हरिस रौफ़ को ICC की संभावित सजा: भारत‑पाकिस्तान एशिया कप 2025 में विवाद ने बढ़ाई गर्मी
27 सितंबर 2025

विवाद का प्रसंग

21 सितम्बर को दुबई में एशिया कप 2025 के सुपर फोर मैच में हरिस रौफ़ ने अपने बॉलिंग के दौरान कई ऐसे इशारे किए जो तुरंत ही नेटरों और आधिकारिक निकायों के लिए विवाद का कारण बने। भारतीय दर्शकों ने "कोहली, कोहली" की ध्वनि के साथ रौफ़ की गति पर सवाल उठाए, जबकि वह खुद भी झुंड को उत्तेजित करने के लिये हवाई जहाज़ गिराने का इशारा करता रहा। यह इशारा कई लोगों ने भारत की सैन्य कार्रवाइयों का मज़ाक माना।

इसी के साथ रौफ़ ने शुबमन गिल और अभिषेक शर्मा, दोनों भारतीय ओपनर्स, के प्रति अभद्र भाषा का प्रयोग किया। उनकी बॉलिंग के बाद दोनों बल्लेबाज़ों ने शांति से खेलते हुए टीम को स्थिरता प्रदान की, पर यह अभिप्राय ICC के नियमों के अनुकूल नहीं था।

रौफ़ के साथ ही टीम मेम्बर साहिबजादा फर्हान ने भी बटन को मशीन‑गन में बदलते हुए जाँच‑जांच के इशारे किए, जिससे और भी अधिक विवाद उत्पन्न हुआ। इस दृश्य को स्टेडियम में मौजूद कैमरों ने स्पष्ट रूप से कैप्चर किया था और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

भविष्य के नतीजे और संभावनाएँ

भविष्य के नतीजे और संभावनाएँ

BCCI ने इन घटनाओं को लेकर ICC को औपचारिक शिकायत भेजी। शिकायत में स्पष्ट रूप से रौफ़ और फर्हान के इशारों को आपत्तिजनक और खेल के मूल मूल्यों के खिलाफ बताया गया। इसके बाद 26 सितम्बर को ICC के डिसिप्लिनरी कमिटी ने इस मुद्दे पर सुनवाई का समय तय किया, ठीक उसी दिन जब भारत‑पाकिस्तान के बीच फाइनल मुकाबला होने वाला था।

जो रिपोर्ट्स सामने आई हैं, उनके अनुसार रौफ़ को एक मैच से लेकर कई मैचों तक की प्रतिबंधित सजा मिलने की संभावना जताई जा रही है। साथ ही, भारतीय कप्तान सूर्यमुखर यादव को भी एक वार्निंग जारी की गई है, हालांकि इसका कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है।

यदि रौफ़ पर सजा लागू होती है, तो पाकिस्तान की टीम को अपनी बॉलिंग स्ट्रैटेजी में पुनः विचार करना पड़ेगा। रौफ़ का अभाव टीम के इन्किंग विकल्पों को सीमित करेगा और इस वजह से वे विश्व कप के अंतिम चरण में अपनी मौजूदा फॉर्म को बनाए रखने में कठिनाई का सामना कर सकते हैं।

वहीं, इस पूरे विवाद ने भारत‑पाकिस्तान का रिश्ता और भी जटिल बना दिया है। कई खेल प्रेमी और विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया है कि खेल को राजनीति से अलग रखा जाए, परंतु दोनों देशों के बोर्डों के बीच तनाव पहले ही बढ़ रहा है। इस बीच, फैंस के बीच भी बैन या ट्रेडिशनल मैच को लेकर बहस चल रही है—कुछ इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे, तो कुछ इसे खेल के रोमांच का हिस्सा मानते हैं।

आखिरकार, दुबई में फाइनल का मौका अभी भी है, और दोनों पक्ष इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि क्या इस विवाद के बावजूद मैच का माहौल शुद्ध खेल पर निर्भर रहेगा। बॉलिंग के फैसलों, एथलेटिक परफॉर्मेंस और टीम की मानसिक तैयारियाँ इस फाइनल को तय करने वाले प्रमुख तत्व बने रहेंगे।