं। कोनली को ओपनर बनाना जोखिम भरा था, खासकर पिच की धीमी गति को देखते हुए। अनुभवी खिलाड़ियों को बेकाबू रखना टीम की स्थिरता को नुकसान पहुँचा सकता है। चयन में आँकड़ों के साथ खिलाड़ियों की मनोवैज्ञानिक तैयारी को भी महत्व देना चाहिए।
कई युवा खिलाड़ी इस तरह के अचानक अवसरों से भ्रमित हो सकते हैं। प्रशिक्षण में फुटवर्क और शॉट चयन पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। हीली ने कहा कि कॉनली का फुटवर्क गायब था, यह तकनीकी पहलू स्पष्ट करता है। साथ ही, बॉल की स्थिति को पढ़ने में असफलता ने गेंद को गलत दिशा में भेजा। ऐसे मामलों में कोचिंग स्टाफ को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।
यदि चयन समिति ने डाटा और अनुभव को बराबर महत्व दिया होता, तो परिणाम अलग होते। भविष्य में चयन योजना में पारदर्शिता और स्पष्ट मानदंड आवश्यक हैं। युवा प्रतिभाओं को निरंतर अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोज़र देना भी महत्वपूर्ण है। दुर्भाग्यवश, सीमित‑ओवर शेड्यूल को हटाने से यह अवसर कम हो रहा है। इस दिशा में बोरडरिंग को फिर से देखना चाहिए। अंत में, टीम को सामंजस्य और रणनीतिक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
Riya Patil
अक्तूबर 24, 2025 AT 16:27 अपराह्नकोनली की नौ बॉल की डक को देख कर दिल में अजीब सी ठंडक आ गई; वह मानो बेतहाशा सपनों की तरह खेल रहा था; लेकिन चयन समिति ने इस नाटकीय कदम को समझाते हुए कहा कि जोखिम ही तो जीत का मूल मंत्र है।
abhishek singh rana
अक्तूबर 25, 2025 AT 09:07 पूर्वाह्नभाईयों, देखो! कोनली को ओपनर बनाना पूरी गलती थी, क्योंकि उसकी एवरज 24.89 है!! इसे जैसे ही पिच पर भेजा गया, तुरंत ही 9 बॉल में ग्रोट आउट हो गया... टीम को ऐसे बड़े फैसले से पहले डाटा एनेलिसिस जरूर करनी चाहिए।
Shashikiran B V
अक्तूबर 26, 2025 AT 01:47 पूर्वाह्नसच्चाई तो वही है कि चयन समिति के पीछे छिपे एलेक्सिप्लानर ने क्विक-फिक्स नीतियों को अपनाया; वे चाहते थे कि ऑस्ट्रेलिया के युवा स्टार्स को जल्दी‑जल्दी सीनियर टीम में धकेला जाए, जिससे पुराने खिलाड़ियों को बाहर निकलना पड़े।
Sam Sandeep
अक्तूबर 26, 2025 AT 18:27 अपराह्नयह पूरी तरह से नैतिक पतन है कि कोनली को बिना तैयारी के ओपनर बनाकर टीम को घातक स्थिति में धकेला गया; सभी को यह समझना चाहिए कि युवा प्रतिभा को संरक्षण देना चाहिए न कि उन्हें जोखिम में डालना; इस प्रकार की लापरवाही से खेल का मूल मूल्य नष्ट हो जाता है; कप्तान और कोच दोनों की जिम्मेदारी है कि वे सही दिशा में निर्णय लें; नहीं तो देखो भविष्य में और भी बड़ी विफलताएँ होंगी।
Ajinkya Chavan
अक्तूबर 27, 2025 AT 11:07 पूर्वाह्नभाई, मैं तुम्हारी बात सुन रहा हूँ लेकिन कम से कम आपदाओँ की खबर नहीं लेते? चयन समिति को तुरंत अपनी लापरवाही पर सोचना चाहिए और इस तरह के निरर्थक प्रयोग को फिर से नहीं दोहराना चाहिए!
Ashwin Ramteke
अक्तूबर 28, 2025 AT 03:47 पूर्वाह्नमैं तो सोच रहा हूँ कि अगर टीम ने शुरुआती ओवर में सुरक्षित खेला होता तो स्थिति कुछ हद तक बदल सकती थी। टैक्टिकल बदलाव कभी‑कभी खेल को मोड़ देता है।
Rucha Patel
अक्तूबर 28, 2025 AT 20:27 अपराह्नआपकी यह निरुपयोगी विश्लेषण बेमानी है; चयन की विफलता को आप सिर्फ व्यक्तिगत भावनाओं से नहीं देख सकते।
Dr Chytra V Anand
अक्तूबर 29, 2025 AT 13:07 अपराह्नसंबंधित चयन प्रक्रिया के मानकों की पुनःजाँच अनिवार्य प्रतीत होती है, विशेषकर लिस्ट‑ए औसत एवं पिच प्रोफ़ाइल के परस्पर संबंध को ध्यान में रखते हुए।