हरभजन सिंह ने भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन की तारीफ की
पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने पेरिस ओलंपिक में जर्मनी के खिलाफ दूसरी सेमीफाइनल में भारतीय पुरुष हॉकी टीम के प्रदर्शन की जमकर सराहना की। भारतीय टीम ने बहुत साहस दिखाया और पूरे मैच में अंतिम सांस तक संघर्ष किया। हालांकि परिणाम उनकी आशाओं के अनुकूल नहीं रहा और वे 2-3 से हार गए, फिर भी हरभजन ने टीम की हिम्मत की तारीफ की।
मुकाबले का संक्षेप
मैच का आरंभ बहुत ही तीव्र और प्रतिस्पर्धात्मक था। भारतीय खिलाड़ियों ने शुरुआती मिनटों में शानदार खेल दिखाया और जर्मनी की टीम पर दबाव बनाए रखा। हरमनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह ने भारतीय टीम के लिए जोरदार गोल किए, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
दूसरी ओर, जर्मनी की टीम ने भी बेहतरीन खेल दिखाया और गोंजालो पेलिएट, क्रिस्टोफर रुहर और मार्को मिल्टकाउ ने अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण गोल किए। मैच में उत्साह और तन्यता चरम पर थी, और दोनों टीमें लड़ते-लड़ते 2-2 की बराबरी पर आ गईं। परंतु, अंतिम क्वार्टर में मार्को मिल्टकाउ के निर्णायक गोल ने जर्मनी को फाइनल में पहुंचा दिया।
भविष्य के लिए आश्वासन
हरभजन सिंह ने अपने ट्वीट में भारतीय टीम की प्रशंसा की और उन्हें गर्व का अनुभव किया। उन्होंने लिखा कि टीम ने पूरी प्रतियोगिता के दौरान चैंपियंस की तरह खेला और अंतिम क्षण तक हार नहीं मानी। उन्होंने टीम को अगली ब्रॉन्ज मेडल मैच के लिए शुभकामनाएँ दीं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस अवसर पर पीछे नहीं रहे। उन्होंने टीम को उनकी निरंतरता और संगठित खेल के लिए बधाई दी और स्पेन के खिलाफ होने वाले ब्रॉन्ज मेडल मैच के लिए सफलता की कामना की।
भारतीय टीम का जुझारूपन
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पूरे मैच में लगातार हमले किए और जर्मनी की डिफेंस को कोने-कोने तक धकेला। भारतीय टीम ने कई पेनल्टी कॉर्नर भी हासिल किए, जो उनकी आक्रामकता और जुझारूपन का स्पष्ट संकेत थे। हालांकि, गोल में कन्वर्ट करना थोड़ा कठिन सिद्ध हुआ।
जर्मनी के गोलकीपर ने शानदार प्रदर्शन दिया और भारतीय खिलाड़ियों की कोशिशों को बार-बार नाकाम किया। फिर भी, टीम के प्रयासों ने फैंस और समर्थकों को गर्व का अनुभव कराया। टीम के कोच और सपोर्ट स्टाफ ने भी खिलाड़ियों की मेहनत और आत्मविश्वास को देखते हुए उन्हें आगामी मैचों के लिए प्रेरित किया।
समापन विचार
अंततः यह कहना उपयुक्त रहेगा कि परिणाम अभिव्यक्त करता है लेकिन प्रयास और समर्पण की हमें हमेशा सराहना करनी चाहिए। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में जो प्रदर्शन दिखाया है, वह भविष्य के लिए आशाजनक है। भले ही वे इस मैच को जीत नहीं सके, लेकिन उनकी मेहनत ने लाखों दिलों को जीता। हमें यकीन है कि आगामी मैचों और टूर्नामेंटों में यह टीम और भी बेहतर प्रदर्शन करेगी और अपने देश का नाम रोशन करेगी।
14 टिप्पणि
Vikas Rajpurohit
अगस्त 8, 2024 AT 10:30 पूर्वाह्नये टीम तो बस गोल नहीं कर पा रही थी बल्कि गोल करने के लिए भी नहीं जा रही थी! 😒 जर्मनी के गोलकीपर ने तो ऐसा बचाव किया जैसे वो एक एलियन हो! 🤖🔥
Nandini Rawal
अगस्त 10, 2024 AT 07:25 पूर्वाह्नइतनी मेहनत के बाद हार गए तो भी गर्व होता है। ब्रॉन्ज के लिए जीत लेना होगा।
Himanshu Tyagi
अगस्त 11, 2024 AT 21:53 अपराह्नमैच का अंतिम क्वार्टर देखकर लगा जैसे भारत ने खेल का नियम ही बदल दिया हो। जर्मनी ने बस एक अच्छा गोल लगा दिया, वरना ये टीम तो चैंपियंस लेवल पर थी।
Shailendra Soni
अगस्त 12, 2024 AT 12:28 अपराह्नक्या कोई बता सकता है कि इतने पेनल्टी कॉर्नर के बाद भी गोल नहीं हुआ? क्या ट्रेनिंग में कुछ गड़बड़ है? 🤔
Sujit Ghosh
अगस्त 12, 2024 AT 18:04 अपराह्नअरे ये टीम तो बस अपने आप को ही बढ़ा रही है! जर्मनी ने तो बस एक बार गोल किया और बाकी सब भारत ने किया! अगर हमारे खिलाड़ी थोड़ा भी जुनून लाते तो जीत जाते! 😤
sandhya jain
अगस्त 13, 2024 AT 07:44 पूर्वाह्नहर खिलाड़ी जो इस मैच में उतरा, उसने अपने दिल का हिस्सा दे दिया। ये बस एक मैच नहीं, ये तो एक जीवन की कहानी है। हार तो आती है, लेकिन इतनी जुनून से खेलने वाली टीम कभी नहीं हारती। ये टीम भारत की आत्मा है। ब्रॉन्ज के लिए भी वैसे ही लड़ेंगे। और जीतेंगे।
Anupam Sood
अगस्त 13, 2024 AT 16:47 अपराह्नये टीम तो बस दिखावा कर रही है... असली टीम तो बाहर खेल रही होगी... ये तो फिल्मी खेल है 😴
Shriya Prasad
अगस्त 14, 2024 AT 01:04 पूर्वाह्नबहुत अच्छा खेल था। ब्रॉन्ज के लिए जीत जाएगी।
Balaji T
अगस्त 15, 2024 AT 23:50 अपराह्नइस प्रदर्शन को आधिकारिक रूप से एक अनुभवी खेल के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए, जिसमें आंकड़ों के आधार पर अत्यधिक व्यवस्थित रणनीति की कमी दिखाई देती है।
Nishu Sharma
अगस्त 17, 2024 AT 05:14 पूर्वाह्नमैंने देखा कि हरमनप्रीत सिंह ने जो गोल किया वो बिल्कुल टाइमिंग थी और सुखजीत का ड्रिबल तो बस फिल्म जैसा लगा और गोलकीपर ने जो बचाव किया वो तो बस जादू था और अंत में जब मिल्टकाउ ने गोल किया तो मुझे लगा जैसे सब कुछ रुक गया और फिर जब गेम खत्म हुआ तो मैं बस रो पड़ी क्योंकि मैं जानती थी कि ये टीम अगली बार जीतेगी बस थोड़ा और अच्छा ट्रेनिंग चाहिए और थोड़ा और विश्वास
Shraddha Tomar
अगस्त 18, 2024 AT 01:42 पूर्वाह्नमैच में जो एनर्जी थी वो तो बस एक वाइब्रेशन थी... जैसे हमारे जीवन का भी यही हाल है... जीत या हार नहीं, बल्कि खेलने का जुनून असली जीत है। ब्रॉन्ज के लिए भी यही वाइब्रेशन लेकर जाएंगे। 🌱
Priya Kanodia
अगस्त 19, 2024 AT 18:52 अपराह्नक्या आपने देखा कि जर्मनी के खिलाड़ियों के पीछे अमेरिकी स्पाई थे? वो गोलकीपर तो बस एक AI था... और भारत के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग में भी जहर दिया गया था... ये सब एक कंस्पिरेसी है...
Darshan kumawat
अगस्त 19, 2024 AT 19:54 अपराह्नहरभजन का ट्वीट तो बस एक फेक न्यूज़ है। असली मैच तो चीन के खिलाफ हुआ था।
Manjit Kaur
अगस्त 21, 2024 AT 11:36 पूर्वाह्नखेल तो खेल है। जीत या हार नहीं, बस खेलना जरूरी है।