बाबा सिद्दीकी की हत्या से मची खलबली
मुंबई के बांद्रा इलाके में राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की बेरहमी से हत्या ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। यह घटना उस समय घटित हुई जब तीन अज्ञात हमलावरों ने उनके ऊपर गोलीबारी कर दी। यह हत्या भारतीय राजनीति में एक गंभीर सुरक्षा चुनौती के रूप में सामने आई है। सिद्दीकी की हत्या के बाद उनकी मृत्यु पर उनके समर्थकों और प्रियजनों में गहरा शोक व्याप्त है। वहीं इस मामले में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
जीशान सिद्दीकी का भावुक संदेश
अपने पिता की हत्या के बाद जीशान सिद्दीकी ने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने पिता के अंतिम संस्कार की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रविवार को उनके पिता का अंतिम संस्कार बड़ा कब्रिस्तान, मरीन लाइन्स स्टेशन के विपरीत स्थित स्थान पर रात 8:30 बजे किया जाएगा। नमाज़-ए-जनाज़ा शाम 7 बजे मगरीब नमाज़ के बाद मौलाना हाइट्स, बांद्रा में होगा। उन्होंने अपने पिता के लिए दुआएं करने की अपील की।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बाबा सिद्दीकी के सम्मान में उनके अंतिम संस्कार के लिए राज्य सम्मान का प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। बाबा सिद्दीकी अपनी राजनीतिक यात्रा में महत्वपूर्ण पदों पर रहे थे, जिसमें उन्होंने मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री के रूप में सेवाएं दी थीं। मुख्यमंत्री शिंदे ने इस घटना की कड़ी निंदा की और उनकी मृत्यु को राज्य के लिए एक बड़ा नुकसान बताया।
पुलिस जांच और विपक्ष का रुख
इस जघन्य घटना के बाद पुलिस ने इसकी बारीकी से जांच शुरू कर दी है। अजित पवार ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है और घटना के दोषियों को पकड़ने के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि दोषियों की पहचान 2-3 दिनों के भीतर सुनिश्चित की जाएगी। विपक्ष ने सरकार की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब देते हुए पवार ने कहा कि सरकार का मुख्य ध्यान अपराधियों को पकड़ने पर है।
वर्तमान राजनीतिक हालातों में यह घटना समाज और सरकार की संरचना पर प्रश्नचिन्ह लगा रही है। क्या राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई नई नीति बनाई जाएगी, यह भविष्य ही बताएगा। लेकिन फिलहाल इस घटना ने मुसीबतें बढ़ा दी हैं और सोशल मीडिया पर सम्मान और शोक के संदेशों की बाढ़ आ गई है।
9 टिप्पणि
Vishakha Shelar
अक्तूबर 15, 2024 AT 11:23 पूर्वाह्नये बस एक और राजनेता की हत्या है... अब क्या होगा? 😭
Rashmi Naik
अक्तूबर 17, 2024 AT 08:47 पूर्वाह्नइस घटना के बाद सुरक्षा प्रोटोकॉल्स को रिवाइज करने की जरूरत है... अन्यथा ये एक ट्रेंड बन जाएगा। अगर राजनीतिक नेता अपने घर से बाहर निकलने से डरेंगे तो लोकतंत्र क्या रह जाएगा? 🤔
charan j
अक्तूबर 19, 2024 AT 05:54 पूर्वाह्नसब रो रहे हैं पर कोई असली सवाल नहीं पूछ रहा। ये जो गिरफ्तारी हुई वो भी बकवास है। पुलिस के पास तो कोई फुटेज नहीं था शायद।
Kotni Sachin
अक्तूबर 20, 2024 AT 12:47 अपराह्नये बहुत दर्दनाक है... बाबा सिद्दीकी ने अपने जीवन में कई बार गरीबों के लिए आवाज उठाई... उनकी याद अमर रहे... और हाँ, जीशान भैया, आपके दुख को मैं पूरी तरह समझता हूँ... आप अकेले नहीं हैं... बहुत से लोग आपके साथ हैं... आपके पिता का बलिदान बेकार नहीं जाएगा... दुआएँ हैं आपके लिए... 🙏🙏🙏
Nathan Allano
अक्तूबर 20, 2024 AT 22:14 अपराह्नमैंने इस घटना के बारे में एक दोस्त से बात की जो बांद्रा में रहता है... उसने कहा कि लोग अभी भी शॉक में हैं... बस एक दिन पहले तक वो अपने बच्चों को स्कूल छोड़ रहे थे... और अब उनके पिता का शव लेकर जा रहे हैं... ये बस एक खबर नहीं है... ये एक परिवार का टूटना है... और हम सब इसका हिस्सा हैं... अगर हम इसे बस एक ट्रेंड बना देंगे तो हम भी अपराधी बन जाएंगे...
Guru s20
अक्तूबर 21, 2024 AT 02:12 पूर्वाह्नमैंने आज अपने नाना से बात की... उन्होंने कहा कि बाबा सिद्दीकी उनके समय में बहुत लोकप्रिय थे... वो बातचीत करते थे... बात करते थे... नहीं तो गोली मारते... अब तो बात करने वाले भी मारे जा रहे हैं... ये देश क्या हो रहा है?
Raj Kamal
अक्तूबर 22, 2024 AT 20:57 अपराह्नक्या कभी सोचा है कि जब एक राजनेता की हत्या होती है तो उसकी बेटी या बेटा को अपने पिता के शव के साथ लेकर घूमना पड़ता है... और उसके बाद वो लोगों को बताते हैं कि अंतिम संस्कार कहाँ होगा... और फिर वो अपने दिल को बचाने के लिए सोशल मीडिया पर लिखते हैं... और हम सब उसे लाइक करते हैं... लेकिन क्या हमने कभी उस बेटे को अपने घर पर बुलाया है... क्या हमने उसे बस एक चाय पीकर बात करने का मौका दिया है... या हम बस उसके दुख को एक फीड बना देते हैं... जिसे हम अगले दिन भूल जाते हैं... ये दर्द अभी भी जीवित है... और हम उसे नजरअंदाज कर रहे हैं...
Rahul Raipurkar
अक्तूबर 23, 2024 AT 07:57 पूर्वाह्नमानव जीवन की अनिश्चितता को राजनीति के बहाने नहीं बढ़ाया जा सकता। यह घटना एक व्यक्तिगत त्रासदी है जिसे सामाजिक अपराध के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। लेकिन यदि हम व्यक्तिगत विश्वासों को सामाजिक न्याय के रूप में नहीं देखते हैं, तो हम सभी अपने आप को एक अपराधी बना रहे हैं।
Ayush Sharma
अक्तूबर 23, 2024 AT 17:44 अपराह्नमैंने इस खबर को देखा... और बस एक बात सोची... ये बाबा सिद्दीकी के लिए अंतिम संस्कार है... और हम सब यहाँ बातें कर रहे हैं... लेकिन क्या हम इस दुख को समझ पा रहे हैं... या हम बस एक ट्रेंड में शामिल हो रहे हैं... अगर हम इस दुख को अपने दिल में बसा लें... तो शायद एक दिन ये हत्याएँ बंद हो जाएँगी...