बाबा सिद्दीकी हत्या मामला: बेटे जीशान ने पिता के निधन के बाद साझा की जानकारी, अंतिम संस्कार की घोषणा
14 अक्तूबर 2024

बाबा सिद्दीकी की हत्या से मची खलबली

मुंबई के बांद्रा इलाके में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की बेरहमी से हत्या ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। यह घटना उस समय घटित हुई जब तीन अज्ञात हमलावरों ने उनके ऊपर गोलीबारी कर दी। यह हत्या भारतीय राजनीति में एक गंभीर सुरक्षा चुनौती के रूप में सामने आई है। सिद्दीकी की हत्या के बाद उनकी मृत्यु पर उनके समर्थकों और प्रियजनों में गहरा शोक व्याप्त है। वहीं इस मामले में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

जीशान सिद्दीकी का भावुक संदेश

जीशान सिद्दीकी का भावुक संदेश

अपने पिता की हत्या के बाद जीशान सिद्दीकी ने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने पिता के अंतिम संस्कार की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रविवार को उनके पिता का अंतिम संस्कार बड़ा कब्रिस्तान, मरीन लाइन्स स्टेशन के विपरीत स्थित स्थान पर रात 8:30 बजे किया जाएगा। नमाज़-ए-जनाज़ा शाम 7 बजे मगरीब नमाज़ के बाद मौलाना हाइट्स, बांद्रा में होगा। उन्होंने अपने पिता के लिए दुआएं करने की अपील की।

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बाबा सिद्दीकी के सम्मान में उनके अंतिम संस्कार के लिए राज्य सम्मान का प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। बाबा सिद्दीकी अपनी राजनीतिक यात्रा में महत्वपूर्ण पदों पर रहे थे, जिसमें उन्होंने मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के रूप में सेवाएं दी थीं। मुख्यमंत्री शिंदे ने इस घटना की कड़ी निंदा की और उनकी मृत्यु को राज्य के लिए एक बड़ा नुकसान बताया।

पुलिस जांच और विपक्ष का रुख

पुलिस जांच और विपक्ष का रुख

इस जघन्य घटना के बाद पुलिस ने इसकी बारीकी से जांच शुरू कर दी है। अजित पवार ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है और घटना के दोषियों को पकड़ने के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि दोषियों की पहचान 2-3 दिनों के भीतर सुनिश्चित की जाएगी। विपक्ष ने सरकार की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब देते हुए पवार ने कहा कि सरकार का मुख्य ध्यान अपराधियों को पकड़ने पर है।

वर्तमान राजनीतिक हालातों में यह घटना समाज और सरकार की संरचना पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है। क्या राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई नई नीति बनाई जाएगी, यह भविष्य ही बताएगा। लेकिन फिलहाल इस घटना ने मुसीबतें बढ़ा दी हैं और सोशल मीडिया पर सम्मान और शोक के संदेशों की बाढ़ आ गई है।