विवाद का प्रसंग
21 सितम्बर को दुबई में एशिया कप 2025 के सुपर फोर मैच में हरिस रौफ़ ने अपने बॉलिंग के दौरान कई ऐसे इशारे किए जो तुरंत ही नेटरों और आधिकारिक निकायों के लिए विवाद का कारण बने। भारतीय दर्शकों ने "कोहली, कोहली" की ध्वनि के साथ रौफ़ की गति पर सवाल उठाए, जबकि वह खुद भी झुंड को उत्तेजित करने के लिये हवाई जहाज़ गिराने का इशारा करता रहा। यह इशारा कई लोगों ने भारत की सैन्य कार्रवाइयों का मज़ाक माना।
इसी के साथ रौफ़ ने शुबमन गिल और अभिषेक शर्मा, दोनों भारतीय ओपनर्स, के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उनकी बॉलिंग के बाद दोनों बल्लेबाज़ों ने शांति से खेलते हुए टीम को स्थिरता प्रदान की, पर यह अभिप्राय ICC के नियमों के अनुकूल नहीं था।
रौफ़ के साथ ही टीम मेम्बर साहिबजादा फर्हान ने भी बटन को मशीन‑गन में बदलते हुए जाँच‑जांच के इशारे किए, जिससे और भी अधिक विवाद उत्पन्न हुआ। इस दृश्य को स्टेडियम में मौजूद कैमरों ने स्पष्ट रूप से कैप्चर किया था और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
भविष्य के नतीजे और संभावनाएँ
BCCI ने इन घटनाओं को लेकर ICC को औपचारिक शिकायत भेजी। शिकायत में स्पष्ट रूप से रौफ़ और फर्हान के इशारों को आपत्तिजनक और खेल के मूल मूल्यों के खिलाफ बताया गया। इसके बाद 26 सितम्बर को ICC के डिसिप्लिनरी कमिटी ने इस मुद्दे पर सुनवाई का समय तय किया, ठीक उसी दिन जब भारत‑पाकिस्तान के बीच फाइनल मुकाबला होने वाला था।
जो रिपोर्ट्स सामने आई हैं, उनके अनुसार रौफ़ को एक मैच से लेकर कई मैचों तक की प्रतिबंधित सजा मिलने की संभावना जताई जा रही है। साथ ही, भारतीय कप्तान सूर्यमुखर यादव को भी एक वार्निंग जारी की गई है, हालांकि इसका कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है।
यदि रौफ़ पर सजा लागू होती है, तो पाकिस्तान की टीम को अपनी बॉलिंग स्ट्रैटेजी में पुनः विचार करना पड़ेगा। रौफ़ का अभाव टीम के इन्किंग विकल्पों को सीमित करेगा और इस वजह से वे विश्व कप के अंतिम चरण में अपनी मौजूदा फॉर्म को बनाए रखने में कठिनाई का सामना कर सकते हैं।
वहीं, इस पूरे विवाद ने भारत‑पाकिस्तान का रिश्ता और भी जटिल बना दिया है। कई खेल प्रेमी और विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया है कि खेल को राजनीति से अलग रखा जाए, परंतु दोनों देशों के बोर्डों के बीच तनाव पहले ही बढ़ रहा है। इस बीच, फैंस के बीच भी बैन या ट्रेडिशनल मैच को लेकर बहस चल रही है—कुछ इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे, तो कुछ इसे खेल के रोमांच का हिस्सा मानते हैं।
आखिरकार, दुबई में फाइनल का मौका अभी भी है, और दोनों पक्ष इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि क्या इस विवाद के बावजूद मैच का माहौल शुद्ध खेल पर निर्भर रहेगा। बॉलिंग के फैसलों, एथलेटिक परफॉर्मेंस और टीम की मानसिक तैयारियाँ इस फाइनल को तय करने वाले प्रमुख तत्व बने रहेंगे।
20 टिप्पणि
Vishakha Shelar
सितंबर 28, 2025 AT 14:58 अपराह्नये सब बकवास बंद करो अब! 😤
Ayush Sharma
सितंबर 29, 2025 AT 08:54 पूर्वाह्नइस तरह के व्यवहार को खेल के विकास के लिए नहीं, बल्कि खेल के नैतिक मूल्यों के लिए समझना चाहिए।
charan j
सितंबर 29, 2025 AT 11:08 पूर्वाह्नरौफ़ को बैन कर दो और चले जाओ
Kotni Sachin
सितंबर 30, 2025 AT 07:54 पूर्वाह्नये जो हो रहा है, ये सिर्फ एक मैच का मुद्दा नहीं है... ये तो खेल की आत्मा का सवाल है। हम खेल को राजनीति के बीच नहीं फंसने देना चाहिए। हर इशारा, हर शब्द, हर भावना... ये सब बच्चों के लिए संदेश बन जाता है। क्या हम उन्हें घृणा सिखाना चाहते हैं? क्या हम उन्हें बलात्कार की नकल करने का अवसर देना चाहते हैं? नहीं। हमें शांति, सम्मान और सहिष्णुता का उदाहरण देना चाहिए। खेल तो एकता का माध्यम है, न कि विभाजन का।
Nathan Allano
अक्तूबर 2, 2025 AT 01:14 पूर्वाह्नमैं समझता हूँ कि भावनाएँ उबल रही हैं, लेकिन ये इशारे असल में बहुत खतरनाक हैं। ये केवल एक खिलाड़ी की गलती नहीं, बल्कि एक पूरे संस्कृति की तरफ से भेजा गया संदेश है। हमें इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
Guru s20
अक्तूबर 2, 2025 AT 05:35 पूर्वाह्नहम सब इसे एक खेल के रूप में देखना चाहिए, न कि एक युद्ध के रूप में। ये दोनों टीमें बहुत अच्छी हैं, इसलिए इन चीजों को छोड़ दें।
Raj Kamal
अक्तूबर 2, 2025 AT 12:09 अपराह्नमैंने देखा कि रौफ़ ने जो इशारा किया वो असल में किसी जहाज़ को गिराने का नहीं बल्कि किसी बारिश के बाद उड़ते हुए पत्तों का इशारा था, लेकिन मीडिया ने इसे गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। और हाँ, गिल और शर्मा के साथ जो बात हुई वो भी शायद बहुत ज़्यादा नहीं थी, लेकिन अभी तक कोई ऑडियो नहीं मिला है तो ये सब अफवाह है।
Rahul Raipurkar
अक्तूबर 2, 2025 AT 15:47 अपराह्नखेल के बाहर की राजनीति को खेल में घुसाना एक अस्थायी जीत है, लेकिन एक स्थायी हार।
PK Bhardwaj
अक्तूबर 3, 2025 AT 09:36 पूर्वाह्नयहाँ वास्तविक समस्या यह है कि खेल के अंदर एक असंगठित भावनात्मक लैंडस्केप बन गया है, जिसमें विवादास्पद व्यवहार अब एक सामाजिक नियम बन चुका है। इसका उत्तर केवल नियमों से नहीं, बल्कि एक नए नैतिक ढांचे से हो सकता है।
Soumita Banerjee
अक्तूबर 3, 2025 AT 11:06 पूर्वाह्नये सब बहुत बच्चों जैसा है। असली खिलाड़ी तो अपनी बॉलिंग से बात करते हैं, न कि इशारों से।
Navneet Raj
अक्तूबर 3, 2025 AT 20:49 अपराह्नये विवाद टीम के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है। अगर वे इसे सही तरीके से संभालते हैं, तो ये उनकी आत्म-जागरूकता और नैतिक विकास का परीक्षण हो सकता है।
Neel Shah
अक्तूबर 4, 2025 AT 19:30 अपराह्नअगर ये इशारे गलत हैं तो कोहली के नाम के साथ गाने क्या हैं? 😏 और भारतीय फैंस क्यों इतने नाराज़ हैं? क्या वो खुद नहीं चाहते कि खेल में ज्यादा भावनाएँ हों? 🤔
shweta zingade
अक्तूबर 5, 2025 AT 13:07 अपराह्नहम इसे एक खेल के रूप में नहीं, बल्कि एक जीवन के रूप में देखना चाहिए। हर इशारा एक संदेश है। हर शब्द एक चेतावनी है। हमें इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। हमें इसे बदलना चाहिए। अगर नहीं तो ये खेल बस एक नाटक बन जाएगा।
Pooja Nagraj
अक्तूबर 5, 2025 AT 21:37 अपराह्नयह तो बस एक औपचारिकता का झूठ है। खेल का असली मनोविज्ञान तो इन इशारों में छिपा है - जो अभी तक किसी ने नहीं समझा।
Anuja Kadam
अक्तूबर 6, 2025 AT 08:19 पूर्वाह्नक्या ये सब ज़रूरी था? बस एक बॉल फेंको और चुप रहो।
Pradeep Yellumahanti
अक्तूबर 6, 2025 AT 21:47 अपराह्नहम भारत में इतने ज्यादा भावुक क्यों हो जाते हैं? पाकिस्तान के खिलाफ हर मैच को हम एक युद्ध में बदल देते हैं। लेकिन अगर ये खेल है तो इसे खेलने दो।
Shalini Thakrar
अक्तूबर 8, 2025 AT 06:58 पूर्वाह्नखेल का मनोविज्ञान अक्सर उस बात को छिपाता है जो हम देखना नहीं चाहते। ये इशारे बस एक अंतर्दृष्टि हैं - कि हम अभी भी एक विभाजित समाज में रहते हैं। 🌸
pk McVicker
अक्तूबर 8, 2025 AT 13:04 अपराह्नबैन कर दो और भूल जाओ
Laura Balparamar
अक्तूबर 9, 2025 AT 22:20 अपराह्नये इशारे गलत हैं, लेकिन भारतीय फैंस भी बहुत ज्यादा चिल्ला रहे हैं। दोनों तरफ इसी तरह का व्यवहार है। अब ये सब बंद करो।
Shivam Singh
अक्तूबर 11, 2025 AT 03:08 पूर्वाह्नमैंने देखा था कि रौफ़ ने बस एक चिड़िया को उड़ते हुए देखा था... लेकिन फिर भी मैं नहीं जानता कि क्या वो इशारा कर रहा था 😅